सिटी बस कंपनी की बस शादी के लिए किराए पर

शहर की पहचान बनी सिटी बस कंपनी की बसें अब सार्वजनिक यातायात के बजाय शादियों में दौड़ती नजर आ रही हैं। हाल ही में इंदौर की सड़कों पर एक ऐसा नजारा देखने को मिला, जिसने प्रशासन और यातायात विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए।

सिटी बस कंपनी की बस शादी के लिए किराए पर
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इंदौर की सड़कों पर सरकारी बस बनी बारात का हिस्सा, यातायात नियमों की उड़ाई धज्जियां!

द एक्सपोज लाइव न्यूज नेटवर्क, इदौर।

एक सरकारी बस को शादी के लिए किराए पर दिया गया और उसकी नंबर प्लेट पर शादी का बड़ा बैनर चस्पा कर दिया गया। बस सिटी बस कंपनी की है, जो इंटरसिटी सेवा के लिए चलती है। लेकिन ऑपरेटरन ने इसे शादी के लिए किराए पर दे दिया।

यातायात नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए यह बस बारात लेकर निकली। खास बात यह है कि इस बस पर न तो नंबर प्लेट दिख रही थी, न ही यातायात पुलिस ने इस पर कोई कार्रवाई की। यह घटना इंदौर के जागरूक नागरिकों के बीच चर्चा का विषय बन गई है।

जनता के सवाल, प्रशासन मौन

शहर की जनता ने इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब आम नागरिकों से हेलमेट और सीट बेल्ट जैसे नियमों का पालन सख्ती से कराया जाता है, तो सरकारी बस पर ऐसी लापरवाही क्यों? क्या सरकारी संसाधनों का ऐसा व्यावसायिक उपयोग जायज है?

सरकार जहां एक तरफ यह दावा करती है कि सार्वजनिक सेवाओं में सुधार और निजीकरण की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर सरकारी संसाधनों का इस तरह इस्तेमाल जनता के पैसे के दुरुपयोग की तरफ इशारा करता है।

प्रशासन की चुप्पी पर गुस्सा

यातायात पुलिस द्वारा आम जनता को छोटी-छोटी बातों पर चालान काटने की खबरें रोज सुनाई देती हैं। ऐसे में, जब एक सरकारी बस खुलेआम नियम तोड़ती दिखी, तो पुलिस की अनदेखी ने जनता को नाराज कर दिया है। क्या प्रशासन इस मामले में कार्रवाई करेगा, या इसे भी अनदेखा किया जाएगा?

शहरवासियों का कहना है कि प्रशासन को जल्द से जल्द इस मामले पर जवाब देना चाहिए और दोषियों पर कार्रवाई करनी चाहिए। सिटी बस कंपनी जैसी प्रतिष्ठित सेवाओं का इस तरह का दुरुपयोग न केवल नियमों का उल्लंघन है, बल्कि शहर की छवि को भी नुकसान पहुंचाता है।

इंदौर के लोग अब इस मामले पर सख्त कदम उठाने की मांग कर रहे हैं। प्रशासन क्या कार्रवाई करेगा, यह देखना बाकी है।