सरकारी ज़मीन के लिए साढ़े तीन करोड़ नगद किया इस्लाम शफी ने भुगतान ,फिर बेचीं महेश कनाड़ी को

विधायक हार्डिया ने ग्राम खजराना के सर्वे नंबर 325 पैकी के संबंध में कलेक्टर को तथ्यों का उल्लेख करते हुए लिखा था पत्र ! 150 करोड़ की ज़मीन ,प्रशासन ने ले लिया था वर्ष 1999 में कब्ज़ा ,उसके बाद हुआ खेल , एक्सपोज लाइव की पड़ताल में कई तथ्य आये सामने , शासन पूरे वाकये से बेखबर,सरकारी ज़मीन का भूमाफिया ने किया 5 करोड़ में सौदा ,इतनी बड़ी राशि का पूर्व किसानों को नकद भुगतान जिसको खुद किसानों ने अदालत में स्वीकारा,प्राधिकरण की योजनाओ का हिस्सा हे पूरी ज़मीन लेकिन प्राधिकरण भी मौन ,पुरे खेल से बेखबर,अदालत को गुमराह कर लिया स्थगन ताकि प्रशासन कोई कार्यवाही न कर सके,अगर पुरे मामले की सूक्ष्मता से जांच की जाती हे तो शहर में कई भूमाफियों का खेल खेलने का तरीके उजागर होंगे

सरकारी ज़मीन के लिए साढ़े तीन करोड़ नगद  किया इस्लाम शफी ने भुगतान ,फिर बेचीं महेश कनाड़ी को

द एक्सपोज़ लाइव न्यूज नेटवर्क इंदौर

अभी हाल ही में खजराना ग्राम स्थित सर्वे नंबर 325 पैकी ,जिसका कुल रकबा  लगभग 6 हेक्टेयर के आसपास है और कीमत भी डेढ़ सौ करोड़ से ऊपर !   जिस पर आज भू माफिया इस्लाम पिता शफी ने अवैध रूप से पटेल नगर बसा दिया ! दरअसल इसी भूमि पर कानूनी दांव पेंचों  का सहारा लेकर बड़े ही सु नियोजित तरीके से सरकारी जमीन को हड़पने की साजिश भुमाफिया द्वारा रच ली गई ! जिस जमीन का कब्जा सीलिंग कानून के तहत जिला प्रशासन मूल किसानों से वर्ष 1999 में प्राप्त कर चुका था उसी जमीन पर किसानों के साथ मिलकर भूमाफिया इस्लाम पिता शफी ने  साजिश रची ! बाद में इसी अनुबंधित भूमि को महेश कनाड़ी  नाम के शख्स को बेच दिया गया  बदले में 3 करोड़ 19 लाख इस्लाम से नगद  ,59.50 लाख अज्ञात से नगद  और 1 करोड़ 25 लाख विभिन्न चेकों से माध्यम से  राशि  किसानों को दे दी गयी  ! पूरा कार्य इतने सुनियोजित तरीके से और चुपचाप अंजाम पर लाया गया कि प्रशासन को थोड़ी भी भनक नहीं लगी ! आधी ज़मीन पर अवैध पटेल नगर आधे पर हो रही खेती

ज़मीन सरकारी नाम पर  दर्ज और भू माफिया ने  5 करोड़  दिए किसानों को   

वर्ष 2015 में अदालत से तथ्य छुपा कर और गुमराह कर इस्लाम पिता शफी ने महेश कनाड़ी  के नाम बिना शासन को पक्षकार बनाये  डिक्री भी अदालत से पारित करवा ली ! जब दस्तावेजों की छानबीन की गई और क्षेत्रीय विधायक से इस बारे में और पड़ताल की गई तो बड़े चौंकाने वाले तथ्य सामने आने लगे  !  पूरा मामला प्रशासन को आज दिनांक तक भी मालूम नहीं है और पूर्व किसानों ने सुनियोजित तरीके से भूमाफिया का साथ देते हुए एक याचिका भी न्यायालय में लगा रखी है और इसी  याचिका में  पहले ही घोषित डिक्री और प्रतिफल में प्राप्त राशि का ज़िक्र न तो याचिकाकर्ता  और न ही प्रशासन द्वारा अपने जवाब में  किया गया है ! नेशनल लोक अदालत में निम्नलिखित प्रकरणों  में पारित डिक्री में स्वीकार किया गया की उक्त राशि  किसानों को इस्लाम पिता शफी द्वारा दी गयी 

 

किसान का नाम

प्रकरण क्र

प्राप्त  की गयी राशि

राशि देने वाला                                                   

 

राजेंद्र पिता विष्णु एवं अन्य

1 ए /2015

11050000

इस्लाम पिता शफी

महेश पिता सेवाराम एवं अन्य

4 ए /2014

5000000

इस्लाम पिता शफी

हरिनारायण पिता मुन्नालाल एवं अन्य

5 ए /2014

4400000

इस्लाम पिता शफी

सुनील  पिता स्व गोपाल एवं अन्य

48 ए /2014

9000000

इस्लाम पिता शफी

रामचंद्र पिता रामा जी एवं अन्य

49 ए /2014

8400000

इस्लाम पिता शफी

अपने आप को कानूनी दावं पेंच में सुरक्षित करता चला आ रहा भूमाफिया ,पूरा खेल किसानों के नाम से 

भूमाफिया कानूनी रूप से इतना शातिर हे की अधिकार नहीं होने के बावजूद और प्रतिफल में लगभग 5 करोड़  की राशि प्राप्त  करने के बावजूद भी अदालत में किसानों से याचिका wp 1950 /2017 और wp 17962 /2023 लगवा दी गयी इतना ही नहीं wp 1950 के जवाब में शासन द्वारा उक्त डिक्री और किसानों द्वारा प्राप्त राशि दोनों ही तथ्यों का उल्लेख नहीं किया गया ! अब अगर शासन इस याचिका में जीत भी जाता हे तो अवैध बस्ती बसाने का पूरा मामला किसानों के माथै मढ़ दिया जायेगा !  अदालत को गुमराह कर लिया स्थगन ताकि प्रशासन कोई कार्यवाही न कर सके