आरबीआई ने छोटे किसानों को दी राहत, बिना गारंटी वाले कृषि ऋण की सीमा बढ़ाकर 2 लाख रुपये की ,किसान संगठनों का कहना "नहीं मिलती सुविधा "
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपनी मौद्रिक नीति समिति (MPC) की हालिया बैठक में छोटे किसानों को बड़ी राहत दी है। अब बिना गारंटी के कृषि ऋण की सीमा को बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दिया गया है। इससे पहले यह सीमा 1.6 लाख रुपये थी। लेकिन किसान संगठन नहीं मानते इसे वास्तविकता !
द एक्सपोज़ लाइव न्यूज़ नेटवर्क इंदौर
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि यह कदम छोटे और सीमांत किसानों की वित्तीय जरूरतों को पूरा करने और उन्हें सशक्त बनाने के लिए उठाया गया है। इससे किसानों को बैंक से आसानी से ऋण मिल सकेगा और उन्हें साहूकारों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।
यह कदम किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने और कृषि क्षेत्र को मजबूती देने के उद्देश्य से उठाया गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे छोटे किसानों को अपने खेती-बाड़ी के कार्यों में वित्तीय मदद मिलेगी।
यह फैसला ऐसे समय में आया है जब कृषि क्षेत्र को मजबूत करने और किसानों की आय बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। लेकिन किसान संघठन इसे मात्र छलावा कह रहे हैं ,उनका कहना हे की ऐसी योजनाएं घोषणाएं सिर्फ कागज़ और समाचार पत्रों तक सिमिति रह जाती हैं और किसान को इसका लाभ कभी नहीं मिलता ,इसे भले ही गारंटी मुक्त लोन कहा जा रहा हे लेकिन कभी किसी किसान को लोन दे भी दिया गया हो तो उसकी ऋण पुस्तिका पर बंधक लिख दिया जाता हे और लोन भरने के बाद वर्षों तक किसान बंधक शब्द हटाने की जटिल प्रक्रिया का सामना करता हे ,ऐसे हज़ारों उदहारण देखने को मिल जाते हैं !
"ऐसी बहुत योजनाएं सरकार समय समय पर घोषित करती आयी हैं लेकिन ज़मीनी स्तर पर क्रियान्वन पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता ,कितने लोन किस बैंक द्वारा कितने किसानों को दिए गए ऐसी कभी मॉनिटरिंग शीर्ष स्तर से नहीं की जाती और बैंक ऐसी का फायदा उठा कर हर आवेदन को निरस्त कर देती हे ,इसलिए किसानों की दृष्टि से यह सिर्फ छलावा हे !" दिलीप मुकाती (महानगर अध्यक्ष -भारतीय किसान संघ )
" कितना क्रियान्वन होगा कहा नहीं जा सकता ,क्यूंकि देखने में यही आया हे की घोषणा लोकप्रिय कर दी जाती हे लेकिन प्रक्रिया इतनी जटिल होती हे की इसका लाभ कभी भी किसानों को नहीं मिलता ! जब भी किसान लोन लेने के लिए बैंक के पास जाता हे उसे येनकेन प्रकरेण बंधक लोन की तरफ मोड़ दिया जाता हे ! कई मामले ऐसे भी देखने को मिलते हैं की लोन की सम्पूर्ण राशि भरने के बाद भी भूमि वर्षों तक बैंकों में बंधक बानी रहती हे ! विपिन पाटीदार (सचिव -युवा किसान संघ )