पटेल नगर मामले में  झूठे शपथ पत्र दे कर गुमराह करने वालों पर होगी FIR

कोर्ट में लगाई गई एक याचिका के अनुसार खजराना क्षेत्र के पटेल नगर में झूठे शपथ-पत्र पेश करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

पटेल नगर मामले में  झूठे शपथ पत्र दे कर गुमराह करने वालों पर होगी FIR

खजराना स्थित अवैध बस्ती पटेल नगर के रहवासियों ने लगाई थी याचिका 

द एक्सपोज़ लाइव न्यूज़ नेटवर्क, इंदौर।

निगम भवन अधिकारी खजराना द्वारा  2 फरवरी 2023 को इस्लाम पिता शफी पटेल एवं अन्य संभन्धित  को पत्र क्र 950/941 के माध्यम से सीलिंग का शासकीय खसरा 325/3/2 पर नविन अवैध निर्माण के सम्बन्ध में अपना स्पष्टीकरण  10 दिवस की समयावधि में देने हेतु लेख किया हे, उक्त पत्र में मूल रूप से WP 4462/4464/4465 में पारित निर्णय दी 20/2/2023 का हवाला दिया हे जबकि  उक्त याचिकाओं में सर्वे क्र. 325/1/4 का हवाला देकर  याचिका लगायी गयी थी और दावा  किया गया था की उक्त सर्वे क्र. पर हम काबिज़ हैं, उक्त खसरा श्रीराम गृहनिर्माण सहकारी संस्था  के नाम दर्ज हे  एवं उक्त याचिकाओं में प्लाट धारकों की जो नोटरियाँ प्रस्तुत की गयी हैं उनमे खसरा न. 325 का और कुछ में 325/2/1, 325/2/3, 325/2/2, 325/2, 325/3, 325/3/2 हवाला दिया गया हे, इससे स्पष्ट होता हे कि याचिका में लिखा सर्वे क्र. 325/1/4 एवं याचिका में संलग्न नोटरियों  का एक दूसरे से कोई सम्बन्ध  नहीं हे !

बिना रिकॉर्ड देखे भूमाफिया को फायदा देने के लिए जारी किया पत्र 

याचिका में सुनवाई के पूर्व एडवांस प्रति प्रतिप्रार्थी को दी जाती हे और प्रतिप्रार्थी के रिकॉर्ड अनुसार भी सर्वे क्र, 325/1/4 श्री राम गृह निर्माण संस्था के नाम दर्ज हे ! इस सम्बन्ध  में उपायुक्त  एवं प्रभारी अधिकारी कालोनी सेल नगर निगम इंदौर द्वारा पत्र क्र. 1196 कालोनी सेल दी 5/8/2016 को भवन अधिकारी जोन क्र. 10 नगर पालिक निगम इंदौर को भेजा था। उक्त वास्तविक रिकॉर्ड नगर निगम के पास होने के पश्चात भी इस्लाम पिता शफी एवं अन्य को 2/3/2023 को जारी सुचना पत्र में सन्दःर्भित याचिकाओं का उल्लेख करना भवन अधिकारी की कार्यशैली को प्रश्नगत करता हे और सीधे सीधे इस्लाम पिता शफी एवं वे सभी अन्य याचिकाकर्ता  जिन्होंने न्यायलय को झूठा शपथ पत्र देकर शासकीय सम्पति हड़पने का प्रयास किया हे उनको लाभान्वित किया जा रहा हे ! 

असल में अगर मामला देखा जाए तो उपरोक्त सभी सर्वे नंबर जिनका कुल रकबा 5. 8 हेक्टेयर है और अनुमानित  कीमत लगभग 125 करोड़ का कब्ज़ा  शहरी सीलिंग एक्ट के तहत वर्ष 1999 में शासन द्वारा प्राप्त किया जा चुका था ! 

सब पर भारी  इस्लाम पिता शफी 

जब निगम द्वारा नोटिस देने की कारवाही की जा रही थी ,मौके पर 97 याचिकाकर्ता में से एक भी मौजूद नहीं था और अगर कोई मौजूद हो कर विरोध कर रहा था तो वो  इस्लाम पिता शफी ही था , नोटिस में  ज़िक्र की गयी याचिकाओं में जिन सर्वे का उलेख  गया हे वह श्री राम गृह निर्माण संस्था का हे और इस्लाम का वहां खड़े हो कर विरोध करना दर्शाता हे की तीनों याचिकाएं तथ्यों को छुपाकर प्रस्तुत की गयी थी! बावजूद इसके न निगम, न खजराना थाना और न ही जिला प्रशासन द्वारा इस्लाम पिता शफी के खिलाफ कोई कारवाही की जा रही हे !

97 याचिकाकर्ता के बारे में एक और बात भी ध्यान देने योग्य हे के कई याचिकाकर्ता ऐसे भी हैं जिनकी न तो कोई नोटरी  याचिका में लगायी गयी हे न ही अन्य कोई जानकारी याचिका के साथ संलग्न हे जो की गंभीर अपराध की श्रेणी में आता हे ! इस्लाम पिता शफी और कुख्यात भूमाफिआ अभी जेल में बन्द दिपक मद्दा के साथ व्यापारिक रिश्ते भी किसी से छुपे नहीं हैं !

अवैध पटेल नगर में इस्लाम पिता शफी का आलिशान कार्यालय  और पीछे खुद के द्वारा की जा रही खेती  

कॉलोनी सेल प्रभारी राजेश उदावत का कहना हे की मामले के सभी दस्तवेज मेरे पास आ चुके हैं जल्द ही सभी 97 याचिकाकर्ता ( याचिका क्र. 4462/4464/4465 सभी वर्ष 2023 ) ,भू माफिया इस्लाम पिता शफी पर FIR दर्ज की जा कर ज़रूरत पड़ने पर अन्य दोषियों  पर भी कारवाही की जाएगी !