मुख्यमंत्री ऐलान : आज से प्रदेश में लागू होगा पेसा एक्ट
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने टंट्या मामा बलिदान दिवस कार्यक्रम में बड़ा ऐलान करते हुए बताया कि मध्य प्रदेश में आज से "पेसा एक्ट" लागू किया जा रहा। अधिसूचना के प्रावधानों के तहत प्रदेश के अनुसूचित क्षेत्रों में ग्राम सभाओं को सशक्त करने के लिए आज यह एक्ट प्रदेश में लागू किया जा रहा है।
जिनके लहू से मिली हमें आजादी, उन जनजातीय वीरों को प्रणाम करने आया हूं – मुख्यमंत्री चौहान
इंदौर के नेहरू स्टेडियम में आयोजित हुआ टंट्या मामा बलिदान दिवस स्मृति में भव्य कार्यक्रम
जननायक टंट्या मामा की आस्था में सरोबार हुआ संपूर्ण मालवा एवं निमाड़ क्षेत्र, उमड़ी भारी भीड़
द एक्सपोज लाइव न्यूज नेटवर्क, इंदौर। Indore News.
सीएम ने कहा कि प्रदेश में निवास कर रहे वनवासी जन जिनके दिसम्बर 2006 से पूर्व के वन अधिकार के कब्जे अभी तक नहीं दिए गये हैं, उन्हें वन अधिकार पट्टा दिए जाएंगे। इसके लिए प्रदेश में फिर से एक अभियान चलाया जाएगा। कोई भी जनजातीय अब अपने अधिकारों से वंचित नहीं रहेगा।
शनिवार को इंदौर के नेहरू स्टेडियम में आयोजित स्मृति कार्यक्रम में राज्यपाल मंगुभाई पटेल और प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जनजातीय गौरव एवं अस्मिता के प्रतीक जननायक टंट्या मामा के बलिदान दिवस पर उनको श्रद्धांजलि अर्पित कर नमन किया। साथ ही जननायक टंट्या मामा के स्मृति में चलायी गई गौरव कलश यात्रा का स्वागत एवं पूजन किया। वहीं टंट्या मामा के वंशजों को नमन कर उनका सम्मान भी किया।
खुशी हुई कार्यक्रम में आकर
राज्यपाल मंगु भाई पटेल ने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन के महानायक क्रांतिसूर्य जननायक टंट्या मामा के बलिदान दिवस पर आयोजित इस कार्यक्रम में शामिल होकर उन्हें हर्ष और गौरव का अनुभव हो रहा है। राज्यपाल पटेल ने मुख्यमंत्री चौहान को धन्यवाद दिया कि उन्होंने जननायक टंट्या मामा की स्मृति में तथा उनकी शहादत को सम्मान करने के लिए इस भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया।
जननायकों को याद करने का समय
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि टंट्या मामा के नाम से इंग्लैंड तक अंग्रेज डरते थे। स्वतंत्रता आंदोलन के जननायक टंट्या मामा ने गरीबों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों के विरुद्ध हथियार उठाए। देश की आजादी के लिए टंट्या मामा जैसे जनजातीय वीर जिन्होंने अपने शरीर के खून की अंतिम बूंद समर्पित कर दी, उन्हें आज याद करने का वक्त है।
सीएम ने खोल दिया घोषणाओं का पिटारा
- मध्यप्रदेश की धरती पर कोई भी जनजातीय बंधु अब परेशान नहीं होगा। छोटे-मोटे कानूनी मामलों के चलते पुलिस और कोर्ट के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। उन्होंने घोषणा की कि जिन जनजातीय लोगों पर अपराध के छोटे-मोटे मामूली मामले चल रहे हैं उन सभी को वापस लिया जाएगा।
- प्रदेश में जिन जनजातीय भाई-बहनों के पास रहने के लिए पक्का मकान नहीं है, उन्हें आवास बनाने के लिए जमीन का पट्टा दिया जाएगा। कोई भी जनजातीय बंधु बिना जमीन या मकान के नहीं रहेगा। इसके लिये मध्यप्रदेश सरकार मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना लागू करेगी।
- जनजातीय भाई बहनों को अब राशन के लिए दूरदराज गांव जाकर पूरा दिन व्यर्थ नहीं करना पड़ेगा, बल्कि राशन आपके ग्राम योजना के तहत राशन हर गांव के घर-घर तक पहुंचाया जाएगा। राशन पहुंचाने के लिए सरकारी वाहनों के बजाय जनजातीय युवाओं को वाहन बैंक से सरकार द्वारा फाइनेंस करवाए जाएंगे।
- जनजातीय युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए एक लाख बैकलॉग के पदों पर भर्ती कराई जाएगी। मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना के तहत 50 लाख रूपये तक का ऋण उद्योग लगाने के लिए युवाओं को दिया जाएगा। इस लोन में बैंकों को गारंटी भी सरकार देगी और ब्याज पर 3 प्रतिशत सब्सिडी भी मिलेगी।
- इंदौर संभाग के सभी जिलों में किसानों को सिंचाई के लिए नर्मदा का जल पहुंचाया जा रहा है। जिन क्षेत्रों में नहरों से पानी नहीं पहुंच पा रहा है, वहां कपिलधारा योजना अन्तर्गत कुएं खुदवाकर पानी पहुंचाया जाएगा। जनजातीय क्षेत्रों में पीने के पानी के लिए पाइप लाइन बिछाई जाएगी।
- शोषण से मुक्ति का अभियान भी चलाया जाएगा। बिना लाइसेंस अधिक ब्याज पर जिन सूदखोरों द्वारा 5 अगस्त 2020 तक जनजातीय बंधुओं को पैसे दिए गए हैं, ऐसे कर्ज़ों को अब माफ किया जाएगा। यदि सूदखोरों द्वारा गरीबों को फिर भी प्रताड़ित किया जाता है तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
- आदिवासियों द्वारा जो परंपरागत शराब बनाने का कार्य किया जा रहा है उसको भी शासन संरक्षण देगा। उन्होंने कहा कि नई आबकारी नीति के तहत आदिवासियों द्वारा बनाई जा रही शराब को हैरिटेज शराब के नाम से विक्रय किये जाने का अनुमति दी जाएगी।
- जनजातीय क्षेत्रों में विद्यार्थियों को उत्तम शिक्षा प्रदान करने के लिए सीएम राईज स्कूल खोले जाएंगे। आकांक्षा योजना के तहत आईआईटी, मेडिकल एवं लॉ में चयनित होने वाले बच्चों की फीस माफ की जाएगी। प्रदेश के जबलपुर, भोपाल, इंदौर में जनजातीय विद्यार्थियों की काउंसलिंग के लिए केंद्र खोले जाएंगे।
तहसील कार्यालय का नामकरण
राज्यपाल पटेल एवं मुख्यमंत्री चौहान द्वारा डॉ. अम्बेडकर नगर (महू) के अनुभाग/तहसील कार्यालय का नामकरण "क्रांतिसूर्य जननायक टंट्या भील प्रशासनिक संकुल डॉ. अम्बेडकर नगर (महू)" करते हुए नवनिर्मित संकुल का वर्चुअल अनावरण एवं पर्यटन विभाग द्वारा पातालपानी क्षेत्र के उन्नयन हेत स्वीकृत विकास कार्यो का वर्चुअल शिलान्यास किया गया। साहित्य अकादमी द्वारा प्रकाशित टंट्या मामा के जीवनकाल पर आधारित पुस्तक का विमोचन भी किया गया। कार्यक्रम में जनजातीय कलाकार आनन्दीलाल भावेल द्वारा गाये गये जनजातीय गीत पर मुख्यमंत्री चौहान एवं मंच पर उपस्थित मंत्रीगण एवं अन्य जनप्रतिनिधियों ने नृत्य भी किया।
ये भी रहे मौजूद
इस अवसर पर गृह मंत्री एवं इंदौर जिले के प्रभारी मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री सुश्री उषा ठाकुर, जनजाति कल्याण विभाग मंत्री सुश्री मीना सिंह, वन मंत्री विजय शाह, खजुराहो संसदीय क्षेत्र के सांसद वी.डी. शर्मा, इंदौर सांसद शंकर लालवानी सहित अन्य सांसदगण, विधायकगण, जनप्रतिनिधि तथा प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे।
टंट्या मामा की चित्र प्रदर्शनी भी लगी
नेहरू स्टेडियम इंदौर में टंट्या मामा के जीवन पर आधारित एक चित्र प्रदर्शनी लगायी गई है। राज्यपाल मंगूभाई पटेल और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज इस प्रदर्शनी का अवलोकन किया। चित्र प्रदर्शनी में टंट्या मामा का वह वास्तविक फोटोग्राफ भी शामिल हैं जब उन्हें गिरफ़्तार करके जबलपुर जेल भेजा गया था। प्रदर्शनी में टंट्या मामा के पैरों में बेड़ियां जकड़े हुए एक फ़ोटो भी शामिल है। उनके पैतृक गाँव गढ़ी कोठड़ा में किशन जी के निवास स्थान पर स्थित देवस्थान भील परंपरा की जानकारी देता है। टंट्या मामा के पोते और किशन जी के पुत्र नत्थू सिंह का वास्तविक चित्र, ग्राम कोठड़ा में स्थित पीर की दरगाह और जबलपुर में सन 1874 में बनी सेंट्रल जेल का फ़ोटो भी वहाँ लगाया गया है। यहीं पर 4 दिसंबर 1889 को टंट्या मामा को फाँसी दी गई थी।
चित्र प्रदर्शनी में टंट्या मामा और उनके साथियों को जब गिरफ़्तार किया गया तो उनके पास से ज़ब्त तीर धनुष के फोटोग्राफ भी हैं, ये तीर धनुष वर्तमान में लंदन के म्यूज़ियम में सुरक्षित हैं। 10 नवंबर 1889 को द न्यूयॉर्क टाइम्स में एक समाचार प्रकाशित हुआ था, जिसमें अंग्रेज़ पत्रकार द्वारा टंट्या मामा को भारतीय रॉबिन हुड कहा गया था। इसमें उल्लेख है कि अंग्रेजों से लूटे गए धन एवं वस्तुओं का स्वयं उपयोग टंट्या मामा द्वारा कभी भी नहीं किया गया। लूटे हुए धन एवं वस्तुओं को गरीबों में बांट दिया करते थे। समाचार पत्र की फ़ोटो भी यहाँ दर्शाई गई है। इसके अतिरिक्त अन्य बहुत से पोर्टेट यहाँ लगाए गए हैं जो उनके जीवन के विविध पक्षों को प्रदर्शित करते हैं।