जिस योजना 53 का अस्तित्व ही नहीं, उसी में आईडीए बेच रहा प्लॉट

आईडीए ने बड़े भूखंडों को बेचने के लिए विज्ञापन निकाला है। इसमें योजना 53 के दो भूखंड भी बेचे जा रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि योजना 53 है ही नहीं। योजना 53 के नाम से एक योजना थी तो सही, लेकिन हाईकोर्ट के दो अलग-अलग आदेशों के द्वारा यह योजना खत्म हो गई है। इसके बाद आईडीए भी योजना का त्याग कर चुका है। एक आरटीआई खुद आईडीए स्वीकार चुका है कि योजना 53 का त्याग कर दिया गया है। सवाल यह है कि जो योजना अस्तित्व में ही नहीं है, उसके प्लॉट कैसे बेचे जा रहे हैं।

जिस योजना 53 का अस्तित्व ही नहीं, उसी में आईडीए बेच रहा प्लॉट

बर्फानी धाम के कब्जे वाली जमीन सहित दो प्लॉटों के निकाले टेंडर

हाईकोर्ट के दो आदेशों के बाद 1998 में ही खत्म हो चुकी है योजना

द एक्सपोज लाइव न्यूज नेटवर्क, इंदौर। Indore News.

इंदौर विकास प्राधिकरण यानी आईडीए ने सुपर कॉरिडोर सहित कई स्कीमों में बड़े प्लॉटों के टेंडर निकाले। इन प्लॉटों से आईडीए को करीब एक हजार करोड़ की कमाई की उम्मीद है। पर इसमें एमआर-9 के दो भूखंड भी हैं, जो बर्फानी धाम के पास हैं। हालांकि इसमें से एक पर तो बर्फानी धाम आश्रम का कब्जा भी है, वहीं दूसरी पर स्थानीय मार्केट लगता है। पर मुद्दा यह नहीं है, मुद्दा यह है कि आईडीए ने अपने विज्ञापन में कहा है कि ये दोनों प्लॉट स्कीम नंबर 53 में पीएसपी लैंडयूज के बताए हैं।

योजना खत्म करने के हाईकोर्ट के आदेश

बात करें योजना 53 की तो यह हाईकोर्ट की सिंगल बेंच का आदेश 1997 में डबल बेंच का आदेश 1998 में था। इन दोनों ही आदेशों में योजना को खत्म कर दिया गया था। नई योजना लागू करने की सहूलियत आईडीए को जरूर दी गई थी, लेकिन आईडीए नई योजना नहीं लाया। इसके बाद 1998 में ही एक संकल्प के जरिए योजना का त्याग कर दिया। सवाल यही है कि जब योजना का अब कोई अस्तित्व ही नहीं है, तो इसके नाम पर भूखंड क्यों बेचे जा रहे हैं? एक बात तो स्पष्ट है कि आईडीए खरीदारों को भ्रमित कर अपना उल्लू सीधा करना चाहता है।

करीब नौ करोड़ है कीमत

आईडीए के विज्ञापन के अनुसार एक प्लॉट बर्फानी धाम के सामने वाला है और दूसरा उसके पास वाला। एक का रेट 4 करोड़ है और दूसरे का 4.7 करोड़। इन दोनों को बेचकर आईडीए को 10 करोड़ से ज्यादा मिलने की उम्मीद है। 

रेरा में भी करवा लिया रजिस्ट्रेशन

चौंकाने वाली एक बात यह भी है कि आईडीए ने योजना 53 का रेरा में भी रजिस्ट्रेशन करवा लिया है। रेरा के प्रोजेक्ट्स में आईडीए की योजना 53 भी शामिल है। इसके लिए आईडीए एग्रीमेंट, टीएनसीपी परमिशन, लेआउट, डेवलपमेंट कार्यों का लेखा-जोखा दिया है। रेरा से यह तथ्य छुपाया गया कि योजना निरस्त है। रेरा ने भी बिना कोई तस्दीक किए प्रोजेक्ट का रजिस्ट्रेशन कर दिया।