सर्वोच्च न्यायलय के आदेश के बाद ध्वस्त होगा कृष्णबाग़ ,क्षैत्र में कई जगह सरकारी ज़मीन पर भी कट चुकी अवैध कॉलोनियां

जिलाधीश ने थमाए नोटिस ,30 जून तक का दिया समय ,128 मकान आ रहे जद में ,न्यायलय ने माना अतिक्रमण ,प्रशासन को लगाई फटकार,पीड़ित पहुंचे प्रशासन के पास ,ठगी के बाद भी भूमाफिया की नहीं कर रहे शिकायत,करोड़ों का फायदा कमा कर निश्चिंत बैठे भूमाफिया ,नोटरी पर बेच दी करोड़ों की ज़मीन ,पुलिस ,प्रशासन और जनता जेब में,समय सीमा के बाद होगी बड़ी कार्यवाही

सर्वोच्च न्यायलय के आदेश के बाद ध्वस्त होगा कृष्णबाग़ ,क्षैत्र में कई जगह सरकारी ज़मीन पर भी कट चुकी अवैध कॉलोनियां

द एक्सपोज़ लाइव न्यूज़ नेटवर्क इंदौर 

इंदौर उच्च न्यायलय ने खजराना स्थित सर्वे क्र. 66/2 K कुल रकबा 0.72 हेक्ट ज़मीन के मालिक श्री राम बिल्डर्स के पक्ष में आदेश देते हुए भूमि को अतिक्रमण मुक्त कर कब्ज़ा भूस्वामी दिलवाने का आदेश जारी कर दिया,जिसकी चुनौती को सर्वोच्च न्यायलय ने भी अमान्य कर दिया और उच्च न्यायलय क आदेश को यथावत ही रहने दिया ! एक लम्बी न्यायालीन लड़ाई के बाद श्री राम बिल्डर्स को आखिर न्याय मिला जिसके बाद वहां अवैध रूप से भूमाफियाओं द्वारा बसा दी गयी कृष्णबाग़ कॉलोनी पर गाज गिरने की तैयारी हे ! लगभग 128  मकान मालिकों को जगह खाली करने के नोटिस भी निगम प्रशासन द्वारा दे दिए गए और लोग सीधे 2 विधायकों के पास गुहार ले कर पहुँच गए ! विधायकों के दबाव में जिलाधीश महोदय ने भी समय 30 जून तक कर दिया ताकि न्यायालीन स्थगन अगर मिल सकता हो तो पीड़ित ले सकें लेकिन सर्वोच्च न्यायलय के आदेश को चुनौती देने के मामले में वे भी स्पष्ट नकर गए ! 

दरअसल वर्ष 2003 में श्री राम बिल्डर्स द्वारा उक्त भूमि के साथ कुछ और भी भूमियां सहकारिता विभाग से अनुमति ले कर न्याय नगर द्वारा खरीद ली गयी थी ,चूँकि उक्त भूमियां प्राधिकरण की योजना का भी हिस्सा रही थी भूमाफिया ने इसका फायदा ले कर वहां अवैध रूप से नोटरियाँ कर लोगों को बसा दिया 10 लाख से लगा कर 30 लाख तक प्लाट बेच दिए और करोड़ों का फायदा कमा कर शहर के कुख्यात भूमाफिया भी बन बैठे ! दहशत इतनी की एक भी पीड़ित इनके खिलाफ मुंह खोलने को तैयार नहीं और पैसे लोटाने का कोई दबाव भी नहीं ,उल्टा प्रशासन और जनप्रतिनिधियों पर दबाव बनाया जा रहा हे ,एक और प्रशासन और जनप्रतिनिधि भी जहाँ इनको न्याय दिलाने का प्रयास भी कर रहें हैं लेकिन उनकी और से भी भूमाफियों पर पीड़ितों को उनकी राशि वापस दिलवाने का कोई दबाव नहीं बनाया जा रहा हे !पीड़ितों द्वारा विस्थापित करने की भी गुहार न्यायलय में लगाई गयी लेकिन न्यायलय द्वारा पुनः स्पष्ट कर दिया गया की निजी भूमियों पर अतिक्रमण करने वालों को विस्थापित करने का कोई प्रावधान नहीं हे ,वहीँ प्रशासन को भी कड़ी फटकार लगाते हुए तय समय सीमा में अतिक्रमण मुक्त करने का सख्त आदेश पारित किया ! 

खजराना में करोड़ों की सरकारी ज़मीन पर बस चुकी हे अवैध कॉलोनियां , पटेल नगर ,ताज नगर ,गुरुनानक नगर जैसे कई उदहारण 

जिस खजराना की निजी भूमि पर सर्वोच्च न्यायलय द्वारा अतिक्रमण मुक्त करने का आदेश दिया गया हे ,वहीँ पर ऐसी कई हेक्टेयर भूमिया मौजूद हे जिस पर अवैध रूप से भूमाफियों द्वारा बस्तियां बसा दी गयी और प्रशासन को दस्तावेजों में हेरा फेरी कर स्थगन आदेश के चुंगल में बाँध दिया गया ! एक तरफ प्रशासन कार्यवाही नहीं करने के पीछे स्थगन आदेश की दलील दे रहा हे वहीँ भूमाफियों द्वारा लगातार ज़मीन पर अतिक्रमण बढ़ रहे हैं ,अब सवाल यह उठ रहा हे की स्थगन क्या सिर्फ प्रशासन के लिए हे ? भूमाफिया के लिए क्या स्थगन नगण्य ? प्रशासन के पास सभी दस्तावेज उपलब्ध होने के बावजूद भी न्यायलय में अपना पक्ष सही ढंग से नहीं रखना कई गंभीर प्रश्न चिन्ह भी लगा रहा हे ,वहीँ दूसरी और निजी भूस्वामियों द्वारा आखरी दम तक लड़ाई लड़ न्याय प्राप्त कर लिया जा रहा हे ! 

भूमाफियों के खिलाफ पीड़ितों की चुप्पी उन्हें ही पड़ेगी महंगी 

यही हश्र होगा सरकारी ज़मीन पर कब्ज़ा करने वालों का भी ,अपनी गाढ़ी कमाई अपने आशियाने की चाह में गलत लोगों के हाथों में दे देने वालों को एक समय बाद कहीं से कोई राहत नहीं मिलने वाली ,जब तक जनता इन भूमाफियों के खिलाफ थानों में शिकायत करने के लिए आगे नहीं आएगी ,शासन प्रशासन जनप्रतिनिधि के भी हाथ टिक जायेंगे और भूमाफिया फिर बच के निकल जायेंगे ! जबकि पीड़ितों को अपनी गाढ़ी कमाई भूमाफियों से लेने का पूरा अधिकार प्राप्त हे !