आरटीआई एक्टिविस्ट के साथ वन विभाग के अधिकारियों की मारपीट का मामला
भ्रष्टाचार की शिकायत करने वाले आरटीआई एक्टिविस्ट पर हमला, वन विभाग पर 1 करोड़ के भ्रष्टाचार के आरोप। मामला हीरा नगर थाना पहुंचा।
द एक्सपोज़ लाइव न्यूज़ नेटवर्क, इंदौर
कुछ दिनों पहले आरटीआई एक्टिविस्ट हेमंत झाला ने भागीरथपुरा क्षेत्र में वर्ष 2021 में हुए वृक्षारोपण को लेकर शिकायत दर्ज कराई थी। उनका आरोप था कि चिन्हित जगह पर न तो पौधारोपण किया गया और न ही पूरी मात्रा में पौधे लगाए गए, लेकिन बिल पूरा पास करवा लिया गया। उन्होंने दावा किया कि इस मामले में लगभग 1 करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार हुआ है। मौके पर पौधे नहीं पाए जाने की पुष्टि के साथ हेमंत ने डिप्टी रेंजर लीना झाला और रेंजर कौशांबी झा के खिलाफ लोकायुक्त में मय दस्तावेज शिकायत दर्ज कराई। हेमंत का आरोप है कि वन विभाग के अधिकारी मामले को दबाने की कोशिश कर रहे हैं।
मामले में मारपीट की घटना
आज भागीरथपुरा क्षेत्र में हेमंत और लीना झाला का आमना-सामना हुआ, जिसके बाद विवाद बढ़ गया। बताया जा रहा है कि डिप्टी रेंजर लीना झाला ने अपने अमले के साथ हेमंत पर हमला किया। दोनों के बीच करीबी रिश्तेदारी भी बताई जा रही है। इस पूरी घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें लीना झाला को हेमंत पर हमला करते हुए देखा जा सकता है।
थाने में मामला और बढ़ा
घटना के बाद मामला हीरा नगर थाने पहुंचा, जहां करणी सेना के समर्थक बड़ी संख्या में लीना झाला के पक्ष में जमा हो गए। इस दौरान हेमंत पर भीड़ ने हमला किया। दबाव में आकर पुलिस ने हेमंत के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा डालने का मामला दर्ज किया और उन्हें जेल भेज दिया। हालांकि वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि मकान संबंधी विवाद और दस्तावेजों को लेकर बहस हो रही थी।
डिप्टी रेंजर पहले भी विवादों में रही हैं
मामले में आरोपित डिप्टी रेंजर लीना झाला और रेंजर कौशांबी झा पहले भी भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरी रही हैं। बिना विभागीय अनुमति विदेश दौरे करने के मामले भी सामने आए हैं। हाल ही में डीएफओ द्वारा की गई आत्महत्या का रहस्य भी अभी तक नहीं सुलझा है, जो विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है।
भ्रष्टाचार की जड़ें गहरी
यह घटना वन विभाग में फैले भ्रष्टाचार और आरटीआई एक्टिविस्ट पर हो रहे हमलों को उजागर करती है। हेमंत द्वारा लगाए गए आरोप और उनके समर्थन में पेश किए गए दस्तावेज गंभीर जांच की मांग करते हैं।
पुलिस और प्रशासन से उम्मीद है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों को सजा दी जाएगी। आरटीआई एक्टिविस्ट की सुरक्षा सुनिश्चित करना और भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वालों को न्याय दिलाना बेहद आवश्यक है।