बिना पर्ची के बिक रही खतरनाक दवाएं ,नकली शरीर बनाने में हो रही इस्तेमाल ! दोषी कौन ?

भारत में डोपिंग एक गंभीर समस्या बनती जा रही है, खासकर खेल जगत में। डोपिंग के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, और यह सवाल उठता है कि क्या केवल खिलाड़ी इसके लिए जिम्मेदार हैं या इसके पीछे दवा कंपनियों और निजी जिम ट्रेनरों का भी हाथ है, जो अवैध रूप से स्टेरॉइड और अन्य खतरनाक दवाओं का व्यापार कर रहे हैं।

बिना पर्ची के बिक रही खतरनाक दवाएं ,नकली शरीर बनाने में हो रही इस्तेमाल ! दोषी कौन ?

क्या सिर्फ खिलाड़ी ही दोषी हैं या निजी जिम ट्रेनर और दवा कंपनियां भी हैं जिम्मेदार?

बिना चिकित्सकीय परामर्श नकली शरीर बनाने के लिए दवाओं के अत्यधिक उपयोग से युवा कर रहें अपनी ज़िन्दगी से खिलवाड़

सरकार को निति बदलने की ज़रूरत, स्टेरोइड वाली दवाओं को नारकोटिक्स के दायरे में लाने की ज़रूरत

द एक्सपोज़ लाइव न्यूज नेटवर्क, इंदौर

2023 के आंकड़ों के अनुसार, भारत में डोपिंग के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है। वर्ल्ड एंटी-डोपिंग एजेंसी (WADA) की 2022 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत डोपिंग के सबसे ज्यादा मामलों में तीसरे स्थान पर है, जहां 225 एथलीट पकड़े गए। यह संख्या छोटे देशों की तुलना में बहुत अधिक है और देश में डोपिंग के गंभीर प्रचलन को दर्शाता है, जिससे भारत की खेल प्रतिष्ठा को बड़ा धक्का लगा है।

स्टेरॉइड और खतरनाक दवाओं का अवैध व्यापार

भारत में न केवल खिलाड़ी, बल्कि आम युवा भी बड़ी मात्रा में स्टेरॉइड और अन्य हानिकारक दवाओं का सेवन कर रहे हैं, खासकर बॉडी बिल्डिंग के लिए। निजी जिम ट्रेनरों और फिटनेस उद्योग के अनियंत्रित विस्तार के कारण स्टेरॉइड्स और प्रदर्शन बढ़ाने वाली दवाएं आसानी से उपलब्ध हो रही हैं।

कौन से स्टेरॉइड इस्तेमाल हो रहे हैं?

युवाओं द्वारा शरीर बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले प्रमुख स्टेरॉइड्स हैं:

  1. Anabolic Steroids: जैसे कि Testosterone Enanthate और Nandrolone Decanoate
  2. Human Growth Hormone (HGH): मांसपेशियों की वृद्धि को तेजी से बढ़ाने के लिए।
  3. Clenbuterol: फैट बर्निंग के लिए।
  4. Trenbolone: ताकत और मांसपेशियों को तेजी से बढ़ाने के लिए।
  5. Dianabol: मांसपेशियों की तेजी से वृद्धि के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला स्टेरॉइड।

स्टेरॉइड्स के दुष्प्रभाव

इन स्टेरॉइड्स के इस्तेमाल से गंभीर दुष्प्रभाव हो सकते हैं:

  • हृदय रोग: स्टेरॉइड्स के अधिक उपयोग से दिल के दौरे का खतरा बढ़ जाता है।
  • जिगर की क्षति: स्टेरॉइड्स लिवर के लिए अत्यंत हानिकारक होते हैं।
  • गर्भधारण संबंधी समस्याएं: महिलाओं में मासिक धर्म में अनियमितता और बांझपन हो सकता है।
  • मनोवैज्ञानिक प्रभाव: मानसिक तनाव, डिप्रेशन और आक्रामकता का बढ़ना।
  • मांसपेशियों का खिंचाव: अत्यधिक मांसपेशियों की वृद्धि से चोटों का खतरा।

निजी जिम ट्रेनरों की भूमिका

निजी जिम ट्रेनर अक्सर स्टेरॉइड्स और अन्य हानिकारक दवाओं के अवैध व्यापार में शामिल होते हैं। जिम में युवाओं को तेज़ परिणाम देने के लालच में, उन्हें स्टेरॉइड्स की सलाह दी जाती है, जो न केवल अवैध हैं, बल्कि स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा भी हैं।

सरकारी नीतियां और डोपिंग पर नियंत्रण

भारत सरकार ने डोपिंग के खिलाफ कई कदम उठाए हैं, लेकिन इनका असर सीमित है। राष्ट्रीय एंटी-डोपिंग एजेंसी (NADA) ने खिलाड़ियों के नियमित डोपिंग परीक्षण और अन्य योजनाएं शुरू की हैं, लेकिन फिटनेस इंडस्ट्री में स्टेरॉइड्स के उपयोग पर नियंत्रण के लिए ठोस नीतियों की कमी है।

जिम और ट्रेनरों पर सीधा नियंत्रण नहीं होने के कारण समस्या गंभीर है। जिम ट्रेनरों को लाइसेंस देने और उनके कामकाज की निगरानी के लिए कोई मजबूत व्यवस्था नहीं है। इसके अलावा, फार्मास्युटिकल कंपनियों पर भी कड़ा नियंत्रण लगाना जरूरी है, जो इन दवाओं का उत्पादन और वितरण कर रही हैं।

समाधान

  1. कड़े नियामक कानून: जिम ट्रेनरों और स्टेरॉइड्स की बिक्री पर कड़ी निगरानी होनी चाहिए। सरकार को निजी जिम के संचालन के लिए लाइसेंस प्रक्रिया सख्त करनी चाहिए।
  2. शिक्षा और जागरूकता: स्टेरॉइड्स और डोपिंग के दुष्प्रभावों के बारे में अधिक जागरूकता फैलानी चाहिए।
  3. खिलाड़ियों पर निगरानी: NADA और WADA द्वारा डोपिंग परीक्षण को और सख्त बनाना जरूरी है।
  4. फार्मास्युटिकल कंपनियों पर नियंत्रण: गलत दवाओं के उत्पादन और बिक्री पर कड़ी निगरानी होनी चाहिए, और अवैध रूप से बेची जाने वाली दवाओं पर भारी जुर्माना लगाना चाहिए।

विशेषज्ञों की राय

एक बहुराष्ट्रीय कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि कई ड्रग्स का चिकित्सीय उपयोग किया जाता है, लेकिन युवा अपने शरीर को बनाने के लिए इनका अत्यधिक सेवन कर रहे हैं, जिससे वे अपने शरीर को भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि जैसे कुछ ड्रग्स पर नारकोटिक्स के नियम लागू होते हैं, वैसे ही इन ड्रग्स पर भी सख्त नियंत्रण होना चाहिए।

वेट लिफ्टिंग के एक पदाधिकारी ने कहा कि सिक्स पैक्स और बड़ी मसल्स से ज्यादा महत्वपूर्ण है शरीर के अंदर से स्वस्थ होना। लेकिन फिल्म जगत और सोशल मीडिया के भ्रामक प्रचार ने युवाओं में गलत प्रभाव डाला है।

डोपिंग और स्टेरॉइड्स का अवैध उपयोग न केवल खिलाड़ियों, बल्कि आम युवाओं के स्वास्थ्य पर भी गंभीर प्रभाव डाल रहा है। इसे रोकने के लिए सख्त कानूनों और जागरूकता की जरूरत है।