देश भक्ति जन सेवा का नारा साथ लेकर चलने वाले पुलिस कर्मियों के सामने आवास बड़ी समस्या

जितनी ज़रूरत उसके आधे भी आवास नहीं पुलिस महकमे के पास ,एक बड़ी राशि घर किराये के रूप में दे रहे पुलिसकर्मी ,हर थाना क्षेत्र में ऐकड़ों में नजूल के भूमियां ,लेकिन हो जाते हैं अवैध कब्ज़े ,हाल ही में खजराना क्षेत्र में कई भूमियां जिला प्रशासन ने कराई मुक्त ,कार्यवाही लगातार जारी ,अगर पुलिस विभाग को दे दी जाए तो हो सकता हे समस्या का समाधान , उपनिरीक्षक,हवालदार ,सिपाही सब मिलाकर शहर में लगभग 5300 की संख्या

देश भक्ति जन सेवा का नारा साथ लेकर चलने वाले पुलिस कर्मियों  के सामने आवास बड़ी समस्या
courtesy:the guardian

द एक्सपोज़ लाइव न्यूज़ नेटवर्क इंदौर 

लगभग 15 घण्टे रोज़ शहर की सुरक्षा में लगे रहने वाले पुलिस कर्मियों को रहने की ही सुविधा नहीं मिल पा रही हे ,सबसे बड़ी परेशानी शहर के बाहार से आने वाली पुलिस कर्मियों को होती हे ! तन्खा का एक बड़ा हिस्सा हर माह घर किराये के रूप में निकल जाता हे ! ऐसा नहीं हे की पुलिस विभाग के पास आवास नहीं है ,डीआरपी लाइन ,खड़े गणपति ,खजराना थाना ,चौथी पल्टन ,राउ ,LIG चौराहे समेत लगभग १० से १२ जगह बने हैं पुलिस आवास  ! लेकिन सभी की स्थिति इतनी भयावह की रहना तो दूर देखने में भी डर लगता हे !

कूल मिलाकर महकमे के पास 2881 आवास अलग अलग जगह पर उपलब्ध हैं जिसमे से 881 आवास जर्जर घोषित किये जा चुके हैं ! बेशक उसमे अभी कोई रहता नहीं और ना ही विभाग द्वारा इन्हे किसी को आवंटित किया जा रहा हे ! उपनिरीक्षक और सिपाही को हर माह लगभग रु 2400 और रु 1800 सरकारी आवास नहीं मिलने की दशा में आवास भत्ता मिलता हे जो आज के और शहर के  हिसाब से इतना कम हे की एक कमरा भी लेना असंभव हे ! अगर परिवार के साथ में रहना हो तो दस से बारह हज़ार प्रति माह मामूली बात हे ! 

अभी हाल ही में खजराना क्षेत्र में जिला प्रशासन द्वारा खसरा क्र. 532 ,442 ( क्षेत्रफल लगभग 4  हेक्ट ) से कुछ अतिक्रमण मुक्त कराया था ,वहीँ 442 खसरा सीलिंग में दर्ज हे जिसपर अवैध रूप से ताज नगर बसा दिया गया हे ! ऐसा ही एक मामला खजराना के सर्वे  क्र 325 ( क्षेत्रफल लगभग 5 हेक्ट ) का हे जिसपर अवैध पटेल नगर बसा दिया गया हे !. 

एक सेवानिवृत आईपीएस अधिकारी से समस्या का समाधान पूछने पर उनका कहना हे अगर यही भूमियां  कलेक्टर पुलिस महकमे को दे देते  हे तो वहां पर लगभग 5 थानों के पुलिस कर्मियों के आवास बनाये जा सकते हे ,जिससे न सिर्फ आवास समस्या का निदान होगा बल्कि और भी कई अनैतिक गतिविधियों पर स्वतः ही रोक लग सकती हे ! जहाँ तक आवास बनाने की बात हे पुलिस विभाग के पास स्वयं मध्य प्रदेश पुलिस हाउसिंग नाम से विभाग हे जिसमे लोक निर्माण विभाग के अभियंताओं की पूरी टीम मौजूद हे !

पुराने और जर्जर हो रहे  आवासों  की मरमम्मत  बारे में  पूर्व चीफ इंजीनियर म.प्र. पुलिस हाउसिंग  रामेश्वर लोहार का कहना हे की ,सभी आवास इतने पुराने हो चुके  हैं की  मरम्मत से अब कोई लाभ नहीं होगा ,इसके बजाए हर थानों को जोन में बाँट कर एक ही जगह पर नए आवास बनाये जाना चाहिए जिनमे हर सुविधा का भी ध्यान रखा जाये ! 

हमने ज़मीन आवंटन हेतु जिला प्रशासन को लिखा हे ,आचार सहिंता और चुनाव के  चलते अभी निर्णय नहीं लिया जा सका हे लेकिन जल्दी ही इस पर निर्णय लिया जायेगा ! मकरंद देउस्कर ( आयुक्त इंदौर पुलिस )