गैरज़रूरी रिंग रोड का विरोध ,किसान संघ की मांग पहुंची मुख्यमंत्री के पास

पश्चिमी रिंग रोड़ा के लगातार बढ़ रहे विरोध के चलते भारतीय किसान संघ ने मुख्यमंत्री को न सिर्फ चेताया बल्कि अनियंत्रित हो रहे सिंचित भूमि का विकास के नाम अधिग्रहण करने के लिए नीतियां बनाने की भी मांग करी ,यह विरोध तब और बढ़ गया जब जिलाधीश के सामने गाइड लाइन बढ़ाने की मांग किसानों ने रखी और उनका यह कहना की एक बार धारा 3(A) के तहत जारी हो चुकी अधिसूचना पर बढ़ी गाइड लाइन का कोई फर्क नहीं पढता , किसानों में विरोध इस कद्र बढ़ चूका हे की किसान अब 2016 के किसान आंदोलन की तरफ अग्रसर होने का मन बना रहे हैं !

गैरज़रूरी रिंग रोड का विरोध ,किसान संघ की मांग पहुंची मुख्यमंत्री  के पास

द एक्सपोज़  नेटवर्क इंदौर 

पश्चिमी रिंग रोड का विरोध कर रहे किसानों के चलते अब भारतीय किसान संघ ने भी कमर कस ली हे ,गांव गांव ,चौपाल चौपाल संघ के पदाधिकारी किसानों के साथ खड़े दीख रहे हैं ,दरअसल सभी गाओं में जिला प्रशासन द्वारा जॉइंट सर्वे किया जा रहा जिसका विरोध किसान लगातर कर रहे हैं ! किसानों का कहना हे की न तो हमारी सहमति और न उचित मुआवज़े की बात की जा रही हे ,किसानों की मांग हे की इस रोड की कहीं कोई ज़रूरत नहीं हे ,और अगर ज़रूरत हो भी तो सिंचित भूमि के बदले सिचित भूमि मुआवज़े में दी जाए ! इसी के चलते  भारतीय किसान संघ, मालवा प्रांत ने आज मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपते हुए प्रदेश में अनियमित भूमि अधिग्रहण के विरोध में अपनी आपत्ति दर्ज कराई। संगठन ने आरोप लगाया कि किसानों की सहमति के बिना भूमि अधिग्रहण किया जा रहा है, जो अन्यायपूर्ण है।

किसान संघ के पदाधिकारियों ने मांग की कि—

1. आउटर रिंग रोड निर्माण के लिए किसानों की सहमति अनिवार्य की जाए।

2. पिछले 12 वर्षों से गाइडलाइन नहीं बढ़ाई गई, इसे प्रतिवर्ष 20% के हिसाब से बढ़ाया जाए।

3. सभी विकास प्राधिकरणों जो अपने मूल उद्देशय से भटक अब सरकारी भू माफिया बन चुके हैं उन्हें तत्काल भंग किया जाए ।

4. सुप्रीम कोर्ट की स्थायी गाइडलाइन का पालन राज्य में अनिवार्य किया जाए।

5. भूमि अधिग्रहण  नवीन भूमि अभिग्रहण  अधिनियम 2013 के तहत किया जाए,जिसमे मुआवज़े को बाजार मूल्य के आधार पर देने का प्रावधान हे ।

संघ ने सरकार को चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों पर विचार नहीं किया गया तो प्रदेशभर में व्यापक आंदोलन किया जाएगा।