भारतीय किसान संघ ने इंदौर सांसद को दिया ज्ञापन
प्रांत महामंत्री महेश चौधरी के साथ में कई वरिष्ठ पदाधिकारी रहे मौजूद
द एक्सपोज़ लाइव न्यूज़ नेटवर्क इंदौर
22 नवंबर को भोपाल आंदोलन के बाद भारतीय किसान संघ विभिन्न मांगों को लेकर दिल्ली कूच की तैयारी कर रहा हे , जिस तरह भोपाल आंदोलन के पहले प्रदेश के सभी विधायकों को ज्ञापन देकर भारतीय किसान संघ ने चेतावनी दी थी ,अब उसी तरह 19 दिसंबर को दिल्ली घेराव के पहले सभी सांसदों को अपने अपने स्तर पर जिला इकाइयां ज्ञापन द्वारा जहां समस्याओं से अवगत करा रही है वही इसे चेतावनी भी माना जा रहा हे !
अपनी विभिन्न मांगों को लेकर दिए ज्ञापन में मुख्य रूप से फसलों का उचित मूल्य, जीएसटी प्रस्ताव का विरोध, फसल बीमा योजना की राशि जैसे मुद्दों को लेकर नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम मैं बदलाव और इंदौर विकास प्राधिकरण को भंग करने की मांग प्रमुख रही !
19 दिसंबर को भारतीय किसान संघ द्वारा दिल्ली घेराव की रणनीति पर प्रांत महामंत्री महेश चौधरी ने बताया कि जिस प्रकार हमने प्रदेश के मुखिया को आंदोलन स्थल पर आने के लिए मजबूर कर दिया और हमारी लगभग सारी मांगें उन्होंने मान भी ली , उसी प्रकार हम दिल्ली में बैठे सरकार के नुमाइंदों को भी मजबूर कर देंगे और किसान हित में नीतियां बनाने और उनकी समस्याओं को तत्काल खत्म करने के लिए भी मजबूर कर देंगे, उन्होंने बताया कि लाखों की संख्या में देश भर से किसान इस बार अपनी समस्याओं को लेकर दिल्ली घेराव की तैयारियां में लग गए हैं ! चौधरी ने बताया कि किसानों और खेती के लिए बन रही नीतियों में किसानों की सहभागिता नगण्य होती हे और नीतियां कमरों में बैठकर अधिकारियों द्वारा बनाई जाती है जिन्हें कृषि का कुछ भी ज्ञान नहीं होता हे ! उन्होंने सरकार से मांग करि कि केंद्र से लेकर तहसील स्तर तक बन रही नीतियों में किसानों की सहभागिता सुनिश्चित की जाना चाहिए !
विकास प्राधिकरण को भंग करने की मांग को लेकर सांसद लालवानी ने कहा की किसानों की समस्या उनकी भूमिका अधिग्रहण व्यापार के लिए प्राधिकरण द्वारा किया जाना है, उन्होंने कहा किसान आज सड़कों के लिए भूमि देने को राजी है लेकिन व्यापार के लिए सिंचित भूमि के अधिग्रहण का विरोध कर रहा हे और यही कारण हे की किसानों में प्राधिकरण को लेकर रोष हे जिस पर हम विचार करेंगे , उन्होंने यह भी कहा कि जिन किसानों को उनकी भूमियों का मुआवजा आज तक प्राधिकरण द्वारा नहीं दिया गया हे उसको लेकर भी हम गंभीरता से जिला प्रशासन और प्राधिकरण बोर्ड से बात करेंगे और ऐसे मामलों को तुरंत निपटाने का प्रयास किया जाएगा !