3 साल की बच्ची के साथ अश्लील हरकत, घटना एमरल्ड हाइट्स स्कूल की

शहर के एक प्रतिष्ठित नर्सरी स्कूल में एक निंदनीय घटना सामने आई है, जहाँ स्कूल के एक तृतीय श्रेणी कर्मचारी पर नन्ही बच्ची के साथ अश्लील हरकत करने का गंभीर आरोप लगा है। बच्ची की तबीयत खराब होने पर जब माता-पिता ने उससे पूछा, तो उसने बताया कि स्कूल के "अंकल" ने उसके साथ गलत हरकत की।

3 साल की बच्ची के साथ अश्लील हरकत, घटना एमरल्ड हाइट्स स्कूल की

इंदौर के नर्सरी स्कूल में शर्मनाक घटना, स्टाफ सदस्य ने बच्ची के साथ की अश्लील हरकत

इंदौर, एक्सपोज़ लाइव न्यूज़ नेटवर्क:

इस घटना के बाद नाराज पालकों ने स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कड़ा विरोध जताया। स्कूल के बाहर हंगामा करते हुए पालकों ने बच्चों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए और इस घटना पर सख्त कार्रवाई की मांग की।

स्कूल प्रबंधन का आश्वासन
घटना के बाद, स्कूल प्रबंधन ने तुरंत नर्सरी कैंपस में पुरुष कर्मचारियों की एंट्री पर पाबंदी लगाने का आश्वासन दिया। प्रबंधन ने यह भी कहा कि वह स्कूल के सुरक्षा सिस्टम में सुधार करेंगे ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हो सकें।

पुलिस की कार्रवाई
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस हरकत में आई और आरोपी कर्मचारी को हिरासत में ले लिया गया। क्षेत्र के डीसीपी ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है और जैसे ही लिखित शिकायत प्राप्त होगी, आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

पालकों का आरोप: प्रबंधन ने आरोपी को बचाने की कोशिश की
पालकों ने आरोप लगाया कि स्कूल प्रशासन ने अपराधी से घटना के बारे में कसम खिलाकर जानकारी प्राप्त करने की कोशिश की, जो पूरी तरह से गलत था। उनके विरोध के बाद ही स्कूल प्रबंधन ने आरोपी को पुलिस के हवाले किया।

बच्चों की सुरक्षा को लेकर बढ़ा डर
यह घटना शहर के शिक्षा जगत में बच्चों की सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े करती है। पालकों ने मांग की है कि स्कूलों में सुरक्षा के मानकों को और सख्त किया जाए और बच्चों की देखभाल के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं।

घटना को चेतावनी की तरह  लें

यह घटना समाज में बच्चों की सुरक्षा के प्रति गंभीर सवाल उठाती है। ऐसी घटनाएं बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और अस्वीकार्य हैं। पालकों का स्कूल प्रशासन से हंगामा करना स्वाभाविक है, क्योंकि बच्चों की सुरक्षा हर किसी के लिए प्राथमिकता होनी चाहिए। स्कूल का पुरषों की एंट्री पर प्रतिबंध लगाना एक उचित कदम हो सकता है, लेकिन सिर्फ प्रतिबंध पर्याप्त नहीं है।

स्कूल प्रबंधन को सुरक्षा के कड़े नियम लागू करने चाहिए, जैसे सभी कर्मचारियों का विस्तृत बैकग्राउंड चेक, सीसीटीवी कैमरों की निगरानी और बच्चों की सुरक्षा को लेकर नियमित प्रशिक्षण।

पुलिस का सक्रीय होना और आरोपी को हिरासत में लेना एक महत्वपूर्ण कदम है, लेकिन जब तक लिखित शिकायत दर्ज नहीं होती, तब तक कार्यवाही में देरी हो सकती है। पालकों को भी इस दिशा में पुलिस का साथ देना चाहिए ताकि सख्त कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित हो सके।

यह घटना सभी पालकों और शिक्षण संस्थानों के लिए एक चेतावनी है कि बच्चों की सुरक्षा के मामले में कोई ढिलाई नहीं होनी चाहिए।