हाईकोर्ट का आदेश, एक घंटे में मिलना चाहिए रेमडेसिविर इंजेक्शन
मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण और मरीजों के इलाज में बदइंतजामियों के मामले में जबलपुर हाईकोर्ट ने सोमवार को एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया। 49 पन्नों के अपने फैसले में हाईकोर्ट ने कहा कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण के हालात भयावह हैं। ऐसे हालात में हाईकोर्ट मूकदर्शक बनकर नहीं रह सकता है।
जबलपुर हाईकोर्ट ने कोरोना संक्रमण को लेकर लगी याचिकाओं पर दिया फैसला
डॉक्टरों और पैरामडिकल स्टॉफ बढ़ाने का भी निर्देश, अगली सुनवाई 10 मई को
द एक्सपोज लाइव न्यूज नेटवर्क, जबलपुर। Jabalpur News.
कोर्ट ने कहा कोरोना के जरूरतमंद मरीज को एक घंटे के भीतर रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध होना चाहिए। दरअसल कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा की पत्र याचिका सहित 6 अन्य जनहित याचिकाओं पर जबलपुर हाईकोर्ट ने मध्यप्रदेश सरकार को विस्तृत दिशा निर्देश दिए। हाईकोर्ट ने केन्द्र सरकार को भी दखल देने का आदेश दिया है।
बढ़ाएं उत्पादन
कोर्ट ने कहा कि अस्पतालों में ऑक्सीजन और रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी ना हो पाए। उद्योगों को दी जाने वाली ऑक्सीजन, अस्पतालों में पहुंचाएं। देश में रेमडेसिविर इंजेक्शन का उत्पादन बढ़वाने का प्रयास करे। हाईकोर्ट राज्य सरकार को सभी दिशा निर्देशों पर अमल कर 10 मई को सुनवाई के पहले एक्शन टेकन रिपोर्ट पेश करने को भी कहा है।
ये हैं हाईकोर्ट के आदेश
- जरूरत पड़े तो सरकार विदेशों से रेमडेसिवीर का आयात भी करवाए।
- प्रदेश में कोरोना की पहली लहर के बाद बंद कर दिये गए सभी कोविड केयर सेंटर्स को फिर से खोले जाएं।
- निजी अस्पताल मरीजों से मनमानी वसूली ना कर पाएं। सरकार इलाज की दरें निर्धारित कर रोक लगाए।
- प्रदेश में विद्युत शवदाह गृहों की संख्या बढ़ाई जाए।
- कोरोना जांच की संख्या बढ़ाई जाएँ और आरटी-पीसीआर टेस्ट का रिजल्ट अधिकतम 36 घंटे में दिया जाए।
- ऑक्सीजन के लिए निजी अस्पतालों में एयर सैपरेशन यूनिट लगाने के लिए उन्हें सॉफ्ट लोन दिए जाएं।
- डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टॉफ के सभी रिक्त पदों पर संविदा आधार पर नियुक्ति की जाए।
- अस्पताल किसी दूसरी बीमारी से पीड़ित मरीजों को भर्ती करने से इंकार ना करें, यह तय किया जाए।