इंदौर में आउटर रिंग रोड के निर्माण के खिलाफ किसानों का लगातार आंदोलन,अभी चरणों में बैठ हुआ विरोध
शहर के बाहरी इलाके में बन रही आउटर रिंग रोड को लेकर किसानों का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब भारतीय किसान संघ (BKS) भी इस आंदोलन में शामिल हो गया है। खासतौर पर सांवेर तहसील के बालोद गांव क्षेत्र के किसान बड़ी संख्या में इकट्ठा होकर इस सड़क परियोजना का विरोध कर रहे हैं, क्योंकि उनका मानना है कि यह परियोजना अनावश्यक है और इसके लिए उपजाऊ कृषि भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है। विरोध के दौरान भारी मात्रा में युवा किसान मौजूद रहे ,और संख्या लगातार बढ़ रही हे !
एक्सपोज़ लाइव न्यूज़ नेटवर्क इंदौर : प्रदर्शन तब और तेज हो गया जब स्थानीय प्रशासन, जिसमें एसडीएम (SDM) भी शामिल थे, ने किसानों के खिलाफ कार्रवाई करने की धमकी दी और पुलिस बल तैनात करने की बात कही। इसके जवाब में, किसानों ने, भारतीय किसान संघ और अन्य कृषि संगठनों के समर्थन से, प्रशासन को कड़ी चेतावनी दी। किसानों ने कहा, "आप जितना पुलिस बल लेंगे, हम उससे दस गुना अधिक संख्या में एकत्रित हो जाएंगे। आप डंडे चलाते-चलाते थक जाएंगे, लेकिन हम अपनी जमीन माता को बचाने के लिए अपनी जान तक दे देंगे।"
किसानों का आरोप है कि इस आउटर रिंग रोड का निर्माण बिना किसी जन मांग या आवश्यकता के किया जा रहा है। उनका मानना है कि यह सड़क परियोजना उनकी उपजाऊ भूमि पर गैर-जरूरी हस्तक्षेप है, जो उनके जीवनयापन के साधनों को खतरे में डाल रही है। किसानों का यह भी कहना है कि सरकार शहरी विस्तार को बढ़ावा देने के चक्कर में किसानों के अधिकारों को नजरअंदाज कर रही है, जबकि इस सड़क के लिए वैकल्पिक रास्ते भी हो सकते थे जिससे कृषि भूमि का संरक्षण किया जा सकता था।
जैसे ही बालोद क्षेत्र में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हुई, बड़ी संख्या में किसान वहां एकत्रित हो गए और अपना असंतोष व्यक्त किया। विभिन्न किसान संगठनों के जुड़ने से यह आंदोलन तेजी से फैल रहा है, और इसकी तुलना 2016 के किसान आंदोलन से की जा रही है, जब बड़े पैमाने पर विरोध ने सरकार को अपनी नीतियों पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर किया था। हालांकि, ऐसा प्रतीत होता है कि प्रशासन टकराव की स्थिति के लिए तैयार हो रहा है और इस परियोजना को आगे बढ़ाने के प्रयास में जुटा है।
किसानों ने स्पष्ट कर दिया है कि वे विकास के विरोधी नहीं हैं, लेकिन वे यह मांग कर रहे हैं कि विकास उनके जीवन और उपजाऊ भूमि की कीमत पर नहीं होना चाहिए। उनका आरोप है कि प्रशासन ने किसानों के साथ कोई सार्थक संवाद नहीं किया और उनकी समस्याओं को समझे बिना इस परियोजना को जबरन आगे बढ़ा रहा है।
जैसे-जैसे तनाव बढ़ता जा रहा है, स्थिति और भी अस्थिर होती जा रही है, और ऐसा लगता है कि दोनों पक्ष पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। आने वाले दिनों में और भी किसान और संगठन इस आंदोलन में शामिल हो सकते हैं, जो इस भूमि अधिग्रहण और आउटर रिंग रोड परियोजना के खिलाफ अपनी दृढ़ प्रतिरोध बनाए रखेंगे। BKS के इंदौर जिला मंत्री महेश राठौर ,सांवेर तहसील अध्यक्ष सिंगारम के नेतृत्व में बड़ी संख्या में किसान लगातार विरोध कर रहे हैं !
"शासन का कहना हे यह रिंग रोड शहर और गांव की जनता के उपयोग के लिए बनाई जा रही हे ,लेकिन वास्तविकता यह हे की कोढ़ियो के भाव में सड़क के नाम पर गैरज़रूरी सड़क उद्योगों के लिए बनाई जा रही हे ,इसकी उपयोगिता न जनता के लिए हे न गांव लिए ,सिचित भूमियों का अधिग्रहण सड़क के नाम पर उद्योगों के लिए किया जा रहा हे ! अभी हमने सर्वे टीम को खेतों में नहीं घुसने देने का प्रयास हे ,आगे प्रान्त स्तर पर बैठक कर चरणबद्ध आंदोलन किया जायेगा और सरकार को प्रोजेक्ट ख़त्म करने पर मजबूर किया जायेगा भारतीय किसान संघ के साथ लगातार भारी मात्रा में पीड़ित किसान जुड़ रहे हैं !" कृष्ण पाल सिंह राठौर (संभाग अध्यक्ष -BKS )