इंदौर में एक और दंपत्ति साइबर अपराध की शिकार
इंदौर के मरीमाता क्षेत्र की शहीद हेमू कॉलोनी में रहने वाली एक और दंपत्ति साइबर क्राइम के शिकार होने के बाद झेल रही सामाजिक प्रताड़ना !
द एक्सपोज़ लाइव न्यूज़ नेटवर्क -इंदौर
अपराध की शुरुआत नवंबर 2021 से शुरू हुई जब एक आईटी प्रोफेशनल महिला डिंपल बागोरा पति राकेश बागोरा ( जो घर से ही जनरल स्टोर का संचालन भी करती हे ) उसके व्हाट्सएप पर एक लोन के सेटलमेंट का मैसेज आया जिसमें लिखा था कि आपके द्वारा लिया गया लोन हम सेटल कर रहे हैं और उसमें लोन की डिटेल देखने के लिए एक लिंक भी जुड़ी हुई थी ! महिला ने कभी भी इस तरह का कोई लोन किसी से भी नहीं लिया था लेकिन जानकारी लेने के लिए जैसे ही उसने लिंक को क्लिक किया उसके तुरंत बाद उसके मोबाइल पर 20 या 25 ओटीपी आना शुरू हो गए , जब उसने अपने पति से पूछा कि आप मेरे डेबिट या क्रेडिट कार्ड के साथ या मेरे मेल के साथ कुछ कर रहे हैं क्या ? जब पति ने मना किया और पूरा मामला समझा तो पति ने महिला को कहा कि वह मोबाइल बंद कर दे , जैसे ही महिला ने मोबाइल बंद किया और कुछ समय बाद मोबाइल चालू किया तो ओटीपी आना बंद तो हो गए लेकिन 5 या 7 दिन बाद उसको फिर व्हाट्सएप पर मैसेज आना शुरू हुए कि तुमने हमारी कंपनी से ₹2000 का लोन लिया हे और हम अपने खाते की डिटेल आपको भेज रहे हैं उसमें तुरंत लोन की राशि जमा करा दें अन्यथा आपके परिवार के सारे नंबरों पर हम गलत गलत या अप्पतिजनक मैसेज आपके बारे कर देंगे और आपको बदनाम कर देंगे ! इसके पहले की महिला कुछ समझ पाती थोड़े ही दिनों बाद उसके आधार और पैन कार्ड के साथ एक व्हाट्सएप मैसेज आया जिस पर कई आपत्तिजनक शब्द लिखे थे , इस पर भी जब महिला ने मैसेज की अनदेखी करी वैसे ही उसके जुड़े सभी रिश्तेदारों और परिचितों के नंबरों पर उसके छेड़छाड़ किये फोटो ( photo morphing ) आना शुरू हो गए , सभी को साथ में यह भी बोला गया इस महिला ने हमसे ₹2000 का लोन लिया है जो यह नहीं दे रही हे !
बात यहीं तक नहीं रही महिला ने एक मल्टी नेशनल कंपनी में नौकरी का आवेदन दिया था जिस पर उसकी नौकरी भी एक अच्छी सैलरी पर लग गई और यही मैसेज उकत मल्टी नेशनल कंपनी के अन्य कर्मचारियों के मोबाइल पर भी जाने लगे जिसके कारन उक्त कंपनी ने महिला को नौकरी देने से इंकार कर दिया ! जब महिला द्वारा संबंधित थाने में शिकायत की गई तो पुलिस द्वारा उसका सहयोग तो किया गया लेकिन साथ ही यह भी कहा गया इस तरह के अपराध असम और झारखंड में बैठे बहुत सारे नवयुवक कर रहे हैं जिसमें वह आपके सिम कार्ड की क्लोनिंग कर और आपकी ईमेल आईडी को हैक कर आपकी सारी सूचना हैक कर लेते हैं ! आपके सारे फोटो चुरा लेते हैं और उसमें छेड़खानी कर (photo morphing ) आपकी कांटेक्ट सूची में पहले से ही मौजूद नंबरों पर फोन लगाकर या व्हाट्सएप कर कर इस तरीके से ब्लैकमेल किया जाता है !
जब महिला द्वारा साइबर क्राइम पुलिस अधीक्षक जितेंद्र सिंह से संपर्क किया गया उन्होंने तत्काल अधीनस्थों को मामले में एफ आई आर दर्ज करने का निर्देश दिया !
दंपत्ति को सहन करना पड़ रहा सामाजिक अत्याचार
इस तरीके के साइबर अपराध से दंपत्ति इतनी परेशान हो गई कि उन्होंने आत्महत्या करने तक की सोच ली क्योंकि हैकरों द्वारा उसके सभी मित्रों और रिश्तेदारों को जिनके मोबाइल नंबर पीड़िता के मोबाइल में स्टोर किये हुए थे उसके छेड़छाड़ किये फोटो और कई आप्पतिजनक सन्देश भेजे जाने लगे ! बेशक परिवार का पूरा सहयोग रहा लेकिन समाज में फैली साइबर क्राइम से जुडी अज्ञानता के कारण उन्हें हीन दृष्टि से देखा जाने लगा !
साइबर अपराध के लिए सख्त कानून की अब ज़रूरत
जब इस बारे में साइबर विशेषज्ञों से बात की गई तो उनका मानना हे की चूँकि आईटी एक्ट में इस तरह के अपराध पर कोई गंभीर सजा का प्रावधान नहीं हे और एथिकल हैकिंग के नाम पर नव युवकों को जो हैकिंग के विषय पढ़ाए जा रहे हैं उन पर तत्काल रोक लगनी चाहिए और कानून में कड़े प्रावधान भी किये जाने की जरूरत हे , इस तरह के अपराध पूरे देश में लगातार हो रहे हैं और कई महिलाएं /पुरुष /युवक/ युवतियां ब्लैक मेलिंग की शिकार भी हो रही है ! जहाँ जहाँ भी परिवार पीड़ितों के साथ खड़ा रहा वहां ज़यादा समस्या नहीं रही लेकिन जहाँ जहाँ भी अज्ञानता रही वहां बड़े नुकसान भी परिवारों को उठाने पड़े हैं ! सरकार ने साइबर क्राइम के तहत आर्थिक हानि की शिकयत हेतु टोल फ्री नंबर 155260 शिकायत दर्ज करने की व्यवस्था और अन्य किसी साइबर अपराध की शिकायत घर बैठे ही www.cybercrime.gov.in पर दर्ज कर सकने की व्यवस्था पहले से ही कर रखी हे लेकिन कहीं न कही पुलिस के पास संसाधनों की कमी भी इस तरह के अपराध को नहीं रोक पाने का सबसे बड़ा कारण हे !