अजय हार्डिया झोलाछाप डॉक्टर, जालसाज या भूमाफिया
एक्सपोज़ लाइव लगातार फर्जी झोलाछाप डॉक्टर अजय हार्डिया के बारे में खुलासे करता आया है और हमारी खबर का असर भी हुआ। लेकिन एक बार फिर प्रशासनिक मिलीभगत के चलते उसे बचाने की कोशिश कर ली गयी।
सेटिंग के चलते छात्रवृत्ति घोटाले में विवादित गरीब आदिवासी की संपत्ति करवाई कुर्क, प्रशासन जानते बुझते की गलती
घोटाला देवी अहिल्या पैरामेडिकल 1-आनंद नगर ने किया और कुर्क की गयी देवी अहिल्या नर्सिंग कॉलेज की जमीन
एक्सपोज़ लाइव न्यूज़ नेटवर्क, इंदौर।
1 करोड़ 59 लाख 60 हजार 110 रुपए की आर.आर.सी. की वसूली हेतु न्यायालय नायब तहसीलदार टप्पा क्षिप्रा के आदेशानुसार 17 मई 2023 को ग्राम बरोदा अर्जुन में संचालित देवी अहिल्या पैरामेडिकल कॉलेज इन्दौर तर्फे अजय हार्डिया (हार्डिया हॉस्पिटल) को कार्यवाही कर कुर्क किया गया।
पर यहां हैरतअंगेज बात यह है कि जिस जमीन को और इमारत को कुर्क किया गया उस पर अजय हार्डिया का कोई वैधानिक अधिकार नहीं बचा। जिस जमीन को कुर्क किया गया है, उसको पूर्व कलेक्टर मनीष सिंह द्वारा वापस आदिवासी के नाम कर दिया गया था। जिस इमारत को कुर्क किया गया, अजय हार्डिया द्वारा फर्जी और कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर टीएनसीपी और डायवर्जन कराया गया था। जिस प्रकार भूमि का डायवर्शन किया गया, वह भी सवालों के घेरे में है। और जिस तरीके से टीएनसीपी कराई गई वह भी संदेह के घेरे में है।
कलेक्टर ने आदिवासियों को लौटाई जमीन, पर कब्जा नहीं दिया
हालांकि बाद में जांच हुई और स्थल अनुमोदन कैंसिल कर दिए गए। पूर्व कलेक्टर मनीष सिंह द्वारा अजय हार्डिया के खिलाफ जांच में पाया गया था कि शिप्रा की जिस जमीन को वह अपना बता रहा है, उसमें शर्तों का उल्लंघन भी किया गया था और टीएनसीपी/डायवर्जन भी गलत तरीके से हुआ था। इसी कारण पूर्व कलेक्टर मनीष सिंह ने उक्त भूमि वापस आदिवासियों के नाम दर्ज करा दिया, जिसका कब्ज़ा दबेलदारी और रसूख के चलते आज तक हार्डिया द्वारा आदिवासियों के पक्ष में नहीं दिया जा रहा था।
पूरी तरह प्रशासनिक मिलीभगत से हुआ खेल
जालसाजी की इतनी बड़ी की ज़मीन जाते देख, उसी ज़मीन को सेटिंग कर सरकार से कुर्क करवा ली। ऐसा नहीं कि प्रशासन इस बात से अनभिज्ञ है। भलीभांति जानते हुए कि अजय हार्डिया के पास वहीँ आसपास खुद के नाम काफी ज़मीन उपलब्ध है और खुद 1-आनंद नगर में लगभग दस हज़ार वर्ग फीट पर फर्जी देवी अहिल्या अस्पताल चला रहा है और वह खुद रहता भी वहीँ है, लेकिन फिर भी यही ज़मीन प्रशासन द्वारा जानबुझकर कुर्क करवाई गयी।
एफआईआर में भी कोई कार्रवाई नहीं
अजय हार्डिया के ऊपर शिप्रा थाने में 420/467/468 जैसी गंभीर धाराओं में भी प्रकरण भी दर्ज है और अपने रसूख का इस्तेमाल करते हुए आज तक बचता चला जा रहा है, जो एक बार फिर गलत कुर्की की कार्यवाही से साबित हो गया।