बचपन में पापा ने कहा था,प्रकर्ति के दो रूप हैं

लगातार वायरल हो रहे पानी में बह जाने वाले vdo , बढ़ रहे हादसे ,रील के भंवर में फंस रहे लोग ,अक़ल खुद में नहीं और कोसते हैं प्रशासन को ,सिमरोल थाना क्षेत्र में ऐसे कई प्राकृतिक स्थान ,प्रकर्ति को नहीं समझते लोग

बचपन में पापा ने कहा था,प्रकर्ति के दो रूप हैं

द एक्सपोज़ लाइव न्यूज़ नेटवर्क इंदौर 

बारिश आते ही अतिउत्साही लोग झरनों और पहाड़ी नदियों के बीच पिकनिक मनाने पहुँच जाते हैं ,व्हाट्सप्प ,इंस्टाग्राम और तमाम सोशल मीडिया में रील पोस्ट करने के चक्कर में ऐसे हादसों का शिकार हो जाते हैं और परिवार की खुशियां ही छीन लेते हैं ! घर से निकलते हैं तो परिवार वाले कहते हैं अपना ख्याल रखना ,जल्दी आ जाना लेकिन अतिउत्साह में  इस  बेशकीमती नसीहत को भी भूल जाते हैं ! प्रकर्ति की सुंदरता बेशक आकर्षित करती हो लेकिन प्रकृति का भयावह रूप भी होता हे ये भी याद नहीं रहता ,दो कोड़ी का इंसान उस अदृश्य सत्ता को भी चुनौती दे देता हे ! अपनी दिलेरी के चक्कर में खुद तो मरता हे न जाने कितने बेकसूरों की भी जान ले लेता हे ! आये दिन ऐसे हादसे देखने को मिल जाते हैं के कभी खुद बह जाते हैं ,कभी लोगों को भी बहा ले जाते हैं ! पहाड़ी नदियों ,पुलिया ,झरनों के आस पास  प्रशासन की चुनौती स्पष्ट लिखी होती हैं ,लेकिन लिखने वाला तो बेअकल हे ,पढ़े लिखे तो हम हैं ना ,एडवेंचर की चाह में हम ऐसी जगह भी पहुँच जाते हैं जहाँ जाना खतरों से खाली नहीं होता ! 

चोरल के एक वरिष्ठ नागरिक ने कहा  "बचपन में पापा ने कहा था , बेटा पहाड़ी नदियों के बीच बरसात में कभी नहीं जाना ,पानी जब पहाड़ों पर इक्ठा हो कर नदियों में आता हे तो उसका वेग इतना तेज़ और अचानक होता हे की सम्भलने का मौका भी नहीं मिलता ,भले ही उस समय नदी में पानी न हो या कम हो यह प्रकृति का सबसे बड़ा भुलावा होता हे  !!" आजकल लोग इस बात से पूरी तरह अनजान हैं !  शहर के आसपास चोरल ,तिंछा फाल ऐसी प्राकृतिक सुंदरता वाली जगह हे की जनता को  अपनी और आकर्षित कर ही लेती हे ,कई बार तो स्थानीय पुलिस प्रशासन को डंडे तक चलाना पड़ जाते हैं,और चलने भी चाहिए क्यूंकि पुरानी कहावत हे ,लातों के भुत....... !

"सप्ताह अंत आते ही अक्सर थाना क्षेत्र में भीड़ बढ़ जाती हे ,हमारी तरफ से खतरनाक इलाकों में अतिरिक्त फ़ोर्स  भी लगाया जाता हे ताकि अनहोनी को बचाया जा सके ,लोगों को चेतावनी दे कर समझाया भी जाता हे  ,लेकिन कई लोग चोरी चुपके चेतवानी के बावजूद खतरनाक इलाकों में पहुँच जाते हैं और हादसों का शिकार हो जाते हे , कल तिंछा फॉल में सभी वरिष्ठ पुलिस अधिकारीयों के साथ SDRF के अधिकारीयों की इसी मुद्दे को ले कर मीटिंग भी आयोजित की गयी हे ,जनजागर्ति को ले कर भी नीतियां बनाई जाएँगी !" अमित कुमार (थाना प्रभारी सिमरोल )