इस देश मे अपनी भूमिका निभाने वाला ही सच्चा भारतीय है।

ज्ञान परंपरा को पुनः जीवित करना ही हमारा लक्ष्य है राज्यसभा सदस्य व सांसद - राकेश सिन्हा

इस देश मे अपनी भूमिका निभाने वाला ही सच्चा भारतीय है।
इस देश मे अपनी भूमिका निभाने वाला ही सच्चा भारतीय है।
इस देश मे अपनी भूमिका निभाने वाला ही सच्चा भारतीय है।
इस देश मे अपनी भूमिका निभाने वाला ही सच्चा भारतीय है।
इस देश मे अपनी भूमिका निभाने वाला ही सच्चा भारतीय है।
इस देश मे अपनी भूमिका निभाने वाला ही सच्चा भारतीय है।
इस देश मे अपनी भूमिका निभाने वाला ही सच्चा भारतीय है।
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इस देश मे अपनी भूमिका निभाने वाला ही सच्चा भारतीय है।
इस देश मे अपनी भूमिका निभाने वाला ही सच्चा भारतीय है।

द एक्सपोज़ लाइव न्यूज़ नेटवर्क

इस देश में अपनी भूमिका निभाने वाला ही सच्चा भारतीय है। यह बात शनिवार शाम लाभमण्डपम में  संस्कृति संवर्धन न्यास के व्याख्यान में राज्यसभा सदस्य सांसद राकेश सिन्हा ने कही उन्होंने कहा कि समन्वय से ही भारत चलता है। जो लोग भारत की परीक्षा ले रहे हैं उन्हें हम बताना चाहते हैं कि भारत अब अग्नि परीक्षा से गुजर चुका है भारत को रोकने वाला कोई नहीं है सभ्यता का नया इतिहास रचने के लिए 140 करोड़ जनता तैयार है। जो इसके साथ चलेंगे वह हमारे साथ चलेंगे यह सभ्यता की विजय यात्रा भूगोल क्षेत्र बढ़ाने के लिए नहीं है हमारी यहा विजय यात्रा नवउदारवाद के जिममें, लोकमानव पैदा करने के लिए है  भारत अपनी नैतिकता ओर सभ्यता से सनातन पर हमला करने वालों से मुकाबला करेगा। ज्ञान और विज्ञान के ऊपर मानवता का आधिपत्य बना रहे। भावना और विवेक के साम्राज्य को बनाए रखना ही भारत की ज्ञान परंपरा का लक्ष्य है। यह देश तो प्रयोगधर्मी लोगों का, आलोचनात्मक चिंतन करने वालों का एवम  बहूआत्मीयता रखने वालों का देश है। हिंदू चेतना उदारता की रक्षा करने के लिए एक जागृति का भाव है हम किसी पर आक्रमण नहीं कर रहे हम दूसरों को  बोध कर रहे हैं कि तुम भारतीयता के निकट आ जाओ और भारतीय बन जाओ समस्या का समाधान हो जाएगा।

ये रहे मुख्य रूप से उपस्थित-

कार्यक्रम की शुरूआत माँ सरस्वती जी के दीप प्रज्वलित कर हुई कार्यक्रम में सेकड़ो की संख्या में समाजजनों ने भाग लिया, कार्यक्रम के समापन पर राष्ट्रीय गीत हुआ तत्पश्चात भारतमाता की जय, वन्दे मातरम, जय जय शिया राम के नारे लगे। व्यख्यान में मुख्य रूप से अशोक बड़जात्या, विशाल राय, नवीन गोधा उपस्थित रहे। व्यख्यान की प्रस्तावना राजेश माली ने रखी व्यख्यान का संचलन प्रीति ठाकुर ने किया, एवम आभार वीरेन्द्र गोयल ने माना।