प्राधिकरण के खिलाफ मुखिया के सामने मुखर हुए विधायक,मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक में अहम फैसले

कल इंदौर में हुए विकास कार्यों की समीक्षा बैठक में विधायक महेंद्र हार्डिया ने अपने क्षेत्र में विकास प्राधिकरण से उत्पन्न हो रही समस्याओं के निराकरण के लिए मुख्यमंत्री के समक्ष अपील की। इस बैठक में प्राधिकरण ने व्यापक जनहित को देखते हुए अपनी योजना को त्यागने का निर्णय लिया। जल्द ही इस पर आधिकारिक विज्ञप्ति जारी होगी, जिससे क्षेत्रीय नागरिकों में खुशी का माहौल है।

प्राधिकरण के खिलाफ मुखिया के सामने मुखर हुए विधायक,मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक में अहम फैसले

द एक्सपोज़ लाइव न्यूज नेटवर्क, इंदौर

बैठक का आयोजन ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में हुआ, जहाँ शहर में हो रहे विकास कार्यों की गहन समीक्षा की गई। इंदौर को महानगर का दर्जा दिलाने के लिए उज्जैन और देवास को भी इसमें शामिल करने का प्रस्ताव रखा गया, जिसे जल्द ही शासन को भेजा जाएगा। इस बैठक में जनप्रतिनिधियों ने अपने-अपने क्षेत्र की समस्याओं और विकास की जरूरतों पर विस्तार से चर्चा की,विधायक हार्डिया का विरोध।

विधायक महेंद्र हार्डिया ने विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 5 में विकास प्राधिकरण द्वारा की जा रही गड़बड़ियों को मुख्यमंत्री के समक्ष रखा। उनका आरोप है कि विकास प्राधिकरण की योजनाओं में उलझी हुई सहकारी संस्थाओं की भूमि वर्षों से अवरुद्ध है, जिससे लोग अपने मकान के सपने को पूरा नहीं कर पा रहे। उन्होंने विशेष रूप से योजना क्रमांक 171 और 53 का उल्लेख किया, जहाँ प्राधिकरण की अनियमितताओं के चलते विकास कार्य ठप हैं।

विधायक के आरोप और प्राधिकरण की प्रतिक्रिया

विधायक हार्डिया ने कहा कि हाउसिंग बोर्ड के जर्जर भवनों को जल्द सुधारा जाना चाहिए और सहकारी संस्थाओं की भूमि को मुक्त किया जाना चाहिए। वहीं, प्राधिकरण के CEO आर.पी. अहिरवार ने कहा कि योजना क्रमांक 171 को त्यागने की अधिसूचना कानूनी प्रावधानों के अंतर्गत जल्द जारी की जाएगी और इसमें खर्च की गई राशि को वसूलने के बाद भूमि को मुक्त किया जाएगा। प्राधिकरण ने इसे जनहित में बड़ा कदम बताते हुए योजना त्यागने का फैसला लिया है।

सदस्यों का संघर्ष और उम्मीद

पुष्प विहार संघर्ष समिति के अध्यक्ष एन.के. मिश्रा ने मुख्यमंत्री मोहन यादव ,विधायक हार्डिया ,इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह और  IDA के CEO आर पी अहिरवार के इस कदम का स्वागत किया। उनका कहना है कि वर्षों से भूखंड के लिए संघर्ष कर रहे लोगों को अब राहत मिलने की उम्मीद है।