खजराना की अवैध मल्टी का मामला विधानसभा में

खजराना के खसरा नंबर 543/2 पर बनी अवैध मल्टी का मामला एक बार फिर विधानसभा में पहुंच गया है। इंदौर क्षेत्र क्रमांक 5 के विधायक महेंद्र हार्डिया ने सवाल उठाया कि इस मामले में हाईकोर्ट में शासन का पक्ष कमजोर क्यों रखा गया? यह सीधे-सीधे भूमाफिया को फायदा पहुंचाने की कोशिश है। हालांकि राजस्व मंत्री गोविंद राजपूत ने जवाब दिया कि हाईकोर्ट की डबल बेंच में अपील की जा रही है।

खजराना की अवैध मल्टी का मामला विधानसभा में

विधायक महेंद्र हार्डिया ने उठाया सवाल, हाईकोर्ट में शासन का पक्ष कमजोर क्यों रखा गया

राजस्व मंत्री ने दिया जवाब, की जा रही है डबल बेंच में अपील की तैयारी

द एक्सपोज लाइव न्यूज नेटवर्क, इंदौर। Indore News.

यह हैं विधायक हार्डिया के सवाल

  • - क्या इन्दौर शहर की ग्राम खजराना की सर्वे क्रमांक 543/2 की भूमि शासन की अतिशेष भूमि है? 
  • - क्या यह सही है कि उस पर भू-माफिया द्वारा जी प्लस 4 बहुमंजिला इमारत बनाई गई है? 
  • - यदि हाँ तो करोड़ों की शासकीय भूमि के केस में माननीय उच्च न्यायालय एवं राजस्व न्यायालय ग्वालियर में शासन का पक्ष कमजोर क्यों रखा गया? 
  • - शासन को जो आर्थिक क्षति हुई है, इसके लिए कौन जिम्मेदार है? 
  • - भू-माफिया को करोड़ों का लाभ क्यों पहुँचाया गया?
  • - शासन की इस भूमि को बचाने के लिए सही एवं वास्तविक तथ्यों के साथ माननीय उच्च न्यायालय में पुन: अपील कब की जाएगी?

राजस्व मंत्री  गोविन्द सिंह राजपूत ने यह दिया जवाब

  • - इन्दौर शहर की ग्राम खजराना की सर्वे क्रमांक 543/2 की भूमि शासन की अतिशेष भूमि है। सर्वे क्रमांक 543 के बटांकन नंबर 01 एवं 02 को लेकर विवाद है, जिसमें माननीय उच्च न्यायालय इन्दौर के सिंगल बैंच के आदेशानुसार उक्त भूमि को निजी माना गया है, तथा शासन के अनुसार उक्त भूमि शासकीय भूमि है। उक्त भूमि पर बहुमंजिला ईमारत बनी है।
  • - प्रश्नांकित भूमि के संबंध में माननीय अतिरिक्त महाधिवक्ता के मार्गदर्शन में माननीय उच्च न्यायालय इन्दौर के सिंगल बैंच में अपील प्रस्तुत की गई थी, तथा अतिरिक्त महाधिवक्ता के मार्गदर्शन में ही माननीय उच्च न्यायालय इन्दौर की डबल बैंच में मजबूती से शासन हित रक्षण की कार्यवाही की जा रही है। चूंकि शासन के हितरक्षण में डबल बैंच में अपील की कार्यवाही की जा रही है, अत: भूमाफिया को करोड़ों का लाभ पहुंचाए जाने का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
  • - अतिरिक्त महाधिवक्ता के मार्गदर्शन में माननीय उच्च न्यायालय इन्दौर के डबल बैंच में अपील प्रस्तुत किए जाने की कार्यवाही की जा रही है।

कांग्रेस सरकार आते ही करवा लिया फैसला

खजराना के खसरा नं. 543/2 की 0.109 हेक्टेयर जमीन सीलिंग की है, इस पर भी मल्टी का आधा हिस्सा बना हुआ है। शेष आधा हिस्सा 543/1 पर है। जमीन पर मालिकाना हक मिनाक्षी जैन और राकेश जैन बता रहे हैं। शिकायत आने के बाद तहसीलदार ने अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए। बिल्डर एसडीएम कोर्ट गए पर अपील खारिज हुई। इसके बाद संभागायुक्त कार्यालय से अपील खारिज हुई और प्रशासन ने मल्टी कुर्क कर ली थी। बिल्डर ने सरकार बदलते ही राजस्व मंडल ग्वालियर में अपील की और अपने हक में आदेश करवा लिया। राजस्व मंडल ने आदेश में कहा कि सरकारी रिकॉर्ड को सुधारा जाए, ताकि सीलिंग की जमीन का मालिक बिल्डर बन जाए। इसके बाद इंदौर जिला प्रशासन ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई, लेकिन शासन की तरफ से पक्ष कमजोर रखा गया, जिसके चलते याचिका खारिज हो गई। 

पूर्व मंडल अध्यक्ष ने भी की थी शिकायत

इस मामले में इंदौर भाजपा के शिवाजी मंडल के पूर्व अध्यक्ष दिनेश सोनगरा ने कलेक्टर को शिकायत की थी। इस शिकायत में आरोप लगाया था कि हाईकोर्ट में शासन की अपील खारिज होने का कारण यही है कि शासन की तरफ से जोरदार पैरवी नहीं की गई थी। इस याचिका के खारिज होने से शासन को करीब सात करोड़ का नुकसान हुआ है। ये थे आरोप

 

  • - राजस्व न्यायालय में समय पर कोई शासकीय अधिवक्ता शासन का पक्ष रखने के लिए नहीं गया।
  • - राजस्व न्यायालय ने अभिलेख मांगे तो भी तहसील कार्यालय से कोई अभिलेख नहीं पहुंचाया गया।
  • - इसे देखे बिना राजस्व न्यायालय ने 21 मई, 2019 को एकतरफा आदेश दे दिया।
  • - इसके बाद जिला प्रशासन की तरफ से हाईकोर्ट में याचिका पेश करने में काफी देरी की गई।
  • - शासन ने याचिका हाईकोर्ट में तब लगार्ई, जब जमीन मालिक मिनाक्षी और राकेश जैन ने याचिका लगा दी।
  • - हाईकोर्ट में शासन की तरफ से अपना पक्ष काफी कमजोर तरीके से रखा गया, जिससे जमीन मालिकों को फायदा मिल गया।