“द केरला स्टोरी” लव जिहाद व आतंकी षडयंत्र को बेनकाब करती साहसिक फिल्म
`द केरला स्टोरी’ जिस फिल्म के ट्रेलर ने ही बवाल मचा दिया था, वह जब थियेटर में आई तो हंगामा खड़ा होना था। जैसे `द कश्मीर फाइल्स’ को लेकर दो धड़े खड़े हो गए थे, वही इस फिल्म के साथ भी है। इस फिल्म की आलोचना भी खूब हो रही है और इसके कसीदे भी खूब गढ़े जा रहे हैं। पर फिल्म के साथ खड़े होने वालों की संख्या ज्यादा है और यही यह बताने के लिए काफी है कि देश का मूड बदल रहा है।
इस देश के हालातों और षडयंत्रों को समझना है तो जरूर देखना चाहिए यह फिल्म
फिल्म रिव्यू. एक्सपोज लाइव न्यूज नेटवर्क।
“पापा, आपने मुझे जीवन भर विदेशी विचारों (वामपंथ) के बारे में पढ़ाया, हमारे हिंदू देवी-देवताओं के बारे में पढ़ाते तो शायद ये स्थिति नहीं होती”
ये वो डायलॉग है, जो इस फिल्म की आत्मा है या फिर ये कहें कि इस देश की सच्चाई। आज हर घऱ में यही देखा जा रहा है कि बच्चों को स्मार्ट बनाने के चक्कर में मां-बाप उन्हें मोबाइल और तरह-तरह के गैजेट तो थमा देते हैं, लेकिन अपनी धार्मिक-सांस्कृतिक और सनातन विरासत से परिचय तक नहीं करवाते, तो क्या आश्चर्य हैं कि उनके घर की लड़कियां बहक रही हैं, समाज को नंगेपन का संदेश दे रही हैं और लव जिहाद व आतंकी षडयंत्रों के लिए सॉफ्ट टारगेट हैं।
डायरेक्टर सुदीप्तो सेन और निर्माता विपुल अमृतलाल शाह ने इस विषय को चुना और इस पर फिल्म बनाने का फैसला लेकर उसे पर्दे तक लेकर आए, यह वाकई साहसिक कार्य है। लव जिहाद और आतंकी षडयंत्रों को इस फिल्म के माध्यम से जिस तरह से बेनकाब किया गया है और जिस तरह से दोनों के कनेक्शन को दिखाया गया, वह सोचकर ही रोंगटे खड़े होते हैं, पर यह सब इस देश में हो रहा है।
केरल में 32 हजार लड़कियों का माइंड वाश किया गया, लव जिहाद की आड़ में, तो यह केवल केरल की ही कहानी नहीं है, बल्कि देश के हर हिस्से में कमोबेश यह चल रहा है। न्यूज चैनलों पर इस तरह की खबरों की इफरात है और इस मुद्दे पर सियासत भी जमकर हो रही है। सियासत फिल्म को लेकर भी होनी ही थी और चल भी रही है। इधर पीएम मोदी के इस बयान ने सियासत को और गर्मा दिया कि फिल्म फैक्ट्स दिखाती है और इस देश में यह जो भी हो रहा है, उसे और होने नहीं दिया जाएगा।
प्लॉट – (रायटर : सूर्यपाल सिंह, सुदीप्तो सेन और विपुल अमृतलाल शाह)
`द केरला स्टोरी’ अफगानी जेल में बंद फातिमा उर्फ शालिनी उन्नीकृष्णन से ईरानी-अफगानी अधिकारियों की पूछताछ से शुरू होती है। पूछताछ में शालिनी बताती है कि वह कैसे सीरिया पहुंची। केरल के एक बड़े कॉलेज में नर्सिंग की पढ़ाई करने आईं चार लड़कियों शालिनी, गीतांजलि, नीमा और आसिफा रूममेट हैं। आसिफा पढ़ाई की आड़ में जिहाद के मंसूबे लेकर आई है और दो लड़के रमीज व अब्दुल उसके मददगार हैं।
आसिफा दोनों को अपना कजिन बताकर से इन लड़कियों की मुलाकात करवाती है। फिर ऐसी घटनाएं घटती हैं कि लड़कियां खुद को असुरक्षित महसूस करने लगती हैं। तब आसिफा, इन लड़कियों को इस्लाम की तरफ डायवर्ट करती है और इसमें सफल हो जाती। इधर शालिनी की रमीज और गीतांजलि की अब्दुल से नजदीकियां बढ़ती हैं और शालिनी गर्भवती हो जाती है। इसके बाद शालिनी कैसे फातिमा बनती है और उसे सीरिया पहुंचा दिया जाता है। जहां उसके साथ हजारों लड़कियों को लाया गया है और आईएसआईएस में भर्ती किया जाता है, फिल्म इस षडयंत्र का खुलासा करती है।
डायरेक्शन- (सुदीप्तो सेन)
सुदीप्तो ने एक संवेदनशील विषय पर फिल्म बनाकर साहस का परिचय दिया है। माइंडवाश, लव जिहाद और आतंकी षडयंत्रों को संजीदगी के साथ फिल्माया है। फिल्म फ्रेम दर फ्रेम आगे बढ़ती है तो रोंगटे ख़ड़े होने लगते हैं। दिल चीख-चीखकर रोने लगता है, यह सोचकर कि यह सब हमारे ही देश में हो रहा है और इसे रोकने वाला कोई नहीं है। सीरिया को तालिबान की क्रूरता और महिलाओं के प्रति उनके अत्याचारों को जिस बाखूबी सुदीप्तो ने फिल्माया है, वह सिहरन पैदा देने वाला है।
एक्टिंग- (स्टार कास्ट : अदा शर्मा, योगिता बिहानी, सोनिया बलानी, सिद्धि इदनानी, देवदर्शिनी, विजय कृष्ण, प्रणय चौधरी, प्रणव मिश्रा)
अदा ने तो कमाल ही कर दिया। शालिनी से फातिमा तक के कंवर्सन को उसने जिस प्रभावी ढंग से परदे पर उतारा है, वह काबिले तारीफ है। हालांकि सभी कलाकारों ने काम ऐसा किया है मानो किरदार को स्वयं जिया हो या जी रहे हों, यही उनकी एक्टिंग की हाईट है। कई जगह कुछ सीन तो इतने इमोशनल बन आए कि आंखें छलक जाती हैं।
क्यों देखें –
ये फिल्में भारत की ऐतिहासिक धरोहर बन जाएंगी। फिल्म जरूर देखना चाहिए, इसलिए भी देखना चाहिए कि ये सब हमारे आसपास ही हो रहा है, लेकिन हम शुतुरमुर्ग की तरह रेत में मुंह गाड़े बैठे हैं। कई चैनल्स और मीडिया हाउसेस ने फिल्म की रिवीव में इसे इस्लामोफोबिक और एक एजेंडा से प्रेरित बताना शुरू कर दिया है। इसलिए भी इसे देखा जाना चाहिए और फिर अपनी राय रखना चाहिए कि क्या यह वाकई किसी एजेंडे का हिस्सा है या देश के हालातों को नंगा करने की कोशिश..?
कास्ट एंड रिटर्न –
फिल्म का बजट 28 करोड़ रुपए है और पहले दिन का कलेक्शन 8 करोड़ रहा है।
रैटिंग – वैल्यू फॉर मनी – 8.5/10 स्टार, वैल्यू फॉर टाइम – 8.5/10 स्टार
आईएमडीबी रैटिंग – 8.1/10 स्टार
फुल क्रू एंड कास्ट के लिए विकीपीडिया के लिए यहां क्लिक करके देख सकते हैं –
https://en.wikipedia.org/wiki/The_Kerala_Story
या आईएमडीबी के लिए यहां क्लिक करके देख सकते हैं –
https://www.imdb.com/title/tt24268454/fullcredits/?ref_=tt_ql_1
फिल्म का ट्रेलर देख सकते हैं –