ख़त्म होंगी विधानसभा 5 की अड़चनों में फंसी कॉलोनियों की दिक्क़तें,विधायक हार्डिया फिर मैदान में

विधानसभा 5 में अलग अलग पेंचों में फंसी 13 गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं और अन्य गृह निर्माण संस्थाओं को अब मिलेगा किनारा ,कुछ कानूनी दिक्कतों में तो कुछ अज्ञात रहस्मयी कारणों से उलझी पड़ी थी ,विधायक ने संभाला मैदान ,कलेक्टर ने जल्द निपटारे के दिए निर्देश,जल्द मुक्त होगी योजना 171 में फंसी संस्थाएं

ख़त्म  होंगी विधानसभा 5 की अड़चनों में फंसी कॉलोनियों की दिक्क़तें,विधायक हार्डिया फिर मैदान में

द एक्सपोज़ लाइव न्यूज़ नेटवर्क इंदौर 

कल रेसीडेंसी में विधायक हार्डिया ने 13 संस्थाओं के सदस्यों और २ अन्य गृह निर्माण संस्थाओं के साथ बैठक ली ,जिसमे कलेक्टर आशीष सिंह ,सहकारिता उपायुक्त एम् एल गजभिये ,IDA सीईओ आर पी अहिरवार के साथ अन्य अधिकारीगण भी मौजूद रहे ! एक एक कर सिलसिलेवार संस्थाओं में आ रही दिक्कतों को समझाते हुए MIC राजेश उदावत ने साक्ष्यों के साथ कलेक्टर के सामने संस्थाओं का पक्ष रखा जिस पर कलेक्टर द्वारा ज़िम्मेदार अधिकारीयों को त्वरित निराकरण के निर्देश भी दिए गए ! 

न्याय नगर ,पुष्पविहार ,देवी अहिल्या ,श्री महालक्मी नगर जैसे अन्य संस्थाओं जो की IDA ने योजना 171 में सिर्फ प्रारंभिक अधिसूचना दे कर वर्षों तक अटका रखी थी को अब न्याय मिलेगा ,कलेक्टर आशीष सिंह ने तत्काल मामला निपटा कर पात्र सदस्यों को NOC जारी करने के निर्देश IDA सीईओ को दिए जिस पर जल्द कार्यवाही करने का आश्वासन सीईओ द्वारा दिया गया ! दरअसल संस्थाओं का आरोप था की IDA द्वारा गैरकानूनी तरीके से ज़मीन अटका कर रखी गयी हे ! इसी मुद्दे को ले कर संस्थाएं वर्षों से कानूनी लड़ाई लड़ रही हे ! कानून में कुछ वर्षों पहले बदलाव भी कर दिए गए जिसके तहत सम्पूर्ण भूमि को वहां किये गए  विकास राशि की भरपाई संस्थाओं द्वारा कर दिए जाने पर भूमि मुक्त करने का प्रावधान हे ,लेकिन किन्ही अज्ञात रहस्मयी कारणों से NOC अटक रही थी जो अब साफ़ होते दीख रहे हैं ! 

अयोध्या पूरी पर भी IDA द्वारा योजना 77 लागु कर दी गयी थी ,जिसे बाद में IDA को डेनोटिफाय कर संस्था को NOC प्रदान करना था ,कुछ वर्षों पहले प्राधिकरण द्वारा जारी NOC भी संस्था के हाथ लग चुकी थी जिसकी मूल प्रति प्राधिकरण के रिकॉर्ड में आज तक नहीं मिली और मामला वर्षों तक झूलता रहा !

राजगृही संस्था द्वारा तकरीबन 600 से अधिक भूखंडो की तीन चार रजिस्ट्रियां कर दी गयी और एक बड़ा घोटाला भी कर लिया गया ! कोललेटर द्वारा सहकारिता विभाग को जल्द मामला सुलझा कर वहां अधूरे पड़े विकास कार्य को जल्द पूरा करने के निर्देश दिए गए !