विधानसभा ५ : निर्विवाद होने का मिल रहा फायदा

हार्डिया और पटेल दोनों की स्वत्छ छवि को बराबर मिल रहा प्रतिसाद ,टक्कर कांटे की ,हार्डिया जहाँ २० सालो के विकास को ले कर आशान्वित वहीँ पटेल भविष्य में विकास करने की राह ले कर मैदान में

विधानसभा ५ : निर्विवाद होने का मिल रहा फायदा

द एक्सपोज़ लाइव न्यूज़ नेटवर्क इंदौर 

एक तरफ जहाँ प्रदेश की निगाह 1 नंबर पर लगी हे वहीँ 5 नंबर विधानसभा भी अब ख़ास हो चली हे ! यहाँ से भाजपा ने अपने अनुभवी वर्त्तमान विधायक महेंद्र हार्डिया पर एक बार फिर भरोसा जता दिया वही कांग्रेस ने पिछली बार मात्र 1133 वोटों से पराजित सत्यनारायण पटेल पर भरोसा जताया ! यूँ तो दोनों ही नेता मंझे हुए और अनुभवी माने जाते हैं और चुनावी मैनेजमेंट में भी माहिर हैं ! दोनों ही नेताओं की छवि भी निर्विवाद ही रही हे इसलिए मतदाता के बीच बेहतर और बेहतरीन में से चुनाव करने का असमंजस भी देखने को मिल रहा हे ! कार्यकर्त्ता और जनता के बीच  दोनों ही नेताओं की गहरी पेठ भी रही हे ,जहाँ हार्डिया 20 साल से लगातार फील्ड में रहे और जनता और कार्यकर्ता से सतत संपर्क में रहे वहीँ पटेल की भी क्षेत्र में अच्छी  दखल मानी जाती हे ! बेशक पटेल को देपालपुर से मौका मिलने के बाद वे यहाँ ज़्यादा  सक्रीय नहीं रह पाए और इस बार भी पार्टी द्वारा उन्हें काफी लेट मैदान में उतारा गया जो उनके लिए  नुकसानदायक हो सकता हे ! 

क्या कहता हे वोटों का गणित ?

पिछले चुनाव (2018) में भी यही दोनों प्रत्याशी आमने सामने इसी विधानसभा से रहे हैं ,और भाजपा (हार्डिया) को 48.3 % ( कुल 117836) वोट मिले थे वही कांग्रेस (पटेल) को 47.84% (कुल 116704 ) वोट मिले थे ! 4.12 % वोट निर्दलीय उम्मीदवारों के खाते में गए थे और 1.14% वोट नोटा में दर्ज किये गए थे ! कुल मतदान प्रतिशत 65.67% रहा था ! राजनैतिक विश्लेषकों की माने तो इस बार जो निर्दलीय प्रत्याशी मैदान में उसको देख कर लगता हे की इस बार निर्दलीय मतदान प्रतिशत थोड़ा बढ़ेगा जिससे दोनों ही पार्टियों को लगभग बराबर नुकसान होने की संभावना हे ! नोटा प्रतिशत करीब करीब वही रहने की उम्मीद हे ! इसलिए कहा जा सकता हे की इस बार भी हार जीत के आकंड़े में ज़्यादा अंतर दिखाई नहीं देता ! 

हार्डिया का भरोसा 20 सालों का विकास 

जहाँ हार्डिया अपने द्वारा किये गए क्षेत्र के विकास जिसमे मुख्य रूप से फ्लाई ओवर और सामाजिक योजनाओं को जन जन तक पहुँचाने के साथ मैदान में हैं ,उनका दावा हे की सरकारी योजनाओं का लाभ उन्होंने जन जन तक बिना जाती समुदाय का फर्क देख पहुँचाया हे ,इसीलिए उन्हें इस कार्य को निष्पादित करने के लिए पुरुस्कार भी सरकार द्वारा दिया जा चूका हे ! सनातन पर पूछे  गए सवाल पर उनका मानना हे की सनातन हमें सर्वधर्म समभाव सिखाता हे और यही मैंने सीखा भी हे ,निभाया भी और निभाता रहूँगा ! मुझे हर धर्म का प्रेम मिलता रहा हे और मैंने कभी जाती समुदाय में जनता को नहीं बांटा हे ! उनका यह भी कहना हे की  विधानसभा में आने वाली गृह निर्माण संस्थाओं के पीड़ित सदस्यों के लिए भी वे लगातार संघर्षरत रहे हैं और कई हद तक न्याय भी दिलवा चुके हैं ! 

हिदुत्व की राह पर सत्यनारायण पटेल  

कांग्रेस प्रत्याशी सत्यनारायण पटेल ने अपने नाम की आधिकारिक घोषणा के ठीक पूर्व क्षेत्र में  दिग्गजों प.प्रदीप मिश्रा और जयाकिशोरी जी की भव्य कथा का आयोजन करवाया वहीँ पिछले 2 सालों में वे कई अन्य कथाएं भी आयोजित कर अपने आपको कांग्रेस पार्टी लाइन से अलग साबित भी कर दिया हे ! राजनैतिक विश्लेषकों  का मानना हे जहाँ भाजपा ने अपने आपको कथा ,भोजन भंडारे से दूर रखा वही कांग्रेस प्रत्याशी द्वारा इतने बड़े पैमाने पर कथा का आयोजन भाजपा के लिए नुकसानदायक सिद्ध हो सकता हे ! बेशक सतयनारायण पटेल इसके पहले विधानसभा से दूर ही रहे लेकिन जिस तरीके से उन्होंने एंट्री मारी हे वे हिन्दू वोटों को अपनी और कितना आकर्षित कर पाए हैं और अल्पसंख्यकों पर इसका कितना विपरीत प्रभाव पड़ा हे यह तो मतदान के बाद ही पता लग पायेगा  ! वहीँ कांग्रेस द्वारा कर्णाटक में 50 % चुनावी फंडा भी ज़ोर शोर से प्रचारित करना शुरू कर दिया हे ! कांग्रेस के घोषणा पत्र को ले कर भी पटेल काफी आशान्वित दीख रहे हे ! 

कुल मिलाकर कहा जा सकता हे की इस बार विधानसभा 5 का चुनाव भी दिलचस्प होगा ,कांग्रेस प्रत्याशी द्वारा बड़े पैमाने पर कथाओं का आयोजन वाक़ई पार्टी के लिए फायदेमंद होगा या नुकसानदायक ये तो वक़्त ही बताएगा !