जहाँ अतिक्रमण हटाना है, वहां सड़क बना रहा निगम
मामला वार्ड 38 खजराना स्थित सर्वे क्रमांक 442 /1, 444 रकबा 1 .011 और 1.598 हैक्टयर अनुमानित कीमत लगभग 125 करोड़ का, जहाँ बन गया अवैध ताज नगर।
फिर उजागर हो रही निगम और भूमाफिया की सांठगांठ
खजराना में सरकारी ज़मीन पर लगातार बढ़ रहे अतिक्रमण
हटाने का पत्र भी निगम को भेजा, लेकिन नहीं हो रही कार्यवाही
द एक्सपोज लाइव न्यूज़ नेटवर्क, इंदौर।
यहां पर वर्ष 2021 में न्यायलय तहसीलदार द्वारा प्रकरण क्रमांक 00006/अ-68 /2021-22 में न सिर्फ 10000 रूपए का अर्थदंड लगाया गया था, बल्कि माना भी था कि उक्त भूमि पर 70 से 75 मकान बनाकर अतिक्रमण कर और भी प्लाट काटकर विक्रय किया जा रहा है। उक्त भूमि शासकीय सीलिंग की हो कर शासन में निहित है और बेदखली का आदेश भी पारित किया गया था।
और तो और अभी हाल ही में कलेक्टर के आदेश के बाद एसडीएम द्वारा बाकायदा बोर्ड भी लगवाया गया है, लेकिन भूमाफिया और निगम की साठगांठ के होंसले इतने बुलंद हैं कि इन्हे न इस आदेश की परवाह है न ही शासन का डर। आज भी धड़ल्ले से प्लॉटों की खरीद बिक्री की जा रही है और बाकायदा छाती ठोंक कर भूमाफिया कह रहा है कि यह भूमि मेरे स्वामित्व की है। इसिलए नगर निगम भी यहाँ सड़क बनवा रहा है।
मेयर के निर्देश हवा-हवाई
जहाँ एक तरफ महापौर अधीनस्थों को निर्देश दे रहें हैं कि किसी भी सूरत में अवैध बस्ती अब नहीं बसने दी जाये, वहीँ जोन क्र. 10 के अधिकारियों की नाक के नीचे ही न्यायलय तहसीदार द्वारा बेदखली के आदेश के बाद भी अवैध खरीदी बिक्री चालू है।
बोर्ड पर साफ लिखा है कार्रवाई के निर्देश
उक्त जमीन पर बोर्ड लगा हुआ है और अतिक्रमण करने वालों पर कार्यवाही की बात लिखी है। बावजूद इसके सड़क बनाई जा रही है और सीधे-सीधे भूमाफिया को फायदा पहुँचाया जा रहा है। जनता को धोखा दिया जा रहा है, क्योंकि बाद में प्रशासन इसको कभी भी शासकीय बता कर तोड़ देगा।