निगम अधिकारियों को भा रहा 'लड़की आँख मारे'
इंदौर नगर निगम के उद्यान अधिकारी चेतन पाटिल को स्वच्छता अभियान के बजाय 'लड़की आंख मारे' गाना ज्यादा पसंद आ रहा है। उन्होंने अपने मोबाइल पर यही डायलर टोन लगा रखी है और निगमायुक्त से लेकर अन्य अधिकारी तक गाफिल हैं।
बेलागम अधिकारियों को नहीं पसंद आ रहा सरकारी आदेश, लांघ रहे मर्यादा
द एक्सपोज़ लाइव न्यूज़ नेटवर्क, इंदौर।
निगम अधिकारीयों को अपने सरकारी मोबाइल फोन पर बहुत पहले एक आदेश के तहत एकरूपता दिखाने के मकसद से डायलर टोन लगाने का आदेश पारित किया गया था जिसका पालन लगभग हर अधिकारी कर रहा हे,लेकिन उद्यान प्रभारी चेतन पाटिल को न इस आदेश की कोई चिंता हे न स्वत्छ शहर इंदौर की।
उन्होंने अपने मोबाइल फोन 7440443554 पर एक अनोखी डायलर टोन लगा रखी हे जिसके बोल शायद स्वत्छ शहर इंदौर की शान में चार चाँद लगा दे ,"लड़की आँख मारे ओ लड़की आँख मारे" ! शायद सुनने समझने में अजीब लगे, लेकिन उद्यान सुपरवाइजर को निगम की सरकारी टोन से शायद कुछ ज़यादा ही परेशानी मालूम होती हे !
दरअसल उद्यान सुपरवाइजर पाटिल से आज दोपहर से शहर में हो रही बिना अनुमति के वृक्षों की छंटाई कटाई के संबंध में जानकारी लेने के दूरभाष पर समपर्क करने की कोशिश की जाती रही, लेकिन न तो वो दूरभाष पर उपलब्ध हुए न ही उनकी कोई जानकारी निगम कंट्रोल रूम में उपलब्ध हो पायी ,जब कंट्रोल रूम से जानकारी चाही गयी और उनकी इस डायलर टोन के बारे में पूछा गया तो निगम के कंट्रोल रूम भी यह कहते हुए बचाओ की मुद्रा में आ गया की मोबाइल इंटर कनेक्ट हो गया हे ,जब उनसे वायरलेस लोकेशन पूछने का कहा गया तो कई घंटों तक वे सेट पर भी उपलब्ध नहीं हो सके ! खबर लिखे जाने तक भी उनकी उपलब्धता की कोई जानकारी कंट्रोल रूम में नहीं उपलब्ध हो सकी !
धड़ल्ले से चल रही हे अवैध कटाई
शहरवासी जहाँ पेड़ों के सरक्षण के लिए रोज़ मुहीम चला रहे हैं वहीँ अवरोध पैदा नहीं करने वाले पेड़ों की अंधाधुंध छटाई निगम के अधिकारी अवैध रूप से करने हुए हैं ! नियम कहता हे अगर जनसामान्य को हानि का खतरा हो उस भूमि पर पेड़ों की छंटाई की निगम द्वारा की जाती हे और अगर निजी भूमि पर पेड़ छंटाई की जाना हे तो उसके लिए आवदेन ऑनलाइन किया जाता हे और सत्यापन के बाद १००० रूपए की राशि ले कर अनुमति दी जाती हे !
पहले भी लगते रहे हैं लकड़ी माफियाओं के साथ साठगांठ के आरोप
निगम के उद्यान विभाग पर लकड़ी माफियों के साथ सांठगांठ के आरोप पहले भी लगते रहे हैं लेकिन हर बार जांच का हवाला दे कर निगम के उद्यान विभाग के कर्मचारियों को बचा लिया जाता हे !
अपर आयुक्त दिव्यांक सिंह (IAS ) का कहना हे, हमें शिकायतें मिल रही हैं, तत्काल जांच की जा कर कार्यवाही की जाएगी!