ट्रेजर टाउनशिप कॉलोनी में करोड़ों की धोखाधड़ी का खुलासा, नगर निगम ने लगाई बिल्डिंग अनुमति पर रोक

बिजलपुर क्षेत्र स्थित "ट्रेजर टाउनशिप" कॉलोनी में बड़े पैमाने पर नियमों की अनदेखी और धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। यह कॉलोनी इंदौर के प्रतिष्ठित कालानी परिवार से संबंधित मेसर्स इंदौर ट्रेजर टाउन प्राइवेट लिमिटेड द्वारा विकसित की गई है। नगर निगम और नगर एवं ग्राम निवेश विभाग (टीएंडसीपी) की जांच में यह तथ्य उजागर हुआ कि कॉलोनी का नक्शा नियमों को दरकिनार कर फर्जी तरीके से पास कराया गया और बिना निर्माण कार्य पूर्ण किए ही नगर निगम से कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र (Completion Certificate) प्राप्त कर लिया गया। कई अधिकारी ऐच्छिक सेवानिवृति लेकर कंपनी में बन गए मुलाज़िम ,शिकायतकर्ता को हर फोरम पर बताते रहे ब्लैक मेलर ,अन्य विभागों में भी चल रही जांच ,जल्द होंगी एक्सपोज़ !

ट्रेजर टाउनशिप कॉलोनी में करोड़ों की धोखाधड़ी का खुलासा, नगर निगम ने लगाई बिल्डिंग अनुमति पर रोक

द एक्सपोज़ लाइव नई नेटवर्क इंदौर 

बुनियादी सुविधाओं से जूझते रहवासी

कॉलोनी में वर्षों से सड़क, ड्रेनेज, जलप्रदाय जैसी मूलभूत सुविधाएं अधूरी पड़ी हैं। रहवासी लंबे समय से इन समस्याओं से त्रस्त हैं। अब तक कॉलोनी का विधिवत हस्तांतरण भी नगर निगम को नहीं किया गया है, जिससे नगर निगम कोई विकास कार्य नहीं कर पा रहा है। इस स्थिति को देखते हुए रहवासियों ने नगर निगम में शिकायत दर्ज करवाई थी।

बिल्डर की ‘जेब में विभाग’ वाली टिप्पणी से भड़का प्रशासन

रहवासियों की शिकायत पर नगर निगम ने बिल्डर को नोटिस जारी करते हुए दो माह की समयसीमा दी थी कि वह सभी अधूरे कार्य पूरे कर कॉलोनी को हैंडओवर करे। लेकिन बिल्डर ने न केवल इस निर्देश की अवहेलना की, बल्कि कथित रूप से यह विवादित टिप्पणी भी की कि “ऐसे विभाग तो उसकी जेब में रहते हैं।” इस बयान ने प्रशासन को सख्ती बरतने पर मजबूर कर दिया।

नगर निगम की सख्ती: बिल्डिंग परमिशन पर लगी रोक

निर्धारित समयसीमा बीत जाने के बाद भी जब कार्य पूरे नहीं किए गए, तब नगर निगम ने "ट्रेजर टाउनशिप" कॉलोनी की समस्त भवन अनुज्ञाओं (Building Permissions) पर रोक लगा दी है। यह प्रतिबंध तब तक जारी रहेगा जब तक कि बिल्डर सभी लंबित कार्यों को विधिसम्मत तरीके से पूर्ण नहीं कर देता।

प्रशासन की अगली कार्यवाही पर टिकी निगाहें

इस कार्रवाई के बाद शहरभर में एक स्पष्ट संदेश गया है कि अब ऐसे कॉलोनाइजरों पर प्रशासन सख्त रुख अपनाने जा रहा है। नगर निगम सूत्रों के अनुसार, यदि बिल्डर जल्द ही जवाबदेही नहीं निभाता, तो उसके विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने और आरईआरए में शिकायत दर्ज करने जैसे कानूनी विकल्प भी अपनाए जा सकते हैं।

रहवासियों की मांग - हो सख्त कार्रवाई

कॉलोनी के रहवासी इस कार्रवाई का स्वागत कर रहे हैं और मांग कर रहे हैं कि इस मामले में जिम्मेदार अधिकारियों व बिल्डर के खिलाफ सख्त कानूनी कदम उठाए जाएं ताकि भविष्य में किसी अन्य कॉलोनाइजर को नियमों की धज्जियां उड़ाने का साहस न करे !