79 गांव से भी नहीं भरा पेट ,अब और बढ़ाई सीमा

पहले 29 गांव ,फिर 79 ,और अब फिर 15 गांव आएंगे शहर की जद में ,भारतीय किसान संघ कर रहा आंदोलन की तैयारी ,विगत २ वर्षों लगातार हो रही मांग ,युवा किसान संघ ने पहले ही करी थी गाँवो के अलग मास्टर प्लान की मांग ,ज़िम्मेदीरों के पास नहीं कोई जवाब ,समस्या हे तो होगा बैठ कर निराकरण बोले मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ,सांवेर के 15 गांव में जॉइंट सर्वे के दौरान हुई फ़ज़ीहत, 5 जुलाई से मैदान में उतरेगा भारतीय किसान संघ फिर होगा चरण बद्ध आन्दोलन

79 गांव से भी नहीं भरा पेट ,अब और बढ़ाई सीमा

द एक्सपोज़ लाइव न्यूज़ नेटवर्क इंदौर 

2016 के किसान आंदोलन जैसे हालात फिर से बन रहे ,2016 मे हुवे किसान आंदोलन का मुख्य मुद्दा था कृषि भूमि और अब फिर से इसी मुद्दे को ले कर विरोध होने लगा तेज़ उस समय भी तत्कालीन सरकार के वरिष्ठ नेताओं के बयानों से भड़के थे किसान और भाजपा को होना पड़ा था सत्ता से दूर ,पश्चिमी रिंग रोड और निवेश क्षेत्र का विस्तार फिर वैसी ही परिस्थिति कर रहा पैदा ।

अनेकों बार भारतीय किसान संघ और अन्य किसान संघठन गाओं को शहरी सीमा में लाने का विरोध करते आ रहे हैं ,प्राधिकरण जैसी संस्था को भंग करने के मांग शहर से लेकर प्रदेश की राजधानी और दिल्ली तक उठ चुकी हे ! किसान संघ का बार बार कहना हे की सरकार की कृषि को ख़तम करने की निति समाज हित में नहीं हे ,जहाँ किसानों को बेरोजगार किया जा रहा हे वहीँ खाद्यान संकट भी उत्पन्न होने की तरफ हम अग्रसर होते जा रहे हैं ! पहले गाओं को निवेश क्षेत्र में शामिल किया जा रहा हे फिर वहां योजना लागु कर उद्योग और बसाहट की जाएगी ,भूमि जिसका उत्पादन खुद ईश्वर के हाथ में भी नहीं उसको सरकारों द्वारा लगातार ख़तम किया जा रहा ,किसान संघ का कहना हे अब एक बड़े आंदोलन की तैयारी की जा रही हे ! 

हाल ही में सांवेर तहसील के १५ गाँव निवेश क्षेत्र में शामिल करने की तैयारी चल रही हे और वहां से निकलने वाली सड़क का जॉइंट सर्वे किया जाना हे जिसके बाद अधिग्रहण की कार्यवाही शुरू कर ली जाएगी और अंतिम अधिसूचना का निष्पादन होगा  ! सर्वे करने पहुंची टीम को ग्राम कटकिया से भारी विरोध के बाद बेरंग रवाना होना पड़ा ,क्षेत्रीय किसानों के विरोध के चलते अब किसान संघ भी मैदान सँभालने की तैयारी में हे ! किसानों का कहना हे की निवेश का मूल हे विकास लेकिन विकास के नाम पर जीवित कृषि उद्योग को ख़तम कर सीमेंट के जंगल लगाने की तैयारी चल रही हे और किसानों को बेरोज़गार कर सिंचित भूमि का नाश किया जा रहा हे जिसे विकास नहीं कहा जा सकता ! जिस विकास की किसी को ज़रूरत नहीं किसकी ज़िद से यह किया जा रहा हे सरकार को इसका जवाब देना पड़ेगा !

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2035 के मान से गाँवो को किया जा रहा निवेश क्षेत्र में शामिल 

दरअसल सरकार 2035 की अनुमानित जनसँख्या के मान से नए गाओं को मास्टर प्लान की जद में लिया जा रहा हे और वहां विकास निति बनाई जा रही हे ! मामले से जुड़े लोगों का कहना हे की जिला प्रशासन अभी 2009 के मास्टर प्लान को भी पूर्ण रूप से निष्पादित नहीं कर पाया हे ,अभी भी यहाँ के लोग मुलभुत सुविधा से वंचित हैं ,ऐसे हालातों में नए निवेश क्षेत्र की कल्पना की जा रही हे, और लगातार इन्ही बातों को ले कर विरोध सतत जारी हे !   

"विंध्याचल पर्वत जैसे विशाल अनुभव वाले विभागीय मंत्री तक को भी अधिकारीयों द्वारा भ्रमित किया जा रहा हे ,जो हालात पंजाब में बन गए हैं प्रदेश में वही स्थिति मालवा की सिचित भूमियों और कृषि को ख़तम कर पैदा की जा रही हे ,सब जानते हैं जब विकास योजनाएं बनती हैं तब एक बड़ा भ्रस्टाचार भी होता हे ,अपने निजी हितों के लिए जनहित के नाम पर अघिकारियों द्वारा लूट की जा रही हे और इसे जनहित का नाम दिया जा रहा हे !" चम्पालाल -पीड़ित किसान 

"हम लगातार ऐसे विकास का विरोध करते आये हैं लेकिन सरकार का ध्यान इस पर नहीं हे ,गांवो के अलग मास्टर प्लान बनाना ,प्राधिकरण को भंग करना ,वहां शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधा देना ,ताकि कृषि उद्योग,पर्यावरण ,और खाद्यान भी बचा रहे ,अगर अभी भी इस और कोई निति नहीं बनी तो वृहद स्तर पर चरणबद्ध आंदोलन किया जायेगा ,जिसकी शुरुआत आगामी 5 जुलाई को सांवेर तहसील में ज्ञापन दे कर की जाएगी ,पश्चिमी रिंग रोड के मामले में भी किसानों की आपप्तियों को नहीं सुना जा रहा हे ! दिलीप मुकाती (महानगर अध्यक्ष -भारतीय किसान संघ )

"अभी विधानसभा सत्र चल रहा हे,अगर किसान संघ और जनता को कोई परेशानी हे तो बैठ कर समस्या का निराकरण किया जायेगा ,अभी मामले में कुछ भी कहना जल्दबाज़ी होगी ,हम जनहित के साथ हैं ,थे और रहेंगे ,इसका विरोध अगर हो रहा हे तो निराकरण किया जायेगा !" कैलाश विजयवर्गीय (मंत्री -आवास एवं पर्यावरण -म.प्र शासन )