प्रशासन की सख्ती के बीच भूमाफिया बने नामचीन बिल्डर, कांकड़ की सरकारी जमीन पर बनाई सड़क
कनाड़िया तहसील पर आरोप ,वर्षों से खेती कर रहे किसानों को किया बेदखल ,किसान हुए बेरोज़गार ,फायदा हुआ बिल्डर का ,शासन प्रशासन मौन ,सरकार को करोड़ों का नुकसान,
द एक्सपोज़ लाइव न्यूज़ नेटवर्क:
जहाँ मोहन सरकार और जिला प्रशासन भूमाफियों की गतिविधियों पर कड़ा शिकंजा कसने में जुटे हैं, वहीं एक नामचीन बिल्डर पर सरकारी जमीन हथियाने और उसे अपनी कॉलोनी में बदलने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। ग्राम हिंगोनिया, तहसील कनाड़िया में पिछले 1995 से खेती कर रहे किसानों को हटाकर प्रशासन ने कार्रवाई शुरू की थी, लेकिन उसी दौरान बिल्डर ने ताबड़तोड़ निर्माण कर सरकारी जमीन पर सड़क बना डाली। इससे शासन को करोड़ों का घाटा हो गया है।
5 हेक्टेयर सरकारी जमीन पर कब्जा, किसानों पर FIR
किसानों के अनुसार, उन्हें हटाकर प्रशासन ने सरकारी कांकड़ पर कब्जा लिया था, लेकिन बिल्डर ने कॉलोनी का मार्ग निकालने के लिए इस जमीन का इस्तेमाल कर लिया। जब किसानों ने क्षेत्रीय विधायक से शिकायत की तो उन्हें राहत मिलने के बजाय उल्टा उन पर FIR दर्ज कर दी गई। किसानों की मेहनत की जमीन एक झटके में छीनी गई और अब उनके पास ना तो खेती बची है और ना ही रोजगार।
पटवारी और राजस्व निरीक्षक की मिलीभगत?
तहसील कनाड़िया के पटवारी और राजस्व निरीक्षक ने इस मामले में चुप्पी साध रखी है। पटवारी का कहना है कि सड़क निर्माण के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है और उन्होंने इस पर रिपोर्ट भी नहीं दी है। वहीं, राजस्व निरीक्षक ने भी जानकारी होने से इनकार किया है और कहा कि वे वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित करेंगे। इस मौन और ढिलाई के कारण कई गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
तहसीलदार का बयान: ‘नियम विरुद्ध निर्माण मिला तो होगी कार्रवाई’
तहसीलदार कनाड़िया ने कहा, "हमने कांकड़ की भूमि मुक्त कराई है और कब्जा लेना भी शुरू कर दिया है। यदि निर्माण नियमों के विरुद्ध पाया गया तो तुरंत कार्रवाई की जाएगी।"
यह मामला प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रहा है और सरकार से उम्मीद की जा रही है कि वह इस पर कड़ा कदम उठाएगी।