महेश्वर में मनाई गई अहिल्या देवी होल्कर की पुण्य तिथि

1 सितंबर को महेश्वर में पुण्यश्लोक अहिल्या देवी होल्कर की पुण्य तिथि पर होलकर राजपरिवार द्वारा पारंपरिक विधि-विधान से पिंडदान पूजा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर होलकर राजघराने के महाराजकुमार श्रीमंत शिवाजीराव होलकर और युवराज यशवन्तराव होलकर ने मातोश्री अहिल्या देवी को पिंडदान कर श्रद्धांजलि अर्पित की।

महेश्वर में मनाई गई अहिल्या देवी होल्कर की पुण्य तिथि

द एक्सपोज़ लाइव न्यूज़ नेटवर्क इंदौर 

सुबह के समय महेश्वर नगर के मुख्य चौराहे से एक भव्य पालकी यात्रा निकाली गई, जिसमें राजपरिवार और अन्य श्रद्धालु सम्मिलित हुए। पालकी यात्रा के पश्चात राजगादियों का पूजन किया गया और फिर समाधि मंदिर में पिंडदान संपन्न हुआ। अंत में पवित्र नर्मदा नदी में पिंड को प्रवाहित किया गया, जो एक प्राचीन और महत्वपूर्ण धार्मिक परंपरा है।

इस विशेष अवसर पर राजोपाध्याय डॉ. विजय कवठेकर, पंचभैया चंद्रकांत होल्कर, इतिहास संशोधक रामभाऊ लांडे, फडनीस ऋषिकेष रणछोड़, भीमसिंह ठाकुर सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

पृष्ठभूमि अहिल्या देवी होल्कर (31 मई 1725 - 13 अगस्त 1795) एक महान मराठा शासिका थीं, जिन्होंने अपने जीवनकाल में मालवा क्षेत्र में शासन किया। उनका जन्म महाराष्ट्र के चौंडी गांव में हुआ था। अहिल्या देवी ने इंदौर और महेश्वर को अपना प्रशासनिक और सांस्कृतिक केंद्र बनाया। उनके शासनकाल में महेश्वर ने अपनी सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर को समृद्ध किया। वे धर्म, न्याय और प्रशासनिक कुशलता के लिए जानी जाती थीं और उन्होंने अपने जीवन में कई मंदिरों और धार्मिक स्थलों का निर्माण करवाया। उनका देहावसान 13 अगस्त 1795 को हुआ, और उनकी पुण्यतिथि पर हर वर्ष उनके योगदानों को स्मरण करने के लिए विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।