एक महीने में शेड तैयार, करोड़ों की जमीन पर अवैध कब्जा
किसानों से कौड़ियों के दाम पर जमीन छीनकर भूमाफियाओं में कैसे लुटाई जाती है, इसे समझना है तो इंदौर विकास प्राधिकरण की एक्टिविटी देखिए। कैसे योजना 94 की जो जमीन किसानों को दबाकर ली गई थी, उसे अब लावारिस छोड़ दिया गया और अब भूमाफिया उस पर काबिज होते जा रहे हैं।
किसानों से छीनकर भूमाफियाओं पर जमीनें लुटा रहा इंदौर विकास प्राधिकरण
योजना 94 में एलआईजी लिंक रोड चौराहे पर चल रहा खुल्लम खुल्ला खेल
जानकारी में होने के बाद भी नींद में हैं आईडीए के अधिकारी जनप्रतिनिधि
द एक्सपोज़ लाइव न्यूज़ नेटवर्क, इंदौर।
मामला है एलआईजी लिंक रोड पर स्थित खजराना के सर्वे न. 587 /588 /589 की लगभग 1 हेक्टेयर ज़मीन का, जिसकी आज की कीमत लगभग 200 करोड़ की है। ज़मीन का अधिग्रहण वर्ष 1991 में किया गया था। कौड़ियों के दाम ली गई जमीन का मुआवज़ा तो किसान को दे दिया गया, लेकिन अब ये जमीन भूमाफियाओं के हवाले कर दी गई।
हालांकि राजस्व रिकॉर्ड में आज भी ज़मीन इंदौर विकास प्राधिकरण के नाम पर दर्ज है, लेकिन यदि देखा जाए तो इस पर कब्जा कई भूमाफियाओं ने कर लिया है। एलआईजी लिंक रोड चौराहे पर तो ताजा-ताजा मामला सामने आया है। यहां एक भूमाफिया ने टीन शेड बनाना शुरू कर दिया। करीब एक महीने पहले काम शुरू किया गया और अब पूरा कर लिया गया है। इस मामले को एक्सपोज लाइव द्वारा प्रमुखता से उठाते हुए जिम्मेदारों के संज्ञान में भी लाया गया था, पर कार्रवाई के नाम पर ढाक के वही तीन पात।
तीन बंदर बने बैठे हैं जिम्मेदार
प्राधिकरण को इसकी जानकारी भी है यानी आईडीए के अफसर ही नहीं, नगर निगम के अफसर और स्थानीय जनप्रतिनिधि भी जानते हैं कि यहां अवैध निर्माण किया जा रहा है, लेकिन वे आंख और कान बंद किए बैठे हैं। गांधीजी के तीन बंदर बनकर बैठे इन लोगों की स्वार्थसिद्धी आसानी से समझी जा सकती है।
पूरा सिटी पार्क खा गए भूमाफिया
ये केवल एक मामला नहीं है, जहां प्राधिकरण की जमीन पर अवैध कब्जा हुआ हो, बल्कि रिंगरोड की सर्विस रोड से लगी एलआईजी लिंक रोड चौराहे से लेकर सिटी बस के डिपो तक तमाम जमीन पर इसी तरह का अवैध कब्जा धीरे-धीरे होता चला गया। इनमें से ज्यादातर निर्माण तो हाल ही के एक से दो वर्षों में हुआ है। यह जमीन सिटी पार्क के लिए आरक्षित रखी गई थी, लेकिन यहां भूमाफियाओं के वारे-न्यारे किए जा रहे हैं।