इंदौर के लिए क्यों जरूरी है वर्टिकल मास्टर प्लान..?

इंदौर शहर का नया मास्टर प्लान बनने की प्रक्रिया शुरू हुई है। इसमें सभी बातों के अलावा एक बात और सम्मिलित होना चाहिए और पूरा अध्याय इसके ऊपर होना चाहिए। वह विषय है, वर्टिकल मास्टर प्लान।

इंदौर के लिए क्यों जरूरी है वर्टिकल मास्टर प्लान..?
Atul Sheth

मास्टर प्लान में हम शहर का होरिजेंटल प्लान जरूर बनाते हैं, मगर वर्टिकल प्लान बिल्कुल नदारद है, जिसके अंतर्गत इंदौर शहर में जो 50 मीटर से ज्यादा का ढाल है, उसका समन्वय कहीं भी किसी भी स्तर पर नहीं होता है और ना ही मास्टर प्लान इस बारे में कुछ बोलता है।

यह एक प्रमुख कारण है कि 2 इंच पानी में भी शहर बदहाल हो जाता है। अतिवृष्टि में क्या होगा या तकनीकी भाषा में अगर कहें तो 40 साल की बाढ़ या 100 साल की बाढ़ जब आएगी, तो शहर किस विषम परिस्थिति में होगा, इसकी कल्पना मात्र से डर लगता है।

किसी भी कॉलोनी के प्लान में जब टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग या नगर निगम का कॉलोनी सेल, स्वीकृति प्रदान करता है, तो उसमें बरसात के पानी की निकासी का कोई भी प्रावधान नहीं किया जाता है, ना कोई नीति नियम है कि उस कॉलोनी में जो बरसात का पानी आ रहा है, उसे वह कॉलोनी वाला क्या करेगा। या कॉलोनी में बरसात का पानी कहां पर कौन व कैसे छोड़ेगा?

इस बारे में कहीं भी नियम नहीं है, ना कोई ध्यान देता है। हर छोटी-छोटी कॉलोनी या अपने आप में अपना विकास कर लेती है, जिसमें सुंदरता से लेकर आरसीसी रोड, ड्रेनेज और पानी-बिजली की सप्लाई तो सुनिश्चित करती है, मगर बरसात के पानी के बारे में कोई भी प्रावधान आपस में नहीं होता है। इन बातों के मद्देनजर मास्टर प्लान में शहर के वर्टिकल प्लान को ध्यान में रखते हुए, निश्चित योजना और समन्वय के लिए नीति नियम होना चाहिए। तो ही आने वाली अतिवृष्टि के समय, शहर अपनी सुरक्षा कर पाएगा।

- अतुल शेठ, इंजीनियर