नहीं थम रहा गोशाला विवाद, कई संगठन और संत नाराज़, निगम पर गंभीर आरोप

गोशाला हटाने पर बवाल, संतों और संगठनों का प्रदर्शन ,इंदौर के राजेंद्र नगर इलाके में बुधवार को निगम की कार्यवाही ने नया विवाद खड़ा कर दिया है। कार्यवाही का विरोध करने पहुंचे बजरंग दल के कार्यकर्ताओ पर पहले निगम द्वारा लाठी चार्ज किया गया लेकिन कार्यकर्ताओं के संख्या बढ़ते ही निगम को कार्यवाही कुछ देर रोकनी पढ़ गयी थी,यदि समय पर बजरंग दल सज्ञान नहीं लेता तो निगमकारिंयों द्वारा की गयी क्रूरता कभी किसी के सामने नहीं आती

नहीं थम रहा गोशाला विवाद, कई संगठन और संत नाराज़, निगम पर गंभीर आरोप

द एक्सपोज़ लाइव न्यूज़, इंदौर

25 साल पुरानी गोशाला को हटाने के मामले में अब संत समाज, बजरंग दल और कई अन्य संगठन मुखर हो गए हैं। संतों ने राजवाड़ा पर धरना-प्रदर्शन कर निगम और प्रशासन की कार्यवाही पर कड़ा विरोध जताया।

बजरंग दल के कार्यकर्ताओं का कहना है कि मुख्यमंत्री मोहन यादव  गौ-सेवा को प्रोत्साहन देने की बात करते हैं और सरकार की कई योजनाएं गौ-पालन के लिए चलाई जा रही हैं। इसके बावजूद, एक संत द्वारा 25 साल से चलाई जा रही गोशाला पर कार्रवाई करना सरकार की नीतियों के खिलाफ है।

गायों के महत्व और सनातन धर्म पर सवाल

संतों और कार्यकर्ताओं ने सवाल उठाया कि सनातन धर्म में गायों का विशेष महत्व है। जब गायें सड़क पर नहीं थीं और गोशाला का संचालन शांतिपूर्वक हो रहा था, तो कार्रवाई का क्या औचित्य था? उन्होंने भाजपा पर भी निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी सनातन धर्म की रक्षा की बात करती है, लेकिन सत्ता में आते ही इसे भूल जाती है।

भूमाफिया पर क्यों नहीं होती कार्रवाई?

बजरंग दल ने निगम और प्रशासन पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाया। एक कार्यकर्ता ने कहा कि जहां 25 साल पुरानी गोशाला पर कार्रवाई की गई, वहीं 100 एकड़ से अधिक शासकीय भूमि पर भूमाफिया ने कब्जा कर बस्तियां बसाई हैं। कई विधायकों और संगठनों ने प्रशासन को इन अवैध कब्जों के खिलाफ कार्रवाई के लिए दस्तावेज सौंपे हैं, लेकिन कोई कदम नहीं उठाया गया।

गौशाला की जगह बगीचे का प्रस्ताव, विरोध बढ़ा

संगठनों ने निगम की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि गोशाला को हटाकर वहां बगीचा बनाने की बात हो रही है। यह प्रस्ताव न केवल गौ-सेवा बल्कि सनातन धर्म की परंपराओं पर सीधा हमला है। संतों का कहना है कि उस जमीन को आधिकारिक तौर पर गोशाला घोषित किया जाना चाहिए था।

निगम पर दुधारू गाय बेचने का आरोप

निगम अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा गया कि कार्यवाही के दौरान दुधारू गायों को बेचा गया। इसके अलावा, निगम की गौशालाओं की स्थिति बेहद खराब बताई जा रही है। वहां न तो गायों की सही देखभाल हो रही है और न ही खाने-पीने की उचित व्यवस्था है।

शहर में बढ़ रही अराजकता पर भी सवाल

संगठनों ने शहर में बढ़ते अवैध कब्जों, खराब यातायात और निगम अधिकारियों की अनियमितताओं पर भी सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि निगम गुंडागर्दी कर रहा है, जबकि असली मुद्दों पर ध्यान नहीं दे रहा।

मुख्यमंत्री से कार्रवाई की मांग

संत समाज और संगठनों ने मुख्यमंत्री से अपील की है कि इस मामले में हस्तक्षेप कर गोशाला की जमीन को संरक्षण प्रदान करें। उन्होंने मांग की कि भूमाफियाओं पर कार्रवाई हो और सनातन धर्म की परंपराओं को संरक्षित किया जाए।

विशेषज्ञों का कहना

शहर के शहरीकरण के चलते पारंपरिक ग्रामीण जीवनशैली और धार्मिक स्थलों पर दबाव बढ़ रहा है। विशेषज्ञों का मानना है  यदि  स्थानीय शासन और परिषद की यहीं हठधर्मिता रही तो बीजेपी के पितृ पुरूषों द्वारा कि गई मेहनत और उसके सहयोगी संगठनों द्वारा कि गई मेहनत अल्प समय में ही धूल धूसरित हो  हो जायेगी ।  इस प्रकार के विवाद स्थानीय परिषद्,प्रशासन और स्थानीय संगठनों के बीच  संवेदनशील आस्था से जुड़े मुद्दों पर संवाद की कमी को दर्शाते हैं।

बजरंग दल वालों पर बरसाए गए डंडे जिसके बाद विवाद और बढ़ा