इंदौर में क्यों नहीं बनता मल्टी लेयर फ्लाईओवर

नागपुर में बना हे एशिया का सबसे बड़ा मल्टीलेयर फ्लाईओवर, केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के विशेष प्रयासों से महामेट्रो और एनएचएआई ने बनाया हे यह फ्लाईओवर

इंदौर में क्यों नहीं बनता मल्टी लेयर फ्लाईओवर

द एक्सपोज लाइव न्यूज़ नेटवर्क इंदौर

जुलाई महीने में नागपुर में एशिया के सबसे बड़े multi-layer फ्लाईओवर का उद्घाटन किया  यह  3 परतों  में बना हे  जिसमें सबसे नीचे सामान्य ट्रैफिक, उसके ऊपरी परत पर जिसकी ऊंचाई 9 मीटर हे पर से हाईवे गुजर रहा हे  और सबसे ऊंचे 20 मीटर पर से मेट्रो गुजरती है! वर्टीकल अरबनाइजेशन का यह  एक सटीक उदाहरण भी हे !  जैसे-जैसे धरती पर जनसंख्या बढ़ रही हे  वैसे वैसे रहने के लिए घरों और दूसरी अन्य सुविधाओं की जरूरत भी द्रुत गति से बढ़ रही हे !  जमीन जिस का उत्पादन संभव नहीं हे  और वह सीमित संसाधनों की श्रेणी में भी आता हे !  2014 में जब नवीन भूमि अधिग्रहण जब कानून बना था तब खुद तत्समय  विपक्ष में एवं तत्कालीन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था की भूमि एक ऐसी विषय वस्तु हे  जिसका उत्पादन संभव नहीं हे  इसलिए जब भी इसका अधिग्रहण विकास हेतु किया जाए हमें बहुत सोचने और समझने की जरूरत हे और तभी से नविन अधिग्रहण कानून में किसान की सहमति लेने वाली धारा को और अधिक कठोर बना दिया गया था !  इस मल्टी लेयर फ्लाईओवर के  उद्घाटन के बाद स्वयं नितिन गडकरी कह चुके हैं मल्टी लेयर बनाने से ना सिर्फ  समय और धन की बचत होगी बल्कि अधिक भूमि के अधिग्रहण से भी बचा जा सकता है और अब भारत देश को मल्टी लेवल फ्लाईओवर की ही जरूरत है ! 

इंदौर में भी नितिन गडकरी पिछले महीने यह बात कह चुके हैं ,शहर में पश्चिमी रिंग रोड  का भी विरोध इसी बात को लेकर है! 

लगभग 55 किलोमीटर लंबाई में बन रही पश्चिमी रिंग रोड और इकोनामिक कॉरिडोर का विरोध किसान इसीलिए कर रहे हैं क्योंकि उसकी चौड़ाई 75 मीटर रखी गई है जो किसी के  भी गले नहीं उतर रही !  इतना ही नहीं इस रोड का अधिकतम हिस्सा इंदौर विकास प्राधिकरण द्वारा बनाया जाना हे  और इंदौर विकास प्राधिकरण को फायदा पहुंचाने के लिए सड़क के दोनों ओर विकास के नाम पर अधिक अधिग्रहण किया जा रहा हे  ताकि इंदौर विकास प्राधिकरण को भरपूर फायदा हो सके !  कई किसान संगठन जिसमें भारतीय किसान संघ प्रमुख हे  लगातार इसका विरोध कर रहे हैं और सरकार सुनने को राजी नहीं हे ! जहां एक और  किसानों में आक्रोश हे वंही अब  वे आंदोलन करने की बात भी कहने लगे  हैं !  अगर वाकई शासन सिर्फ ट्रैफिक को सुगम करने के उद्देश्य से ही यह सड़क बना रहा हे  तो मल्टीलेयर फ्लाईओवर एक अच्छा विकल्प सरकार के लिए हो सकता हे जिससे ट्रैफिक की समस्या से निजात भी मिलेगी ,अधिक अधिग्रहण से बचा भी जा सकेगा और किसानों का विरोध भी थम सकता हे ! अब  सरकार को इसके लिए सोचने की  जरूरत   हे  ! क्योंकि विकास की इबादत बंजर भूमि का उपयोग कर के ही लिखी जा सकती हैं सिंचित भूमि का विनाश कर के नहीं हैं।