खजराना तालाब की जगह अब "खजराना चौराहा" बनेगा तालाब

प्राकृतिक जलस्रोतों को सहेजने की प्रदेश स्तर पर बन रही नीति, निकायों को सौंपी जा रही ज़िम्मेदारी, लेकिन खजराना तालाब की हो रही दुर्दशा, अतिक्रमण कर रोका जल भराव का मार्ग, पूर्व निगमायुक्त ने बनाई थी जांच समिति

खजराना तालाब की जगह अब "खजराना चौराहा" बनेगा तालाब

द एक्सपोज लाइव न्यूज़ नेटवर्क, इंदौर

जहाँ प्रदेश में प्राकृतिक तालाबों, बावड़ियों, कुओं को सहेजने की नीति बनाई जा रही है, वहीं बदहाल हो चुके निगम को इससे कोई फर्क नहीं पड़ रहा ! खजराना तालाब, जो वर्षों से प्रकृति की देन है, को सहेजना तो दूर, उसको खत्म करने की नीति बनाई जा रही है ! लोगों को तालाब के जल भराव मार्ग पर अतिक्रमण करने से रोका तक नहीं जा रहा है!

क्षेत्र के लोगों ने खजराना दरगाह से रिंग रोड पर आने वाले गाँव के पूर्व मुख्य मार्ग पर अतिक्रमण कर लिया है जिसके कारण वहां का पानी बहकर तालाब में नहीं जाता, बल्कि सीधे चौराहे पर जमा हो जाता है।

स्टॉर्म वाटर लाइन भी तहस-नहस

खजराना चौराहे पर पिछले तीन-चार सालों से हर बरसात में पानी भरने लगता है जिसकी निकासी के लिए स्टॉर्म वाटर लाइन भी डाली गई है जो लगभग तहस-नहस हो चुकी है। बन रहे खजराना फ्लाईओवर के कारण इस वर्ष हालात और भी गंभीर होने वाले हैं। यहाँ तक की STP पर भी अतिक्रमण कर लिया गया है। क्षेत्र में सुप्रसिद्ध दो समुदायों के धर्मस्थल भी हैं जिसके कारण शहर और प्रदेश के कई श्रद्धालु यहाँ आते-जाते रहते हैं। हर किसी के मन में सवाल आता है कि क्या इंदौर वाकई स्वच्छता का खिताब जितने लायक है?

अब तक की सबसे ज़्यादा पढ़ी-लिखी कही जाने वाली महापौर परिषद का आलम यह है कि आते ही कॉर्पोरेट कल्चर लागू कर दिया, शनिवार-रविवार को काम भी करना बंद कर दिया! ऐसे में निगम जिसे अत्यावश्यक सेवाओं की देखभाल करने के लिए जाना जाता है, वहां के अधिकारी और जनप्रतिनिधि फोन तक उठाना लाज़मी नहीं समझ रहे! फिर अगर कोई कह दे "सब कुछ राम भरोसे" तो गलत क्या है!

"तालाब की स्थिति और जल मार्ग के लिए मेरे द्वारा अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। बहुत जल्द गणेश चतुर्थी का पर्व भी आने वाला है। हमारा प्रयास रहेगा कि आम जनता को परेशानी न हो!" पुष्पेंद्र पाटीदार (पार्षद वार्ड 40)