वीर सावरकर ने दिया, सेव कल्चर, सेव नेशन, सेव इंडिया का सिद्धांत
गांधी जी के साथ जाना मतलब समुद्र से एक लोटा जल लेना, वहीं सवारकर के साथ जाना अर्थात प्राण हथेली पर लेना। मित्र मेला द्वारा आयोजित व्याख्यान में “राष्ट्रीय सुरक्षा नीति के पितामह” विषय पर बोलते हुए यह बात प्रसिद्ध इतिहासकार, लेखक व केंद्रीय सूचना आयुक्त उदय महुरकर जी ने कही।
राष्ट्रीय सुरक्षा नीति के पितामह वीर सावरकर विषय पर मित्र मेला ने किया व्याख्यान का आयोजन
केंद्रीय सूचना आयुक्त उदय महुरकर रहे मुख्य वक्ता, पूर्व चीफ जस्टिस वीएस कोकजे भी हुए शामिल
द एक्सपोज़ लाइव न्यूज़ नेटवर्क, इंदौर।
इंदौर की संस्था मित्र मेला द्वारा वीर सावरकर जी की 140वीं जयंती के उपलक्ष्य में शनिवार को एसजीएसआईटीएस महाविद्यालय के स्वर्ण जयंती सभागार में व्याख्यान कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में प्रसिद्ध लेखक, इतिहासकार व भारत सरकार के केंद्रीय सूचना आयुक्त उदय महुरकर मुख्य वक्ता थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री वी.एस कोकजे (पूर्व मुख्य न्यायाधीश राजस्थान व पूर्व राज्यपाल हिमाचल प्रदेश) ने की।
“टू नेशन थ्योरी” के विवाद पर महुरकर ने कहा कि इस भाषण को हमेशा तोड़ मरोड़कर प्रस्तुत किया। गांधी जी के सिद्धांत ही पाकिस्तान के लिए जिम्मेदार हैं। गांधी ने लेख में कहा कि अगर 8 करोड़ मुसलमान भारत में नहीं रहना चाहते तो मैं कैसे रोक सकता हूं। 1942 में कांग्रेस ने गांधी के इस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर कर दिया, 1944 में बड़े-बड़े बुद्धिजीवियों ने इसका समर्थन किया।
माफी मांगना रणनीति का हिस्सा
महुरकर ने कहा कि सावरकर को कांग्रेस से भी बड़ा दुश्मन बताया अंग्रेजो ने, फिर सावरकर को माफी वीर कहना कहां तक उचित है? माफी तो वीर शिवाजी महाराज ने भी मुगलों को लिखी, जो चाणक्य नीति थी, हिंदवी स्वराज स्थापना करने की। वीर सावरकर जी भी नेताजी और शिवाजी को मानने वाले व्यक्ति थे। उन्होंने भी माफी यह कहकर लिखी कि भारत निर्माण के कार्य के लिए माफी भी मांगना पड़े तो उचित है, जो उन्होंने किया।
दो फ्रंट पर लड़े थे सावरकर
महुरकर ने कहा कि सावरकर दो फ्रंट पर लड़ रहे थे, अंग्रेजो के विरुद्ध और कांग्रेस की मुस्लिम तुष्टिकरण नीति के विरुद्ध भी। कांग्रेस जबकि स्वयं की स्वार्थ सिद्ध के लिए लड़ी थी। 1942 में और 1947 में उन्होंने कहा कि जब तक पाकिस्तान है, तब तक भारत चैन की नीद नहीं सो पाएगा। जो आज देख सकते हैं। समस्त युद्धों में हम मजबूत स्थिति के बावजूद कुछ हासिल नहीं कर पाए। बल्कि जो था वो भी गंवा बैठे। ताशकंद समझौता इसका उदाहरण है।
नेताजी ने भी ली थी सावरकर से प्रेरणा
महुरकर ने कहा कि नेताजी ने आजाद हिंद फौज की प्रेरणा सावरकर जी से ली। देश छोड़ कर गए और आजाद हिंद फौज का गठन किया। रास बिहारी बोस ने भी वीर सावरकर जी को आदर्श माना था। 370 का हटना, राम मंदिर बनना ये सब सावरकर युग का उदय है। जो 1947 में ना होकर 2014 से शुरू हुआ। सत्य को कुछ वर्ष के लिए दबाया जा सकता है लेकिन एक दिन वो सच सामने आएगा।
देश पहले था सावरकर के लिए
वीर सावरकर के लिए देश प्रथम था। सावरकर जाते काग्रेस में तो गांधी जी के समकक्ष आ जाते, जो उन्होंने नहीं किया। यही देश प्रथम था। गाँधी जी के द्वारा किए हुए नुकसान को नहीं भुलाया जा सकता। हिन्दू मुस्लिम एकता एक्ट हिंदू कास्ट, ये संविधान साबित करता है। जिसके सावरकर विरोधी थे।
समान अधिकार के पक्ष में
गांधी के कत्ल में सावरकर के विरुद्ध बयान देने वाले ने 1978 में कहा कि वो बयान सरकारी दबाव में दिया गया था। सावरकर समान अधिकार के पक्षधर थे। वे कहते थे मैं देश के अंदर एक और देश नहीं बनने दे सकता। तुष्टीकरण के नाम पर विभाजन नहीं करने दूंगा।
आज भी जिंदा हैं सावरकर
अध्यक्षता कर रहे जस्टिस वीएस कोकजे कहा कि 140 साल बाद भी देश की युवा शक्ति उनके बारे में व्याख्यान करे तो उनके जीवित रहने का सबसे बड़ा प्रमाण है। उन्होंने राजनीति की बजाय समाज और राष्ट्र निर्माण का कार्य किया। वो भारतीयता और भारत के मूल के सिद्धांत पर चले।
ओटीटी घातक है
उदय महुरकर जी ने OTT पर बढ़ रही अश्लीलता पर अपना विजन सबके सामने रखा और इसे बढ़ावा देना गंभीर अपराध माना। कार्यक्म में मुख्य अतिथि के रूप में समाज सेवी श्री पंकज देव जी और श्री राकेश दांगी जी उपस्थित रहे। प्रस्तावना प्रसन्न शुक्ला ने रखी, संचालन कुणाल भवर और आभार अक्षय सिंह ने माना। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महिला, पुरुष, युवा वर्ग, प्रबुद्ध नागरिक उपस्थित रहे।