एसडीएम जुनी इंदौर ने पेश किया शपथ पत्र , एक्सपोज़ लाइव ने प्रमुखता से उठाया था मामला

राजस्व बोर्ड ग्वालियर की चूक सामने आई, मामला खजराना स्थित  सर्वे  न 543/2  का जिसमें उच्च न्यायालय ने एसडीएम जुनी इंदौर को  भूमि की वस्तुस्थिति को मय  शपथ पत्र  बताने का निर्देश दिया था

एसडीएम जुनी इंदौर ने पेश किया शपथ पत्र , एक्सपोज़ लाइव ने प्रमुखता से उठाया था मामला

द एक्सपोज लाइव न्यूज़ नेटवर्क इंदौर

खजराना स्थित शासकीय  खसरे 543/2  पर बनी अवैध बहुमंजिला इमारत  जिसका भौतिक सत्यापन अगस्त के पहले सप्ताह में राजस्व दल द्वारा किया गया था  , आज न्यायालय में एसडीएम जुनी इंदौर द्वारा मय  शपथ पत्र देकर  बताया गया कि मौके पर भूमि खाली नहीं है !  दरअसल 22/07/22  को न्यायालय ने एसडीएम जुनी इंदौर को निर्देशित किया था राजस्व मंडल द्वारा मौके पर भूमि की वस्तुस्थिति पता की जाए और शपथ पत्र  पेश किया जाए !  3 तारीख  तक एसडीएम जूनी  इंदौर द्वारा शपथ पत्र पेश नहीं किया गया और एक्सपोज लाइव ने  प्रमुखता से इस खबर को  प्रकाशित किया था ! 

आखिरकार आज एसडीएम जूनि  इंदौर ने  शपथ पत्र दाखिल कर न्यायालय को बताया कि मौके पर कोई भी जमीन खाली नहीं है ! जमीन की वस्तुस्थिति पता लगने के बाद राजस्व बोर्ड द्वारा की गई बड़ी चूक सामने आई है और स्पष्ट जाहिर हो रहा है कि राजस्व बोर्ड द्वारा भूमि स्वामी और बिल्डर को फायदा पहुंचाने की कोशिश बिना भौतिक सत्यापन के की गई थी !

कंचन जैन के स्वामित्व वाली भूमि पर २५ वर्ष पूर्व बसी बस्ती

बढ़ सकती हे  बिल्डर की तकलीफें 

बिल्डर और भूस्वामी कंचन पति राकेश जैन द्वारा 2010 मे  भूमि स्वामी द्वारा शासकीय खसरे को अपना निजी खसरा  बताते हुए कंप्यूटर द्वारा कूट रचित नक्शा बनाकर नगर तथा ग्राम निवेश विभाग से अनुमति ले कर नगर निगम से भी बिल्डिंग परमिशन ले ली गई थी !  बेशक नगर  निगम द्वारा अनुमति देते वक्त स्पष्ट लेख  किया गया था की उत्तर दिशा मे  सर्वे नंबर 543/2  जो कि शासकीय खसरा हे  उस पर अतिक्रमण ना हो यह सुनिश्चित किया जाना होगा !  उसी खसरे  को भूमि स्वामी द्वारा खिसका  कर अपना बता दिया गया और उत्तर में 543/1  और दक्षिण में 543/2  बताकर अनुमति ले ली गई !  नगर तथा ग्राम निवेश विभाग को जब शिकायत में भूमि स्वामी द्वारा की गई गलती का पता लगा विभाग ने तत्काल  अनुमति प्रतिसहत  कर दी !  कलेक्टर द्वारा बहुमंजिला इमारत का कब्जा भी अपने पक्ष में प्राप्त कर लिया गया था !  तभी से भूमि स्वामी और बिल्डर दोनों प्रयासरत रहे हैं कि किसी ने किसी तरीके से मामले को सुलझा सकें  लेकिन प्रशासन द्वारा एक्सपोज़ लाइव  की खबर के बाद  अपना पक्ष मजबूती से रखने के बाद मामला सुलझता नहीं दिख रहा !  शासन द्वारा पहले ही दो अपील उकत  मामले में उच्च न्यायालय में दायर की जा चुकी है !