जिस पिता-पुत्र को मृत समझा गया, वे जीवित निकले ! गुर्गे की फिर एक नई करतूत

श्रीराम जिम के पीछे स्थित गुरुनगर में अवैध कब्ज़ा करने वाल गुर्गे की करतूतें आ रही सामने ,पहले बनाई फ़र्ज़ी नोटरी ,फिर जीवित को बताया मृत ,अब पीछे के रास्ते से निगम में सम्पति कर भरने की कर रहा जुगाड़ असली प्लॉट मालिक के द्वारा अब हरि किशन नामक व्यक्ति के खिलाफ विधिक कार्रवाई शुरू।

जिस पिता-पुत्र को मृत समझा गया, वे जीवित निकले ! गुर्गे की फिर एक नई करतूत

द एक्सपोज़ लाइव न्यूज़ नेटवर्क इंदौर 

3 दिन पहले गुरु नगर में प्लाट पर अवैध कब्ज़े की शिकायत प्राप्त हुई तब कॉलोनी के निवासियों  शक हुआ जब उन्होंने देखा कि यह प्लॉट दरअसल  महेश चंद त्रिवेदी के परिचित का है, और यहां चोरी-छुपे गतिविधियां चल रही हैं। पहले तो लोगों ने  चुप्पी साधे रखी, लेकिन जैसे ही प्लॉट पर बोर्ड लगा, कॉलोनीवासियों ने विरोध शुरू कर दिया,क्यूंकि बोर्ड पर नाम किसी हरी किशन जायसवाल का लिखा था ।

लोगों का कहना है कि बाहर से आए लोग खाली पड़े इस प्लॉट पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे थे। उनकी आशंका है कि यदि इन्हें नहीं रोका गया तो कल वे कॉलोनी के खाली मकानों और यहां तक कि उनके घरों पर भी नजर गड़ा सकते हैं।

सतर्क नागरिकों और पार्षद पति की सजगता ने साजिश का किया भंडाफोड़

प्लॉट मालिक के आने के बाद जो जानकारी आम जनता और मीडिया तक पहुंचनी थी, वह पहले ही कॉलोनीवासियों की सतर्कता से उजागर हो गई। बताया जा रहा है कि फर्जी कब्जाधारियों ने पार्षद पति कालू गागोरे को भी शुरुआती दौर में संतुष्ट कर दिया था। लेकिन जैसे ही उन्होंने गहराई से पड़ताल की, मामला साफ हो गया।

लगातार बयान  बदल रहा गुर्गा 

जब मामले में एक्सपोज़ लाइव द्वारा मौके पर लगे बोर्ड से संपर्क साध पता करना चाहा की प्लाट कब ,किससे और कितने में ख़रीदा हे टॉम किसी "विक्का" नाम का ज़िक्र किया गया ,वहीँ जब किसी और मीडिया द्वारा संपर्क किया गया तो बोला पिता द्वारा कॉलोनाइजर से सीधे ख़रीदा गया हे !    

कब्जाधारियों की नई चाल

खबर है कि अब कब्जा करने की कोशिश करने वाला व्यक्ति नगर निगम से संपत्ति कर जमा करवाने की जुगाड़ में जुटा हुआ है, ताकि जमीन पर अवैध दावे को वैध ठहराया जा सके। कॉलोनीवासियों की सतर्कता ने एक बड़ी साजिश को समय रहते उजागर कर दिया !  लेकिन यह घटना सवाल खड़ा करती है कि क्या हमारी संपत्तियां सुरक्षित हैं? और क्यों ऐसे गुर्गों पर पुलिस प्रशासन तत्काल कार्यवाही नहीं करता ?