यशोभूमि दिल्ली में होगा प्लास्ट फोकस , प्लास्टिक एवं मशीन उत्पादक लेंगे हिस्सा

औद्योगिक मशीनरी के निर्माण में तेजी से आगे बढ़ रहा है देश, विदेशों पर निर्भरता कम हुई, इंदौर में रोड शो संपन्न, बडी संख्या में प्लास्टिक उद्योग शामिल हुए,यशोभूमि में पहला आयोजन ,प्रगति मैदान से भी ज़्यादा सुविधा वाला स्थान ,दिल्ली के द्वारिका में स्थित हे एशिया का सबसे बड़ा कन्वेशन सेंटर , लगेंगी लाइव मशीन ,भारत में 92% प्लास्टिक होता हे रीसाइकिल

यशोभूमि दिल्ली में होगा प्लास्ट फोकस , प्लास्टिक एवं मशीन उत्पादक लेंगे हिस्सा

द एक्सपोज़ लाइव न्यूज़ नेटवर्क इंदौर 

प्लास्टिक मशीनों निर्मातो के सबसे बड़े आयोजन प्लास्ट फोकस 2024 के आयोजन का इंदौर में रोड शो संपन्न हुआ। प्लास्टिक मशीनरी मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में मप्र के अग्रणी प्लास्टिक उद्योगों के संगठन इंडियन प्लास्ट पैक फोरम सहित अनेक औद्योगिक संगठनों के सदस्यों ने भाग लिया। आयोजन में आगामी 1 से 5 फरवरी 2024 को दिल्ली में आयोजित होने वाले प्लास्टिक फोकस एक्सपो की विस्तृत जानकारी प्रदान की गई।

प्लास्टिक मशीनरी मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के चेयरमैन  तुषार पारिख ने बताया कि देश में निर्माण और उत्पादन को बढाने के दिशा में उच्च गुणवत्ता और तेजी से उत्पादन करने वाली मशीनों की दिशा में पिछले कुछ वर्षों में बहुत शोध किया गया है। इससे देश के मशीन निमार्ताओं की विदेशों पर  निर्भरता कम हुई है। पहले किसी भी क्षेत्र में मशीनों के निर्माण में चीन, ताइवान और जापान की मशीनें बेहतर मानी जाती थी। लेकिन अब इस स्थिति में व्यापक बदलाव आया है।

पारिख ने बताया कि देश में मशीन निर्माण ने नई औद्योगिक क्रांति की ओर आगे बढ़ने के साथ ही देश के जीडीपी में सहयोग की दिशा में मदद की है। आधुनिक मशीनों के देश में ही निर्माण होने से स्थानीय निर्माताओं , नए उद्यमियों और उद्योगों को बढाने की दिशा में मदद मिली है। अब देश में निर्मित मशीनों को अन्य देशों में निर्यात भी किया जा रहा है। 

इंडियन प्लास्ट पैक फोरम के अध्यक्ष  सचिन बंसल ने बताया कि मध्य भारत में नए प्लास्टिक उद्योग की स्थापना में नए तकनीक की मशीनों बड़ा योगदान है। पहले आयातित मशीनों जो महंगी होने से उद्योगों पर आर्थिक भार बनती थी। अब स्वदेशी निर्माताओं की मशीनों बेहतर तकनीक और तेज गति से उत्पादन करने में सक्षम है। इसका लाभ निर्माण और उत्पादन में तेजी, कम लागत में अच्छे उत्पादन और व्यापक उपलब्धता के रूप में सामने आया है।

बंसल ने बताया कि वर्तमान में प्लास्टिक के क्षेत्र में प्लास्टिक मशीनरी मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा बड़े पैमाने पर अपनी तकनीक का प्रदर्शन प्लास्टफोकस औद्योगिक प्रदर्शनी के रूप में किया जाता है। आगामी आयोजन में इंदौर से बडी संख्या में उद्योगपति नई तकनीक और गुणवत्ता वाली मशीनों की जानकारी लेने वहां जाएगें। इंदौर रोड शो में प्लास्टिक मशीनरी मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने आयोजन की विस्तृत जानकारी प्रदान की है।

रोड शो के दौरान पीएमएमएआई के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर सदस्य  सुब्बा बंगेरा  ने बताया कि देश में प्लास्टिक का उपयोग कम करने की बात की जा रही है। वही वैश्विक स्तर पर अमेरिका में प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष प्लास्टिक खपत 128 किलो है। वही भारत में यह मात्र 16 किलो है। वही भारत में प्लास्टिक खपत का 92% रिसायकलिंग होता है। इसके पीछे बेहतर तकनीक की रीसाइक्लिंग मशीनों का निर्माण और उपयोग होना भी है। आयोजन में प्लास्टफोकस में शामिल होने वाले बड़े मशीन निर्माताओं की ओर के प्रेजेंटेशन भी दिया गया।