प्राधिकरण से त्रस्त सैकड़ों परिवार सड़क पर उतरने को मजबूर

वर्ष 2014 से अपने हक की लड़ाई लड़ रही मजदूर पंचायत ग्रह निर्माण सहकारी संस्था (पुष्प विहार ),न्याय नगर ,देवी अहिल्या श्रमिक कामगार की  न्यू महालक्ष्मी नगर के रहवासी  इंदौर विकास प्राधिकरण की गलत नीतियों के कारण हो रहे हैं परेशान !

प्राधिकरण से त्रस्त सैकड़ों परिवार सड़क पर उतरने को मजबूर
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पुष्प विहार, न्यू महालक्ष्मी  नगर और  न्याय नगर के प्लॉट धारकों में फेल रहा असंतोष

प्राधिकरण की गलत नीतियां जिम्मेदार, 2023 के चुनाव में हो सकती हे बड़ी हानि

द एक्सपोज़  लाइव न्यूज़ नेटवर्क, इंदौर।

दरअसल इन तीनों संस्थाओं की भूमिया इंदौर विकास प्राधिकरण की समाप्त हो चुकी योजना 171 का भाग रहे हैं ,संस्थाओं की जमीन के अधिग्रहण को लेकर एक लंबी कानूनी लड़ाई भी वर्षों से जारी है जिसमें भी प्राधिकरण गोलमाल जवाब देकर मामले को लगातार उलझाए  जा रहा हे !  

तीनों संस्थाओं की भूमियों के अधिग्रहण को लेकर कई सवाल पहले से ही उठते  आए हैं और अब हालत यह है कि इन तीनों संस्थाओं के प्लाट धारक के अथक प्रयासों के बावजूद भी इंदौर विकास प्राधिकरण से अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं मिल पा रहा हे जिससे प्लॉटधारक  खासे नाराज भी है ! 

संस्था के सदस्यों ने पीड़ित महासंघ बना एक  लंबी लड़ाई लड़ी और इनकी  एकमात्र मांग है इंदौर विकास प्राधिकरण से अनापत्ति प्रमाण पत्र मिलना ! इसके पहले क्षेत्रीय विधायक महेंद्र हार्डिया के अथक प्रयासों के बाद  मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के कहने  पर तत्कालीन कलेक्टर मनीष सिंह ने जहां पुष्प विहार के प्लॉट धारकों को कब्जा दिलाया और अच्छी खासी वाहवाही भी लूटी थी, लेकिन आज हालत यह है बेशक कब्जा तो है लेकिन भवन अनुमति इंदौर विकास प्राधिकरण की एनओसी के अभाव में निगम द्वारा नहीं दी जा सकती हे !

कई बार संस्था के सदस्यों ने लगभग हर जगह गुहार लगाई लेकिन कोई खासी सफलता मिलते दिख नहीं रही हे , उल्टा प्राधिकरण के अधिकारी आज भी यह कहते हुए नजर आते हैं कि अगर इन संस्थाओं को एनओसी दे दी जाती है तो भूमाफिया वापस काबिज़ हो  जाएंगे जबकि ऐसा हो पाना अब संभव नहीं है क्योंकि भूमियों पर विधिवत कब्जा प्लॉट धारकों को दे दिया गया है !

विरोध ही बचेगा अंतिम विकल्प

प्राधिकरण द्वारा फैलाई जा रही गफलत से खासे नाराज़  पुष्प विहार के मानद सचिव एन  मिश्रा का कहना हे  कि हमने अब तीनो संस्थान की एक संयुक्त समिति बनाई हे और हाल ही में मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भोपाल भेजा हे। ज्ञापन में हमने उनके द्वारा इंदौर में हज़ारों पीड़ित प्लाट धारकों के सामने की गयी घोषणा, "सबके आशियाने उनका में बनवाऊंगा और पीड़ितों  को न्याय दिलवाऊंगा", का स्मरण कराया और मांग की कि बेलगाम हो चुके प्राधिकरण को आदेश देकर हमें NOC तत्काल दिलवाने का कष्ट करें !

अगर ऐसा नहीं किया जाता हे तो मजबूरन हमें सड़कों पर प्राधिकरण के विरोध में उतरना पड़ेगा ! जब वैधानिक रूप से योजना का अस्तितव नहीं बचा हे और अस्तित्व में रहते हुए भी हमारी ज़मीन को गलत तरीके से योजना में शामिल किया गया था तो अब NOC देने में कहाँ और क्यों तकलीफ हो रही हे ! प्राधिकरण पर अब न शासन न प्रशासन का कोई नियंत्रण रह गया हे ,बेमतलब परेशानी झेल रहे सदस्यों की किसी को कोई चिंता नहीं न ही प्राधिकरण पर किसी का कोई अंकुश रह गया हे ,एकमात्र संस्था पुरे प्रदेश में जो अपने हिसाब से काम कर रही हे ! 

अवैध एनओसी बांट रहा आईडीए

एक अन्य सदय का कहना हे की प्राधिकरण के अधिकारी भ्र्ष्टाचार कर वैधानिक तरीके से जहाँ NOC नहीं दी जा सकती वहां दे रहे हैं ,अभी हाल ही में योजना 97 भाग 4 में 20 से अधिक गलत NOC का मामला सामने आया हे ,वहीँ दूसरी और वैधानिक दृष्टि से NOC दी जा सकती हे वहां नहीं दी जा रही ! एक तरफ अवैध कॉलोनियों को वैध करने की कवायद मुख्यमंत्री के आदेश के बाद प्रशासन  कर रहा हे वहीँ दूसरी और जो वैध कॉलोनियां हैं उन्हें अवैध बनाने की तैयारी प्राधिकरण कर रहा हे ! 

मुख्यमंत्री की घोषणा पर कुठराघात करने पर आमदा प्राधिकरण  

अभी हाल ही में 114 कॉलोनियों की सूचि निगम द्वारा प्राधिकरण को दी गयी थी और NOC की मांग की गयी थी ,यह भी कहा गया था की अब इन भूमियां पर प्राधिकरण कोई विकास नहीं कर सकता इसलिए एकमात्र विकल्प NOC ही बचता हे ! बावजूद इसके प्राधिकरण कोई जवाब नहीं दे प् रहा हे उल्टा आपत्तियां दर्ज किये जा रहा हे ! यह सभी संस्थाएं और अन्य विधानसभा 5 में आती हैं जहाँ वर्ष 2018 में भाजपा को मात्र 1400 वोटों से जीत मिली थी जबकि उसके पहले यही से भाजपा 14000 वोटों से जीती थी ! इसका  एकमात्र कारन इन संस्थाओं  के प्लाट धारकों में फेल रहा असनतोष हे जो 2023 में भी विपरीत प्रभाव डाल  सकता हे ! 

प्राधिकरण की NOC मिलते ही 114 कॉलोनियां कुछ ही दिनों में वैध हो सकती हैं लेकिन प्राधिकरण में बैठे ज़िम्मेदार शायद कुछ और ही मंशा रखते दिखाई दे रहे हैं ! वर्ष 2020 में नया कानून बन चूका हे जिसके आधार पर भी इन सभी प्लाट धारकों की NOC की पात्रता बनती हे लेकिन शासन ही अपने कानून का पालन प्राधिकरण से नहीं करवा पा रहा !