गांरंटी खत्म वारंटी शुरू ,अब शपथ की तैयारी

चुनावी परिणाम कह रहे बहुत कुछ ,400 पार का सपना धराशाई ,विपक्ष हुआ मजबूत ,जीत कर भी हार गयी भाजपा ,क्या हैं कारण ,राम जन्मभूमि भी गयी हाथ से ,नहीं चला व्यक्तिवाद

गांरंटी खत्म वारंटी शुरू ,अब शपथ की तैयारी

द एक्सपोज़ लाइव न्यूज़ नेटवर्क इंदौर 

आम चुनाव के नतीजों से सबको मानो हिला कर रख दिया ,साम ,दाम, दंड, भेद के बावजूद 400 का आंकड़ा पार नहीं कर पायी भाजपा ! चुनाव के पहले केंद्रीय नेतृत्व ने अपनी पूरी ताकत आंकड़े को पार करने के लिए झोंक दी थी ,बड़े से लेकर छोटे कार्यकर्त्ता को जूते के फीते कस लेने की सख्त हिदायत दे दी गयी थी,गारंटियों की बौछार लगा दी गयी थी ,विपक्ष में सेंधमारी कर तोड़ फोड़ भी भरपूर कर ली गयी ! संविधान की रक्षा ,370 और राम मंदिर को भी खूब भुनाने की कोशिश कर ली गयी ,हिंदुत्व कार्ड भी जमकर खेला गया ,सोशल मीडिया पर भी छींटाकशी में कोई कमी नहीं रही लेकिन बावजूद इसके परिणाम वो नहीं जिसकी उम्मीद थी ! एग्जिट पोल ,सट्टा बाजार भी 400 के फेर में फंस गया ! मुद्दों से भटक कर पूरा फोकस मार्केटिंग पर कर दिया गया ,लेकिन कमज़ोर पढ़ चूका विपक्ष मुद्दों के सहारे अब एक मज़बूत स्थिति में खड़ा हे जो की एक स्वस्थ लोकतंत्र के लिए ज़रूरी भी था  ! 

बेशक आज भाजपा सबसे बड़ी पार्टी के रूप में  उभरी हे लेकिन जिसे "जादू" और "लहर" कहा जा रहा था नतीजों में वो अब नदारद हे ,और संगठन की बदौलत आज भाजपा एक सम्मानजनक स्थिति में खड़ी हे ,और होना भी चाहिए क्यूंकि व्यक्ति जीवित हो कर भी नश्वर होता हे और संगठन निर्जीव हो कर अनश्वर ,जब जब व्यक्ति संगठन से बड़ा बना हे परिणाम इससे भी भयावह हुए हैं ,व्यक्ति एक पार्टी और संगठन का मुखिया ज़रूर हो सकता हे लेकिन गारंटी 

हमेशा व्यक्ति की नहीं पार्टी की होती हे !  परिणामों ने यह बात भी साबित कर दी ! वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं की अवहेलना ने भी कहीं न कहीं अपना काम कर दिखाया ,व्यक्तिवाद के जाल में ऐसा फंसाया के अपना दिमाग लगाने की इज़ाज़त किसी को भी नहीं दी गयी ,उनकी बातों की शुरुआत भी एक ही नाम से और ख़तम भी एक ही नाम से ! वरिष्ठों को कनिष्ठों  के निचे काम करने को मजबूर कर दिया गया ,ये बात अलग हे की संस्कार कहीं न कहीं उनमे भी प. दीनदयाल और अटल बिहारी के दिए हुए थे जिसके कारण शिकवे शिकायत नहीं हुए ! 

अयोध्या भी गया हाथ से 

जो परिणाम आये उनसे ज़्यादा चर्चा इस बात की हे की जिस राम के सहारे भाजपा ने सत्ता पाई उसी अयोध्या को आज भाजपा को खोना पड़ा कारण  भी स्पष्ट  हैं और एक्सपोज़ एक्सपोज़ लाइव ने पहले भी लिखा था की श्री राम  जीवन भर नीति के साथ चले और न जनाधार की तरफ कभी गए और न उसकी अपेक्षा करी ! आज जो अयोध्या वासियों के मन में पीड़ा हे उसका अंदाज़ा भी लगाया जा सकता हे ,पुरे शहर में अपार भीड़ ,आसमान छूती ज़मीनों की कीमत ,बड़ी कम्पनियों का भारी निवेश,निजता पर सीधे आघात कहने सुनने में बात अजीब ज़रूर लगती हे लेकिन पीड़ा तो पीड़ा हे और अंजाम सबके सामने,विकास के नाम पर जहाँ विनाश  किया गया, मुआवज़े की कोई बात नहीं की गयी ,विकल्प जो दिए गए वो रास नहीं आ रहे ,अब हिन्दू और मुस्लिम वोटिंग की बात भले ही सामने आ रही हों लेकिन ज़मीनी हकीकत को भी समझने की ज़रूरत हे ! ये बात भी ज़रूर हे के रोज़गार भी मिला लेकिन कहीं न कहीं कमी आज भी रह गयी हे ! 

कांग्रेस के लिए अभी दिल्ली दूर 

चुनावी परिणाम के बाद उम्मीद हार चुकी कांग्रेस में अब एक नई ऊर्जा देखने को ज़रूर मिली लेकिन हिंदुस्तान के दिल (मध्य प्रदेश ) में अब भी जगह नहीं बना पाई ,सुरक्षित कही जाने वाली सीट भी पार्टी हार गयी ,ठीकरा प्रदेश अध्यक्ष पर फोड़ा जा रहा हे लेकिन कहीं न कही आज भी विकल्प के रूप में कांग्रेस को देश नहीं देख पा रहा हे !     

बहरहाल आज जो हालात देश में  बन गए हैं दोनों ही पार्टियों  के लिए आत्ममंथन का वक़्त आ चूका हे !