अब कलेक्टर के पास पहुंचे अजय हार्डिया के काले कारनामे

अपने आप को कैंसर स्पेशलिस्ट बताने वाले फर्जी फरार डॉक्टर अजय हार्डिया के खिलाफ अब एक और शिकायत मय दस्तावेजी साक्ष्य और संपूर्ण काले कारनामों की सूची के साथ कलेक्टर और सीएम्.एच ओ. इंदौर को पहुंची !

अब कलेक्टर के पास पहुंचे अजय हार्डिया के काले कारनामे

द एक्सपोज़ लाइव न्यूज़ नेटवर्क -इंदौर 

अपने आप को कैंसर स्पेशलिस्ट बताने वाले फर्जी  फरार डॉक्टर  अजय हार्डिया के खिलाफ अब  एक और शिकायत मय दस्तावेजी साक्ष्य और संपूर्ण काले कारनामों की सूची  के साथ कलेक्टर और सीएम्.एच ओ. इंदौर को पहुंची !

 शिकायतकर्ता विवेक हार्डिया ने फर्जी डॉक्टर द्वारा किए गए विभिन्न अपराधों की सूची भी कलेक्टर को पेश करी , शिकायतकर्ता ने  बताया की

  •  वर्ष 1998 में मदन मोहन उपाध्याय (तत्कालीन कमिश्नर बिलासपुर) द्वारा सरकार को एक जांच रिपोर्ट पेश की गई थी जिसमें इंदौर के फर्जी कॉलेजों की लिस्ट में अजय हार्डिया द्वारा 73 नंबर  पर देवी अहिल्या इलेक्ट्रिक चिकित्सा महाविद्यालय एवं हॉस्पिटल एमपी एवं 83 नंबर पर देवी अहिल्या इलेक्ट्रो होम्योपैथी (डॉ अजय हार्डिया प्रिंसिपल) नामक दो कॉलेज थे, इसी के माध्यम से यह BEMS  नाम से फर्जी डॉक्टर की डिग्री लोगों को पैसे लेकर बांटता था !
  •  इसी संस्था का रजिस्ट्रेशन क्रमांक11137/2002  है, जिसका रजिस्ट्रेशन  भोपाल  मैं है और जो सदस्यता सूची कार्यालय में प्रेषित की गई है, और जिस सूची से दूसरी परमिशन ली गई है उसमें भी भिन्नता है , जिस पर भी अभी तक कोई कार्यवाही सहकारिता विभाग-भोपाल  द्वारा नहीं की गई है !
  • वर्ष 2001 में अजय हार्डिया के फर्जी पैरामेडिकल संस्थानों पर तत्कालीन कलेक्टर मनोज श्रीवास्तव के आदेश पर छापे मारे गए थे ! 
  • हर जगह अपने आप को कभी एमबीबीएस कभी एमडी बताने वाले अजय हार्डिया के बारे में सी.एम.एच.ओ. भी लिख चुके हैं इसे अपने आपको डॉक्टर लिखने का अधिकार नहीं है ! वर्ष 2014 में भवरकुआं की एफ आई आर में इसने अपने आप को गिरफ्तार होते समय एमडी डॉक्टर बताया था !
  • आरोपी अजय हार्डिया पर पहली f.i.r. वर्ष 2014 में भंवरकुआं थाना में हुई थी जिसमें उस पर शासन के 82 लाख रुपए के गबन का आरोप था ! वही दूसरी f.i.r.  लोकायुक्त द्वारा उसीकी संस्था देवी अहिल्या पैरामेडिकल कॉलेज पर छात्रवृत्ति घोटाला करने के आरोप में दर्ज की गई थी !  तीसरी f.i.r. वर्ष 2016 में थाना संयोगितागंज में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय द्वारा दर्ज कराई गई थी जिसमें उस पर आरोप था कि 17 बच्चों विषय परिवर्तन कर  गलत परीक्षा करवा कर उनके भविष्य के साथ न सिर्फ खिलवाड़ किया गया है बल्कि उन्हें आर्थिक हानि भी पहुंचाई  हे !  चौथी एफ आई आर भी  थाना भवरकुआं में दर्ज है जिसमें फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कॉलेज एवं हॉस्पिटल की परमिशन लेने का आरोप उस पर है !  छठी एफआईआरबी थाना भवरकुआं में दर्ज है जिसमें उस पर आरोप है कि 12 छात्रों की गलत तरीके से परीक्षा दिलवाई गई इसी कारण परीक्षा परिणाम आने के बाद भी शून्य हो गया  जिससे न सिर्फ उन्हें आर्थिक हानि हुई है बल्कि उनके  धोखाधड़ी भी हुई है !
  • आरोपी अजय हार्डिया पर एक आवेदन शिकायत करते हुए शिप्रा थाने में पेश किया गया है जिसमें उस पर आरोप है कि वर्ष 2018 में ज्योति हार्डिया के नाम वाले खसरे में संस्था का नाम फर्जी रूप से विक्रय पत्र में डालकर और रकबा बढ़ाकर हार्डिया हॉस्पिटल की परमिशन ली गई ! संस्था की सूची भी फर्जी लगाई गई खुद का शपथ पत्र भी लगाया गया जिसमें उसने अपने आपको डॉक्टर बताया है, शिकायत अभी लंबित है !
  • वही शिप्रा थाने में एक और शिकायत लंबित है जिसमें उस पर आरोप है इस संस्था की जमीन जिसका सर्वे नंबर 305 / 3 है जिस पर आज तक कोई भवन नहीं है लेकिन उसके द्वारा उस पर भवन बताते हुए नर्सिंग कॉलेज की परमिशन ली गई !

अभी तक जितनी भी शिकायत और एफ. आई. आर. हुई  उसकी संस्थाओं पर की गई है , लेकिन आज तक किसी भी संस्था को ब्लैक लिस्ट नहीं किया ना ही उसके कॉलेज और हॉस्पिटल पर कोई कार्रवाई की गई अगर की गई है तो वह व्यक्तिगत की गई है जिसमें एक बड़े भ्रष्टाचार की बू आ रही है!

शिकायतकर्ता ने यह भी बताया कि उसकी समस्त संस्थाएं जो कि बहुत पहले से ही सहकारिता विभाग में रजिस्टर्ड है आज दिनांक तक किसी भी नियम का उसके द्वारा पालन नहीं किया गया है और आज दिनांक तक सहकारिता विभाग द्वारा उस पर कोई कार्यवाही नहीं करना कई गंभीर सवाल पैदा कर रहा है !

संगठित अपराध करने में माहिर और कानूनी प्रक्रिया में महारत हासिल कर रखें अजय हार्डिया ने कई संपत्तियां हड़प रखी है जो उसने उसीकी संस्थाओं के माध्यम से बनाई हे जिनकी कीमत आज करोड़ों में हे ! वही अजय हार्डिया पर कानूनी प्रक्रिया के साथ खिलवाड़ करने के भी कई साक्ष्य उपलब्ध है !

 

CMHO द्वारा बताया गया हे की शिकयतकर्ता से प्राप्त शिकायत को निराकृत करने के लिए एक जांच समिति बना दी गयी हे !

 वहीँ शिकायतकर्ता का कहना हे पूर्व में भी जांच समिति अपनी रिपोर्ट पेश कर चुकी हे लेकिन कार्यवाही आज तक नहीं की गयी !