वन सेवा में 12 साल कम हुई उम्र, 2021 से लागू नियम..!

वन सेवा के दो महत्वपूर्ण पद जो पीेएससी के जरिेए भरे जाते हैं, उनमें सीधे 12 साल की आयु कम कर दी गईऔर यह प्रावधान 2 साल पहले से लागू किया गया है। इसके चलते वन विभाग के कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। वहीं लोक सेवा आयोग का कहना है कि यह गलती से हुआ है, इसमें सुधार करवा लिया जाएगा। घबराने की जरूरत नहीं है।

वन सेवा में 12 साल कम हुई उम्र, 2021 से लागू नियम..!

पीएससी ने कहा लिपकीय त्रुटि है, करवा लिया जाएगा सुधार

द एक्सपोज़ लाइव न्यूज़ नेटवर्क, इंदौर।

दरअसल 1967 और 1977 में बने वन सेवा भर्ती नियमों के अनुसार सहायक वन संरक्षक और वन क्षेत्रपाल के पदों पर भर्ती के लिए उम्मीदवार का 18 साल का होना जरूरी था, बाद में इसे बदलकर 21 साल किया गया। इसके अलावा उसकी अधिकतम आयु सहायक वन संरक्षक के लिए 40 वर्ष और वन क्षेत्रपाल के लिए 30 वर्ष रखी गई है। इसी के अनुसार मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग अब तक इन पदों की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी करता आया है। मध्य प्रदेश राज्य वन सेवा 2023 के लिए जारी विज्ञापन में भी सहायक वन संरक्षक के लिए आयु सीमा 21 से 40 वर्ष और वन क्षेत्रपाल के लिए आयु सीमा 21 से 30 वर्ष रखी गई है। इसकी परीक्षा अभी होना बाकी है और उम्मीदवार तैयारी कर रहे हैं।

पर 1 दिसंबर को आए एक नोटिफिकेशन ने कर्मचारियों के साथ-साथ उम्मीदवारों की भी नींद उड़ा दी। इस नोटिफिकेशन में कहा गया है कि वन सेवा में सहायक वन संरक्षक और वन क्षेत्रपाल के लिए आयु सीमा 21 से 28 वर्ष रहेगी और यह नियम साल 2021 से लागू होगा। यानी 2 साल पहले जिन्होंने इन दोनों पदों की भर्ती के लिए परीक्षा दी थी और पास हुए थे, वह भी उम्र कम होने के दायरे में आ जाएंगे। इस हिसाब से तकनीकी रूप से देखा जाए तो जिनका अभी चयन होना है, वह डिसक्वालीफाई हो जाएंगे और जो चयनित हो चुके हैं उनकी नौकरी पर खतरा मंडराने लगेगा। इसको लेकर वन विभाग के कर्मचारी संघ ने घोर आपत्ति ली। कर्मचारी संघ का कहना है कि शासन का या बेतुका का निर्णय है। इससे न केवल कर्मचारियों में असंतोष और निराशा फैलेगी बल्कि, जो उम्मीदवार वन सेवा में आने के लिए तैयारी कर रहे हैं, वह भी हतोत्साहित होंगे।

शैक्षणिक योग्यता में करवाया था बदलाव

इधर पीएससी का कहना है कि यहां से केवल शैक्षणिक योग्यता में बदलाव के लिए पत्र शासन को भेजा गया था। दरअसल वन सेवा के पुराने नियमों के अनुसार जो शैक्षणिक योग्यता रखी गई थीं, वह वर्तमान समय के अनुसार अव्यवहारिक हैं। इसलिए हमने संशोधन करने की मांग की थी कि वन सेवाओं के लिए शैक्षणिक योग्यता में कोई भी विज्ञान स्नातक किया जाए, किंतु लिपकीय त्रुटि के कारण उम्र के कॉलम में भी बदलाव कर दिया गया है। इसमें भय की कोई बात नहीं है, जल्द ही इसे सुधरवा लिया जाएगा।

 

गलती है तो भी निराशा का माहौल बना

एक तो कोविद से अब तक कोई भर्ती नहीं हुई है दूसरेप्रमुख पदों के लिए उम्र सीमाको घटनाशासन कागलत फैसला है यदि यह त्रुटि वास हुआ है तो भी इससे कर्मचारियों और उम्मीदवारों मेंनिराशा औरडर का माहौल बनेगा।

  • संजय पाण्डे, अध्यक्ष म.प्र. वन कर्मचारी संघ

सुधरवा देंगे त्रुटि

इस लिपि की त्रुटि के बारे में शासन को पत्र लिखकर अवगत करवाया जा रहा हैउम्मीदवारों को डरने की जरूरत नहीं है इस गलती को तत्काल सुधार कर नया नोटिफिकेशनजारीहोगा।

  • डॉ. रवींद्र पंचभाई, ओएसडी पीएससी