सयाजी होटल की लीज कंपाउंडिंग में नया नियम ही बाधक

सयाजी होटल प्रबंधन की तरफ से लीज कंपाउंडिंग का आवेदन आईडीए में लगाया गया है। इसके आधार पर प्रबंधन की तरफ से हाईकोर्ट में लीज निरस्ती की कार्रवाई के मामले में इस तथ्य को रखा। इसके बाद हाईकोर्ट ने आईडीए से जवाब मांगा और फिलहाल लीज निरस्ती की कार्रवाई पर स्थगन जारी रखा।

सयाजी होटल की लीज कंपाउंडिंग में नया नियम ही बाधक

नया नियम की धारा 22 का लाभ लेने के लिए होटल प्रबंधन ने लगाया कंपाउंडिंग का आवेदन

यही नियम कहता है कि यदि कोर्ट के आदेश पर निरस्त हुई है लीज तो नहीं होगी कंपाउंडिंग

द एक्सपोज लाइव न्यूज नेटवर्क, इंदौर। Indore News.

पर इस पूरे मामले में एक पेंच फंस रहा है। सयाजी होटल प्रबंधन की तरफ से टीएनसीपी के संशोधित एक्ट की जिस धारा के तहत लीज कंपाउंडिंग की मांग की गई है, उसी में कुछ शर्तें ऐसी हैं, जो कंपाउंडिंग नहीं हो दे रही हैं।

धारा 22 ही कहती है कि नहीं हो सकती कंपाउंडिंग

दरअसल सयाजी होटल प्रबंधन ने नए नियम की धारा 22 का जिक्र करते हुए लीज कंपाउंडिंग का आवेदन किया है। पर इसमें यह प्रावधान है कि अगर कोई लीज निरस्त  माननीय न्यायालय के आदेश के दौरान की गई हो तो उसकी कंपाउंडिंग नए नियमों के तहत नहीं की जा सकती । सयाजी होटल की लीज निरस्ती की कार्रवाई के बाद हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने निरस्ती के फैसले को सही ठहराया था यानी लीज निरस्ती का आदेश दे दिया था।

इसके बाद सयाजी होटल प्रबंधन की तरफ से हाईकोर्ट की डबल बेंच में अपील की गई। याचिका हाईकोर्ट की डबल बेंच में विचाराधीन है। साल 2021 में पारित नवीन आदेश के आलोक में होटल सयाजी ने लीज  कंपाउंड का आवेदन प्राधिकरण में लगाया है, जिसका उल्लेख उन्होंने दायर अपील में भी किया है।

आईडीए ने पहुंचाया सयाजी को फायदा

दरअसल पूरे मामले में आईडीए की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। दरअसल मामला 2017 का है, जब प्राधिकरण ने होटल सयाजी की लीज  को गलत मानते हुए निरस्त किया था। लीज निरस्ती के बाद कानूनी प्रावधानों के हिसाब से प्राधिकरण को सयाजी का कब्जा लेना था, लेकिन प्राधिकरण ने कब्जा नहीं लिया। यहां तक की हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी कब्जा न लेते हुए सयाजी होटल प्रबंधन को आदेश के खिलाफ कोर्ट में याचिका लगाने का पूरा समय दिया।

कंपाउंडिंग की जा सकती है, पर मूल स्वरूप में

2021 में मध्यप्रदेश राज्य शासन ने नए कंपाउंडिंग नियम लागू कर दिए, जिसके तहत अगर लीजधारक लीज की सारी शर्तों को पालन करने के लिए तैयार है, तो इसकी कंपाउंडिंग की जा सकती है। पर नए प्रावधानों में सबसे पहली शर्त है लीज को  मूल स्वरूप में लाना है।

इसका सीधा अर्थ है, जो सयाजी प्लाजा, होटल सयाजी के प्रबंधकों ने बनाकर बेच  दिया है, सर्वप्रथम उसको कागजों पर अपने नाम पर लेकर आना होगा। दूसरा उसका विधिवत कब्जा लेना और उसके बाद जो नक्शा उसने मूल स्वरूप के विपरीत पास कराया है, उसको निरस्त कर  पुनः नक्शे को मूल स्वरूप में लेकर आना होगा।