पानी बेचो ,बनो करोड़पति

इंदौर में पनप रहा नया व्यापार ,लोग बेच रहे पानी ,हर धर्म में जल सेवा को माना गया हे सबसे बड़ा परोपकार ,माफिया भी सक्रीय ,नहीं हे कोई नियंत्रण ,न कोई कानून ,निगम में 24 साल से भाजपा का कब्ज़ा ,रामराज्य साबित हो रहा जुमला ,राम भी रहे हमेशा निति के साथ लेकिन रामराज्य की बात करने वाले नीतियों के ही खिलाफ ,नहीं बनाते पानी बेचने वालों के लिए ठोस नीतियां ,न ही कोई रेट निर्धारित ,बिना अनुमति धड़ल्ले से हो रहा व्यापर ,बिना फिटनेस चल रहे पानी के टैंकर

पानी बेचो ,बनो करोड़पति

द एक्सपोज़ लाइव न्यूज़ नेटवर्क इंदौर 

“मणि-माणिक महंगे किए, सहजे तृण, जल, नाज. तुलसी सोइ जानिए राम गरीब नवाज||” 

मणि, माणिक महंगा और तृण, जल, अनाज सस्ता. यही तो लोकतंत्र में कर प्रबंधन मूल है,और यही रामराज्य की निति भी रही हे ,लेकिन राम राज्य का सपना दिखा कर सत्ता में आयी भाजपा आज इन नीतियों का अनुसरण नहीं कर पा रही हे ! 24 साल से शहर में भाजपा का शासन हे ,घोटालों में पुरे देश में चर्चित हो चुकी इंदौर नगर निगम अब जनता से सीधे जुड़े मुद्दों पर देखने को भी राज़ी नहीं ! पुरे शहर में पानी को लेकर त्राहि त्राहि मची हे ,जितने टैंकर निगम में लगाए गए हैं नित् नई बातें उजागर हो रही हे ! वहीँ दूसरी और पानी माफिया इस कदर शहर में हावी हे की किसी ज़िम्मेदार की हिम्मत नहीं की शहर हित में जनता को कोई राहत दिला सके ! आरोप लगते भी रहे के अधिकतर पानी का व्यापर बड़े नेताओं और बाहुबलियों द्वारा किया जा रहा हे इसीलिए नियमों को ताक  में रख खुल्ले आम यह व्यापर फल फूल रहा हे ,जिसमे कई स्थानीय पार्षद भी शामिल हैं ! 

दबंगई के आगे नतमस्तक ज़िम्मेदार 

आम आदमी अगर बिना फिटनेस ,बिना हेलमेट ,बिना सीट बेल्ट ,बिना नंबर के वाहन चला रहा हो तो तत्काल पुलिस द्वारा चालानी कार्यवाही कर दी जाती हे ,लेकिन बाहुबलियों के इस अवैध व्यापर पर किसी की भी हिम्मत नहीं के नकेल कस सके ,न ही पानी का कोई मूल्य इनके लिए निर्धारित हे ,टैंकर संचालकों द्वारा जैसा माथा वैसा तिलक की निति पर काम किया जा रहा हे ! एक टैंकर की कीमत एक हज़ार से लगा कर आठ हज़ार तक चल रही हे ,न आयकर का झंझट न वाणिजय कर  का कोई लफड़ा ,साथ ही प्रशासन और निगम का पूरा सहयोग ! जहाँ एक तरफ पानी पहुँचाना निगम का मुख्य दाइत्व हे वह पूरा नहीं कर इन अवैध टैंकरों के व्यापर को भरपूर संरक्षण दिया जा रहा हे ! अगर सूत्रों की माने तो शहर में लगभग 6500 टैंकर संचालित किये जा रहे हैं और लगभग एक टैंकर दस से बारह हज़ार एक दिन में कमा लेता हे ! 4 महीने के इस धंधे का कितना टर्नओवर हो रहा हे अंदाज़ा लगाया जा सकता हे !

नहीं होती वाटर रिचार्जिंग ,निगम का नहीं हे ध्यान 

पानी के अब शहर में दो ही मुख्य स्रोत बचे हैं ,जिसमे एक माँ नर्मदा और दूसरा भूजल ,लेकिन हालत यह हे की बोरिंग की खुदाई की कोई निश्चित सीमा तय नहीं हे ,किसी ने 800 तो किसी ने 300 फिट का बोरिंग किया हुआ हे और बात नर्मदा की करें तो आये दिन जलूद या पाइप लाइन में गड़बड़िया आती रहती हैं ! वाटर रिचार्जिंग के बातें तो बहुत की जाती हे ज्ञान भी काफी दिया जाता हे लेकिन सिर्फ 30 प्रतिशत ही घरों में वाटर रिचार्जिंग सिस्टम चालू हे जिस पर भी निगम द्वारा कोई गतिविधि नहीं होती ,जैसे ही बारिश ख़तम सबका ध्यान दूसरे भ्रस्टाचार की तरफ चला जाता हे और अगली गर्मी में जेबें गर्म करने की तैयारी शुरू कर दी जाती हे ! रही बात जनता की तो जनता तो जान ही रही हे के पानी की समस्या दुनिया भर में हे लेकिन कई ऐसे देश भी हैं जहाँ प्राकर्तिक पानी की कमी के कारन भी वहां की जनता के लिए पानी की कोई कमी नहीं ! जो प्राकर्तिक तालाब,कुवे बावड़ी शहर में हैं साथ गांठ कर उन्हें भी धीरे धीरे ख़तम किया जा रहा हे ! मामले में कई बार महापौर से संपर्क साधने की कोशिश की गयी लकिन व उपलब्ध नहीं हो सके !   

"टैंकरों द्वारा जो पानी बेचा जा रहा हे वह वाणिज्य कर के दायरे में नहीं आता क्यूंकि जैसे दूध ,दही पनीर खुला बेचा जाता हे और पानी भी खुल्ला बेचा जा रहा हे ,जब तक पानी पैक्ड नहीं बेचा जाता उस पर किसी भी प्रकार का कर आरोपित नहीं जा सकता ,लेकिन इस और निति बनाई जाना चाहिए और सरकार को जान हित में तत्काल निर्णय लेना चाहिए !" प्रदीप चौबे (पूर्व सहायक आयुक्त -वाणिज्य कर )

"हर गर्मी में यही हालात शहर में बन जाते हैं और पार्षदों पर भी अत्यधिक दबाव बनता हे ,इस और निति बनाने की में सरकार से सिफारिश करूँगा !" महेंद्र हार्डिया (विधायक -म.प्र शासन )

"आपके द्वारा जो विषय सज्ञान में लाया गया हे वो बहुत ही संवेदनशील हे ,में जिला प्रशासन ,निगम प्रशासन और अगर ज़रूरत पड़ी तो सरकार से भी इस और ठोस निति विशेषज्ञों से राय ले कर बात करूँगा ,भाजपा के लिए जनता सर्वोपरि हे और जनता के हितों की रक्षा हम करते आये हैं !" शंकर लालवानी ( सांसद -लोकसभा इंदौर )