भास्कर को प्रेस कांप्लेक्स मामले में मध्य प्रदेश सरकार ने दी राहत
भास्कर ग्रुप पर आईटी छापे के बाद केंद्र की मोदी सरकार पर आरोप लग रहे हैं कि आवाज दबाने के लिए भास्कर के खिलाफ कार्रवाई की गई है। पर इसका एक पहलु और सामने आया कि भास्कर को प्रदेश सरकार से एक बड़ी रियायत भी मिली है। भास्कर सहित 13 अन्य प्रेस उपयोग के भूखंडों को व्यवसायिक करने की प्रक्रिया राज्य शासन के आदेश के बाद शुरू हो चुकी है।
केंद्र की मोदी सरकार पर लग रहे हैं आरोप, पर प्रदेश की शिवराज सरकार से मिली रियायत
इंदौर के प्रेस कांप्लेक्स के भूखंडों को व्यवसायिक किए जाने के लिए शासन से आदेश जारी
द एक्सपोज लाइव न्यूज नेटवर्क, इंदौर। Indore News.
इन्दौर विकास प्राधिकरण द्वारा योजना क्रमांक 54 में समाचार पत्रों को आंवटित भूखण्डों पर पर प्रेस के साथ वाणिज्यिक गतिविधियाँ चल रही हैं। इसके चलते इनकी लीज 2005-06 में निरस्त कर दी गई थी।
बताया जा रहा है कि कोर्ट के आदेश के बाद आईडीए बोर्ड ने इन भूखंडों को व्यवसायिक करने का प्रस्ताव शासन को भेजा था। शासन स्तर से अंतिम फैसला लेते हुए आदेश जारी कर दिया गया कि इन भूखंडों की लीज का नवीनीकरण मास्टर प्लान 2021 में गतिविधियों के अनुसार व्यवसायिक मानकर किया जाएगा।
इस तरह बनेगी नई लीज डीड
इन भूखंडों की लीज डी 2007-2008 की कलेक्टर गाईडलाईन को आधार मानकर तैयार की जाएगी। व्यवसायिक भूखण्ड की दर अनुसार 1 अप्रैल 2007 से वर्ष लीज प्रीमियम और मध्य प्रदेश भू-राजस्व संहिता 2018 में निर्धारित दरों के अनुरूप भू-राजस्व का दो गुना भू-भाटक के साथ तीन फीसदी सालाना ब्याज लेते हुए लीज तैयार होगी।
मोदी से तकरार, शिवराज मेहरबान
भास्कर पर आईटी छापे के बाद अब बाजार में ये चर्चा जमकर चल रही है कि मोदी से भास्कर ग्रुप की तकरार चल रही है, तो शिवराज सिंह उस पर इतने मेहरबान क्यों हो रहे हैं। क्योंकि आईटी छापे के आगे-पीछे ही प्रदेश सरकार की तरफ से प्रेस कांप्लेक्स के भूखंडों के नियमितिकरण के आदेश जारी हुए, वह भी व्यवसायिक लीज लेकर। यानी अब प्रेस कांप्लेक्स के सभी भूखंडों का उपयोग व्यवसायिक हो जाएगा।
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क्या संकल्प 177 का होगा पालन
प्रेस काम्प्लेक्स मामले में आईडीए ने अक्टूबर 2015 में निर्णय लेते हुए संकल्प 177 पास किया था। इस संकल्प के अनुसार प्रेस काम्प्लेक्स के आवंटियों से 2007-08 की व्यवसायिक गाइड लाइन के हिसाब से प्रीमियम और लीज ली जाएगी। आवंटियों को 2008 से अब तक का ब्याज भी देना होगा। इसके बाद भी भूखंडों का उपयोग केवल प्रेस ही रहेगा। अब शासन के आदेश के बाद यह पेंच फंस रहा है कि संकल्प 177 के अनुसार व्यवसायिक लीज देने के बाद भी प्रेस कांप्लेक्स के भूखंडों का उपयोग प्रेस ही रहेगा या व्यवसायिक..?
शासन के आदेश के क्रम में कर रहे हैं नियमितिकरण
पीआईएल में कोर्ट के आदेश के क्रम में आईडीए बोर्ड ने फैसला लिया था। इसे शासन के पास भेजा गया था। शासन की तरफ से अंतिम आदेश आ गया है। हाईकोर्ट के फरवरी 2007 में आए एक आदेश के आधार पर 2007-08 के आधार मानकर लीज तय की गई है।
- विवेक श्रोत्रिय, सीईओ आईडीए-इंदौर