राजकुमार मिल की जगह आईटी पार्क आने से बर्बाद होगा शहर
शहर के मध्यक्षेत्र में आईटी कंपनियों को लाने के बजाय छोटे उद्योगों और रोजमर्रा की जरूरत का सामान बेचने वाले हॉकरों को प्राथमिकता दी जाना चाहिए।
राजकुमार मिल की जगह 22.5 एकड़ में आईटी पार्क बनाकर, शहर के मध्य में रोजगार देने का एक और सपना शहर को दिया जा रहा है। इसके लिए पहले से सुपर कॉरिडोर बना हुआ है, जहां पर आईटी कंपनियां आ रही हैं या आना चाहिए। शहर के मध्य में आईटी कंपनियां आने से शहर की यातायात व्यवस्था और बिगड़ेगी, क्योंकि जितने आदमी हैं, उतनी कारें भी यहां पर आएगी। यहां पर ना कोई मेट्रो आ रही है, और ना कोई अन्य यातायात सुविधा है।
मुझे लगता है कि शहर के मध्य में यह जो जगह है, उसे सरकार ने खरीद के, शहर के मध्य क्षेत्र की जो मूलभूत आवश्यकता है, सब्जी मंडी में अनाज मंडी है और वैसे ही छोटे कल कारखाने जो शिवाजी नगर में पोलोग्राउंड में चल रहे हैं यानी तीन सौ एक हजार वर्गफीट की जरूरत वाले छोटे उद्योगों को अगर व्यवस्थित तरीके से जगह उपलब्ध करा कर योजना बनाई जाती है, तो शहर के लिए ज्यादा उपयोगी होगा।
इससे शहर की उन्नति भी काफी अच्छी होगी।शहर व्यवस्थित बनके ज्यादा अच्छा रहने लायक बन सकेगा। अभी आईटी कंपनी को शहर के अंदर लाने की बात हो रही है और रोजमर्रा के लिए जो, सब्जी चाहिए अनाज चाहिए या अन्य छोटे-मोटे कल कारखाने चाहिए, उसे शहर से बाहर ले जाने की बात हो रही है। गलत दिशा में हम जा रहे हैं। इसमें शहर हित कम और व्यक्तिगत हित ज्यादा दिखते हैं।
जनप्रतिनिधियों को और अधिकारियों को इस बारे में चिंतन, मनन करना चाहिए और इस जगह का अगर वास्तव में अच्छा उपयोग हो जाए व्यक्तिगत हित को छोड़कर किया जाए, तो हमारा शहर एक बार पुनः व्यवस्थित होकर रोजगार भी बढ़ाएगा और लोगों को सुविधा मिलेगी, जिससे कि आमजन की जीवन जीने की लागत कम होगी और समय भी कम लगेगा। इससे शहर का सामाजिक ताना-बाना अच्छा बनने में भी मदद मिलेगी और हमारा इंन्दौर और अच्छा ओर श्रेष्ठ बन सुसंस्कृत ओर समृद्ध शहर बनेगा।