खोखला साबित हो रहा बायपास कंट्रोल एरिया

बाईपास पर लग रहा लंबा जाम ट्रैफिक पुलिस कंट्रोल करने में नाकाम

खोखला साबित हो रहा बायपास कंट्रोल एरिया

द एक्सपोज  लाइव न्यूज़ नेटवर्क इंदौर

पिछले साल तत्कालीन कलेक्टर मनीष सिंह और निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने बाईपास के दोनों और  कंट्रोल एरिया घोषित किया था, कंट्रोल एरिया से तात्पर्य हे  सर्विस रोड  के दोनों और 75 मीटर दूर  तक कोई भी पक्के या कच्चे निर्माण नहीं हो सकते  ! कारण था सर्विस रोड की चौड़ाई बढ़ाने का !  बेशक इसका विरोध हुआ और विरोध इतना तेज था की प्रशासन को अपनी  इस  ज़िद से पीछे हटना पड़ा !  आखिरकार 75 मीटर की दूरी को घटाकर 45 मीटर कर दिया गया और अब २२. ५  मीटर के बाद निर्माण की अनुमति दी जा रही हे  !

सैकड़ों व्यापार को पीछे की तरफ धकेल दिया था

कंट्रोल एरिया घोषित होते ही बाईपास के दोनों और सैकड़ों ऐसे व्यापार थे  जिन्हें पीछे धकेल दिया गया और व्यापारियों को एक बड़ा नुकसान कर दिया !  10 से 12 दिन तक लगातार निगम की टीम मुनादी करती रही और खुली धमकी देती रही ! व्यापारियों का कहना था  की अभी जब सड़क चौड़ी नहीं हो रही है तो कंट्रोल एरिया क्यों घोषित किया जा रहा  है ?   लेकिन किसी की भी बात नहीं सुनी गई और कंट्रोल एरिया से दुकानें हटा दी गई ,  जब एन एच ए आई अधिकारियों से इस बारे में बात की गई तो उन्होंने अपने आप को पूरी तरह से विवाद से दूर रखा दरअसल बाईपास का निर्माण एनएचएआई द्वारा ही किया गया था और इसका रखरखाव भी आज एनएचएआई द्वारा ही किया जाता हे !  बेशक जब फ्लाईओवर का निर्माण एनएचएआई द्वारा किया गया कहीं ना कहीं गलती उसी के द्वारा की गयी  और बाईपास पर पुलों के नीचे अंडरपास को बहुत सकरा रखा गया जिसके कारण आज बाईपास पर जाम लगता है ! शहर से बायपास और बाईपास से शहर में इन्ही अंडरपास के ज़रिये ही आया और जाया जा सकता हे या फिर गलत लेन से जा कर !

MR 10 से बेस्ट प्राइस की तरफ आने वाले भारी वाहनों के कारण लगातार जाम की स्थिति बन रही है जिसे यातायात पुलिस जान करके समझना नहीं चाहती ! सोने पर सुहागा तो तब हो गया जब बाईपास के ठीक सामने एक नया शॉपिंग मॉल बन गया जिसे देखने के लिए अच्छी खासी भीड़ लगती है और शनिवार और रविवार की शाम को बाईपास पर जाना जैसे किसी नर्क से कम नहीं !  कई यातायात एक्सपर्ट अपनी अपनी राय दे चुके हैं लेकिन जनप्रतिनिधि से लेकर प्रशासनिक अधिकारी सिर्फ शेखचिल्ली की योजना बनाते  दिख रहे हैं !  बेस्ट प्राइस के सामने एक सिग्नल लगा दिया जाए और दोनों साइड के रोड खोल दी जाए  तो आधी से ज्यादा समस्या का समाधान हो सकता है लेकिन इसमें एनएचएआई का एक नियम  की नेशनल हाईवे पर सिग्नल नहीं लगाए जा सकते दिक्कत दे रहा है !  अब सबसे बड़ा सवाल यह है की नियम जनता के लिए होते हैं या जनता नियम के लिए ?  इस बात को  अब अधिकारियों को और जनप्रतिनिधियों को समझना पड़ेगा क्योंकि बाईपास से इंदौर की तरफ आने वाले राहगीरों को 2 से ढाई घंटे तक का समय लग रहा है और इस पीड़ा को अगर जल्द नहीं समझा तो चुनावी समय में यह मुद्दे उठ उठ कर जनप्रतिनिधियों को परेशान करेंगे !  जिन्हें पिकनिक मनाने जाना है उन्हें तो कोई फर्क नहीं पड़ता लेकिन जिनको रोज नौकरी या  व्यवसायिक कारणों से बाईपास की तरफ जाना पड़ता है वह तो दिल से बद्दुआ ही दे रहे हैं!