सुप्रीम कोर्ट ने मुफ्त योजनाओं पर लगाई रोक, किसान को मुआवज़ा देने में विफल रहने पर फटकार
पीठ ने कहा हम आपको 3 सप्ताह का समय देते हैं और अंतरिम आदेश पारित करते हैं कि जब तक हम अनुमति नहीं देते कोई भी मुफ्त योजना राज में लागु नहीं की जाए .
द एक्सपोज़ लाइव न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को महाराष्ट्र सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए 'लाडली बहन योजना' सहित सभी मुफ्त योजनाओं पर रोक लगाने का अंतरिम आदेश दिया है। यह आदेश किसान द्वारा दायर याचिका की सुनवाई के दौरान आया, जिसमें किसान ने आरोप लगाया था कि सरकार ने उसकी जमीन का अवैध रूप से अधिग्रहण किया है और उसे अभी तक मुआवज़ा नहीं दिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट की न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति के विश्वनाथन की पीठ ने महाराष्ट्र सरकार को तीन सप्ताह का समय देते हुए कहा कि जब तक किसान को मुआवज़ा नहीं दिया जाता, तब तक राज्य में कोई भी मुफ्त योजना लागू नहीं की जाएगी।
पीठ ने राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि उनके पास मुफ्त योजनाओं के लिए तो धन है, लेकिन किसानों को मुआवज़ा देने के लिए नहीं। कोर्ट ने कहा कि अगर सरकार ने किसान को जल्द मुआवज़ा नहीं दिया, तो वह सभी मुफ्त योजनाओं को स्थगित कर सकती है।
महाराष्ट्र सरकार के वकील ने कोर्ट के निर्देशों का पालन करने की बात कही, लेकिन यह भी कहा कि ऐसी टिप्पणियों से सुर्खियां बनती हैं। इस पर न्यायमूर्ति गवई ने कहा कि उन्हें इसका कोई फर्क नहीं पड़ता।
इंदौर जिले में भी वर्षों से मुआवज़े की लड़ाई लड़ रहे किसान
इंदौर जिले में भी किसान वर्षों से मुआवज़े की लड़ाई लड़ रहे हैं। किसानों का आरोप है कि विकास प्राधिकरण में भ्रष्टाचार चरम पर है और सिंचित भूमियों के अधिग्रहण को लेकर उनमें भारी रोष है। इस आदेश के बाद राज्य सरकार पर मुआवज़ा देने का दबाव और बढ़ गया है। किसान इस फैसले को न्याय की दिशा में एक बड़ा कदम मान रहे हैं।