एस डी एम जूनि इंदौर कर रहे न्यायलय के आदेश की अनदेखी
मामला खजराना तहसील के सर्वे नंबर 543/2 का
द एक्सपोज लाइव न्यूज़ नेटवर्क इंदौर
खजराना स्थित सर्वे नंबर ५४३ /२ पर बनी अवैध बहुमंजिला इमारत जिसका कब्जा वर्ष 2016 में शासन द्वारा ले लिया गया था और बहुमंजिला इमारत को महिला एवं बाल विकास विभाग एवं पटवारी, आर आई के अस्थाई कार्यालय खोलने हेतु तत्समय जिलाधीश आकाश त्रिपाठी द्वारा आवंटित भी कर दिया गया था !
मामला अभी उच्च न्यायालय इंदौर में विचाराधीन हे जिसमें 22/07/2022 को न्यायालय ने एसडीएम जुनी इंदौर को निर्देशित किया था की मौके पर भूमि की वस्तुस्थिति की रिपोर्ट मय शपथ पत्र 7 दिन के अंदर न्यायालय में पेश की जाए ! अदालत के आदेश का पालन करते हुए राजस्व दल द्वारा 2 अगस्त को टीम भेजकर मौका मुआयना भी कर लिया गया लेकिन रिपोर्ट शपथ पत्र के साथ न्यायालय में प्रस्तुत नहीं की गई, जिस पर 22/8/2002 को पुनः मामले में सुनवाई हुई और 1 सप्ताह का अतिरिक्त समय शासन को दिया गया ! जब 7/9/2022 को सुनवाई तक भी शासन द्वारा रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की गई न्यायालय ने एसडीएम जुनी इंदौर को कड़ी फटकार लगाते हुए समक्ष में पेश रहने के कड़े निर्देश भी दिए ! शासन के इस रवैया से स्पष्ट हे कि कहीं ना कहीं मामले को दबाने की पूरी कोशिश की जा रही हे और ऐसा करने से शासन न सिर्फ अपना खुद का नुकसान कर रहा हे बल्कि बिल्डर की भूमि पर बसी बस्ती में रहने वालों के लिए भी मुसीबतें पैदा कर रहा हे !
गूगल से लिए गए इस चित्र में स्पष्ट हे की मौके पर ज़मीन खाली नहीं हे ,शासकीय खसरे ५४३/२ पर ईमारत बन चुकी हे और पीछे ५४३/१ जो की कंचन पति राकेश जैन के स्वामित्व का हे पर बस्ती पिछले ३५ वर्ष से बसी हे !
ज्ञात हो कि ५४३/२ पर बनी इस अवैध बहुमंजिला इमारत जिसकी भूस्वामी कंचन पति राकेश जैन है और क्षेत्रीय विधायक महेंद्र हार्डिया एवं उनके प्रतिनिधि राजेश उदावत द्वारा लगातार अवैध बहुमंजिला इमारत एवं शासन की भूमि बचाने के लिए हर स्तर पर पत्राचार भी किए गए थे ! मामले में अपील करने हेतु शासन को भी पत्र लिख शासन का पक्ष मजबूती से रखने का आग्रह भी विधायक द्वारा किया गया था ! खुद शासन द्वारा ही स्थगन एवं शीघ्र सुनवाई हेतु अर्जी न्यायलय में प्रस्तुत की गयी हे लेकिन प्रशासन लगातार ढिलाई बरत रहा हे जो कई गंभीर सवाल खड़े कर रहा हे !